एटीएम के अविष्कार से जुडी रोचक और असुने तथ्य हिंदी में | Amazing and Interesting Facts About ATM in Hindi
ATM मशीन जो आज के आधुनिक युग के लिए बहुत ही आवश्यक है इससे समय कि बचत तो होती ही है और साथ ही बैंक में घंटो खड़े भी नही रहना पड़ता है. ATM का इतिहास बहुत ही पुराना है. 2 सितम्बर 1969 को लगभग 47 साल पहले ATM सार्वजानिक रूप से जनता के उपयोग के लिए लगाया गया था. सर्वप्रथम यह सेवा केमिकल बैंक इन रॉकविल सेण्टर, न्यूयॉर्क ने शुरू की थी. आज 21वीं सदी में ATM प्रत्येक देश में पहुँच गया है. आज ATM इतनी अधिक संख्या में लग चुके है की प्रत्येक किलोमीटर पर एक ATM मिल जाता है. ATM आज सभी के लिए उपयोगी है.
ATM से जुड़े कुछ रोचक तथ्य (Interesting Facts About ATM in Hindi)
- एटीएम बनने की वजह (Need of ATM)
- एटीएम पिन (ATM PIN)
- दुनिया का पहला एटीएम (FIRST ATM)
- भारत में पहला एटीएम (FIRST ATM IN INDIA)
- एटीएम इन्वेंटर का जन्म
- ATM से GOLD
- तैरने वाला ATM
- ATM without account
- बायोमेट्रिक ATM
- कार्ड खाने वाला ATM
- ATM पिन कॉम्बिनेशन
- ATM चोरी हो तो-
- ATM में INK(इंक)
- सबसे ऊंचा ATM
ATM को बनाने का श्रेय स्कॉटलैंड के जॉन शेफर्ड बैरन को जाता है उन्होंने ही ATM को बनाया था. बात 1965 की है जब एक दिन जॉन शेफर्ड को बैंक से पैसे निकालने थे पर किसी कारणवश उन्हें देरी हो गई और बैंक बंद हो गया. और फिर उन्होंने एक ऐसी मशीन की कल्पना की जिसके द्वारा कभी भी-किसी भी समय पैसे निकाले जा सकते हो. और इस प्रकार ATM का अविष्कार हुआ.
ATM के पिन नंबर में 4 डिजिट होते है, बैरन की ATM का पिन 6 डिजिट में रखने की इच्छा थी, परन्तु उनकी पत्नी कारोलीन को 6 डिजिट याद नहीं होते थे. इस कारण पिन 4 डिजिट का तय किया गया.
पहला ATM लन्दन के बारक्लेज बैंक में 27 जून, 1967 को लगाया गया था. ATM को Automated Teller Machine कहते हैं.
भारत में पहली बार ATM सेवा 1987 में हांगकांग एंड शंघाई बैंकिंग कॉर्पोरेशन (HSBC) द्वारा शुरू की गई थी. पहली ATM मशीन मुंबई में लगाई थी.
ATM अविष्कारक का जन्म भारत में हुआ था. जॉन शैफर्ड बैरन का जन्म 23 जून, 1925 को भारत के शिलॉन्ग (मेघालय) में हुआ था। बैरन के पिता विलफ्रिड बैरन चिटगांव पोर्ट कमिश्नर्स के चीफ इंजीनियर्स थे.
ATM से पैसे के साथ गोल्ड-प्लेट भी निकलती है गोल्ड-प्लेट निकालने वाली पहली मशीन अबुधाबी के होटल अमीरात पैलेस में लगाई गई थी. इससे 320 तरह के गोल्ड आइटम निकल सकते थे.
तैरने वाला पहला ATM केरल के कोच्ची स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ने झंकार में लगाया गया था. इस मशीन की ऑनर केरल शिपिंग एंड इनलैंड नेविगेशन कॉर्पोरेशन (KSINC) कंपनी थी.
यूरोप के रोमानिया देश में बैंक में खाता नही होने पर भी ATM का उपयोग किया जा सकता है. भारत सहित अनेक देशो में इस प्रकार की कोई सुविधा उपलब्ध नही है.
इस प्रकार के ATM में फिंगर स्कैन करना पड़ता है. बायोमेट्रिक ATM का इस्तेमाल ब्राजील में बैंकिंग ट्रांजेक्शन और पासवर्ड को ज्यादा सेफ रखने के लिए किया जाता है.
कार्ड खाने वाला ATM अर्थात इन ATM का उपयोग करने पर कार्ड इनके अन्दर ही रह जाता है. हर बार बैंक से नया कार्ड लेना पड़ता है.
4 डिजिट के पिन के 0 से 9 के बीच 10,000 संभव और वैलिड पासवर्ड का कॉम्बिनेशन मौजूद हैं। इनमें सबसे कॉमन 1234, 1111 और 0000 है। सबसे काम यूज़ होने वाला पासवर्ड 8068 है।
ATM में एक चिप इंस्टाल होती है जिसे GPS से ट्रेक कर सकते है. यदि कोई चोर ATM ले कर जाता है तो वह आसानी से पकड़ा जा सकता है.
जब कभी कोई मशीन को तोड़ने की कोशिश करता है या नोट को निकालने की कोशिश करता है तो ATM के अंदर नोट रहते हैं उसी जगह पर एक ब्लू इंक वाली बोतल रहती है. यदि कोई ऐसा करता है तो वह इंक नोट पर फ़ैल जाती है.
दुनिया का सबसे ऊंचा ATM 14300 फ़ीट ऊंचाई पर नाथू-ला में है. यह ATM भारत-चीन बॉर्डर पर स्थित आर्मी के लिए है.
इसे भी पढ़े :
- बौद्ध त्यौहार की छुट्टी के लिए आवेदन पत्र
- हिंदू धर्म में अंको से जुडी रोचक जानकारी
- चुनाव की महत्ता बताने के लिए अनौपचारिक पत्र