हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध सिमसा माता का मंदिर जहाँ सोने से होती हैं संतान प्राप्ति | Simsa Mata Mandir, Himachal Pradesh History and Story in Hindi
आप ने अनेको अनेक मन्दिर देखे होंगे. मन्दिरों में सबकी मन्नते भी पूरी होती है. उसके लिए आपको कई कठिन नियम का पालन करना पड़ता है. हम आपको एक ऐसे मन्दिर के बारे में बता रहे है जहाँ निःसंतान महिलाओं की सन्तान प्राप्त करने की इच्छा पूरी होती है. और इसके लिए कोई कठिन नियम का पालन भी नही करना पड़ता है. इस मन्दिर के फर्श पर सोने से ही महिलाओ को सन्तान की प्राप्ति होती है.
यह एक चमत्कार ही है जिसके बारे में आप यकीन नही करेंगे. भारत एक धार्मिक देश है यहाँ अनेक मन्दिर है जो अपनी शक्ति और चमत्कार से प्रसिद्ध है. मन्दिरों के ऐसे कई चमत्कार है जिन्हें सुनकर आश्चर्य होता है. मंदिरों के बारे में अनेक बार कोई न कोई बात सामने आती रहती है. कोई न कोई चमत्कार देखने को मिल ही जाता है.
सिमसा माता मंदिर (Simsa Mata Mandir)
हम आपको जो बताने जा रहे है वह वैज्ञानिक तर्कों से उपर है वह ईश्वर के प्रति आस्था का ही चमत्कार है. ये अन्धविश्वास है या फिर ईश्वर के प्रति सच्ची श्रद्धा का परिणाम है परन्तु विज्ञान को भी हैरान करने वाली घटना हिमाचल में स्थित सिमसा माता मन्दिर में होती है.
प्रतिवर्ष सन्तान प्राप्ति की इच्छा से सिमसा माता के दरबार में निसंतान दम्पति आते है. नवरात्री में यहाँ एक उत्सव आयोजित होता है जिसे सलिन्दरा कहा जाता है. सलिन्दरा का अर्थ होता है स्वप्न आना.
नवरात्री के समय निसंतान महिलाये इस मन्दिर के परिसर में ही फर्श पर ही सोती है. माना जाता है माता के प्रति आस्था और श्रद्धा से जो महिला मन्दिर के फर्श पर सोती है माता उन्हें स्वप्न में दर्शन देकर संतान प्राप्ति का आशीर्वाद देती है. माता दर्शन मानव रूप या प्रतिक के रूप में दर्शन देती है.
स्वप्न में महिला को यदि कोई कंद-मूल या फल की प्राप्ति हो जाती है तो ही सन्तान प्राप्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है. यदि स्वप्न में धातु, लकड़ी या पत्थर की कोई वस्तु प्राप्त होती है तो माना जाता है की उसे सन्तान प्राप्ति नही होगी.
सन्तान प्राप्ति में देवी लिंग निर्धारण का संकेत देती है जैसे की किसी महिला को स्वप्न में फल प्राप्त होता है तो लड़का होगा और इसके अलावा भिन्डी प्राप्त होती है तो लडकी होगी. किसी महिला लो निसंतान रहने का स्वप्न प्राप्त होने पर भी वह मन्दिर की फर्श पर सोती है. तो उसके शरीर में खुजली के साथ साथ ही लाल लाल दाग भी हो जाते है. इस तरह से उसे मन्दिर परिसर से हटना पड़ता है.
संतान प्राप्ति के बाद लोग माता के अपना आभार प्रकट करने के लिए अपने सगे-सम्बन्धियों और कुटुंब के साथ मंदिर में आते हैं. सिमसा माता मंदिर बैजनाथ से 25 किलोमीटर दूर है तथा जोगिन्दर नगर से लगभग 50 किलोमीटर दूरी पर स्थित है.
इसे भी पढ़े :
- भारत के सबसे चमत्कारी और रहस्यमयी मंदिर
- चूहे वाली करणी माता का मंदिर बीकानेर
- रणकपुर जैन मंदिर के बारे में विस्तार से