भविष्य पुराण : पांडवो का जन्म कलियुग में भी हुआ था, जानिए किसने कहां और क्यों लिया था जन्म

हिन्दू धर्म ग्रंथ में अनेक पुराणों का वर्णन मिलता है. इन पुराणों में भगवान से जुड़ी कई घटनाओं का वर्णन है. इसी प्रकार भविष्य पुराण में द्रोण पुत्र अश्वत्थामा द्वारा पांडव पुत्रों के वध का तथा तत्पश्चात पांडवो द्वारा शिवजी से युद्ध का विस्तार से वर्णन किया गया है. भविष्य पुराण में यह भी बताया गया है कि शिवजी से युद्ध करने के कारण ही पांडवो को कलियुग में पुनः जन्म लेना पड़ा था. उनके जन्म लेने के पीछे महत्वपूर्ण कारण है उसे हम एक प्रसंग के माध्यम से जानते है.

आइए जानते है पांडव को कलियुग में जन्म क्यों लेना पड़ा-

भविष्य पुराण के अनुसार, एक समय की बात है जब अश्वत्थामा, कृतवर्मा और कृपाचार्य ये तीनों आधी रात को पांडवों के शिविर के पास गए और इन्होंने मन ही मन भगवान शिव की आराधना की और उन्हें प्रसन्न कर लिया. भगवान शिव ने प्रसन्न होकर उन्हें पांडवों के शिविर में प्रवेश करने की अनुमति दे दी. जिसके बाद अश्वत्थामा ने पांडवों के शिविर में जाकर शिवजी से प्राप्त तलवार से ही पांडवों के सभी पुत्रों का वध कर दिया और फिर वे सब वहां से चले गए.

जब इस बात का पता पांडवों को चला तो उन्होंने इस सम्पूर्ण कृत्य को भगवान शिव की करनी समझ लिया और उनसे युद्ध करने के लिए चले गए. जब पांडव शिवजी से युद्ध करने के लिए गये तो शिवजी के समक्ष जाते ही उनके सभी अस्त्र-शस्त्र भगवान शिव में समा गए और शिवजी बोले की तुम सभी श्रीकृष्ण के उपासक हो इसलिए तुम्हें इस अपराध का फल इस जन्म में नही मिलेगा, वरन इसका फल तुम्हें कलियुग में मिलेगा और इसके लिए तुम्हे कलियुग में फिर से जन्म लेना पड़ेगा.

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सभी पांडव भगवान शिव की यह बात सुनकर दुखी हो गए और वे इस विषय को लेकर श्रीकृष्ण के पास गए, तब श्रीकृष्ण ने ही उन्हें बताया कि सभी पांडव पुत्रो में से कौन-सा पांडव कलियुग में कहां और किसके घर जन्म लेगा.

• भविष्य पुराण के अनुसार, युधिष्ठिर कलियुग में वत्सराज नामक राजा के पुत्र बनें और कलियुग में उनका नाम मलखान था.

• कलियुग में भीम का जन्म वीरण के नाम से हुआ और वे वनरस नामक राज्य के राजा हुए.

• कलियुग में अर्जुन का जन्म परिलोक नाम के राजा के यहां हुआ और उनका नाम ब्रह्मानन्द था.
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• कलियुग में नकुल का जन्म कान्यकुब्ज के राजा रत्नभानु के घर हुआ, और उनका नाम लक्षण था.

• कलियुग में सहदेव का जन्म भीमसिंह नामक राजा के घर में देवीसिंह के नाम से हुआ.

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• कलियुग में धृतराष्ट्र का जन्म अजमेर में महाराजा पृथ्वीराज के रूप में हुआ और पांडव पुत्रों की पत्नी द्रोपदी ने उनकी पुत्री के रूप में जन्म लिए, जिसका नाम वेला था.

• कलियुग में महादानी कर्ण का जन्म तारक नाम के राजा के रूप में हुआ.