कारक की परिभाषा और प्रकार (Karak ki Paribhasha / Prakaar) | Defination an Types of Karak in Hindi
कारक की परिभाषा (Karak ki Paribhasha / Definition)
कारक शब्द का अर्थ हैं क्रिया को करने वाला-क्रिया का निष्पादक और सम्पादक. जो क्रिया का जनक होता हैं उसे कारक कहते हैं.
परिभाषा, संज्ञा और सर्वनाम के जिस रूप से उनका सम्बन्ध क्रिया के साथ जाना जाता हैं, उसकों कारक कहते हैं.
कारक वह व्याकरणिक कोटि हैं जो वाक्य में आए संज्ञा आदि शब्दों का क्रिया के साथ सम्बन्ध बताती हैं.
जो प्रयुक्त शब्दों में उचित सम्बन्ध स्थापित करके वाक्य को अर्थ की पूर्णता प्रदान करे. इस कार्य को कर सकने वाले को ही कारक कहते हैं.
कारक के उदाहरण (Example of Karak)
- छात्र राजनीति से दूर रहे तो अच्छा हैं.
- अपर्णा ने अपराजीता को पढाया हैं.
कारकीय सम्बन्ध को प्रकट करने वाले चिन्हों को कारक चिन्ह, विभक्ति अथवा उपसर्ग कहते हैं.
कारक सहित शब्द के दो रूप बनते हैं- मूल रूप और विकारी रूप. दोनों ही रूपों में कभी विभक्ति का प्रयोग होता हैं और कभी नहीं होता हैं.
कारको के प्रकार (Types of Karak)
क्र. | कारक | विभक्तियाँ |
1. | कर्ता कारक (क्रिया को करने वाला) | ने |
2. | कर्म कारक (जिस पर क्रिया का प्रभाव पड़ता हैं) | को |
3. | करण कारक (वह साधन जिससे क्रिया संपन्न होती हैं) | से, के द्वारा, के साथ |
4. | संप्रदान कारक (जिसके हित की पूर्ति क्रिया से होती हैं) | के लिए, को , के, निमित्त |
5. | अपादान कारक (जिससे अलग होने का भाव प्रकट हो) | से |
6. | अधिकरण कारक (क्रिया करने का स्थान) | में, पर, पे |
7. | संबंध कारक (क्रिया के अतिरिक्त अन्य पदों से सम्बन्ध बताने वाले) | का, की, के, रा, री, रे, ना, ने |
8. | संबोधन कारक (जिस संज्ञा को संबोधित किया जाये) | अरे, रे, ओ, हे, अरी, री |
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