IAS गौरव अग्रवाल का जीवन परिचय
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कठोर परिश्रम एवं आत्मविश्वास का पर्याय है गौरव अग्रवाल. वैसे तो आपने अनेक परिश्रमी लोगो के प्रेरणादायक जीवन यात्रा को पढ़ा होगा लेकिन IAS गौरव अग्रवाल की जीवनयात्रा प्रेरणादायक होने के साथ-साथ बहुत ही दिलचस्प है . 15 अगस्त 1984 को राजस्थान के भरतपुर जिले में जन्मे गौरव अग्रवाल ने 2014 बेंच में सिविल सर्विसेज परीक्षा (UPSC) में टॉप कर 1st रैंक हासिल की है. गौरव का जन्म राजस्थान के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ. गौरव बचपन से पढ़ाई में अव्वल तथा मेहनती रहे है.
IAS गौरव अग्रवाल का जीवन परिचय | IAS Gaurav Agrawal Biography In Hindi
बिंदु (Points) | जानकारी (Information) |
नाम (Name) | IAS गौरव अग्रवाल |
जन्म (Date of Birth) | 15 अगस्त 1984 |
आयु | 36 वर्ष (2020 तक) |
जन्म स्थान (Birth Place) | भरतपुर, राजस्थान |
पिता का नाम (Father Name) | एस सी गुप्ता |
माता का नाम (Mother Name) | सुमन गुप्ता |
पत्नी का नाम (Wife Name) | डॉ. प्रीति अग्रवाल |
पेशा (Occupation ) | आईएएस |
बच्चे (Children) | एक बेटी |
भाई-बहन (Siblings) | ज्ञात नहीं |
अवार्ड (Award) | राष्ट्रपति द्वारा गोल्ड मैडल |
गौरव अग्रवाल की शिक्षा | IAS Gaurav Agrawal Education
गौरव अग्रवाल की प्रारंभिक शिक्षा जयपुर में हुई, इसके बाद उन्होंने देशभर में 45वी रैंक हासिल कर IIT कानपुर में दाखिला लिया, लेकिन बाद में गौरव ने लखनऊ IIM से प्रबंधन का डिप्लोमा लिया. इसके आधार पर उन्हें सिंगापुर में सिटी ग्रुप में एक निवेश बैंकर के रूप में काम मिला, 4 वर्ष नौकरी करने के बाद 2011 में गौरव वापस भारत लौट आये तथा UPSC परीक्षा की तैयारी में जुट गए और पहले प्रयास में ही IPS बन गए और फिर हैदराबाद से ट्रेनिंग करने लगे, परन्तु गौरव IPS की नौकरी से भी संतुष्ट नही थे, उन्होंने UPSC में दूसरे प्रयास की तैयारी में जुट गए और दूसरी बार उन्होंने ना केवल टॉप किया बल्कि चार सालों से चले आ रहे लड़कियों के रुतबे को भी ख़त्म किया. गौरव अग्रवाल ने टॉप करने के साथ ही अपने सपनो को भी पूरा कर लिया.
IIT से IAS बनने तक का दिलचस्प सफ़र | Journey From IIT to IAS of Gaurav Agrawal
गौरव अग्रवाल अपने स्कूल के समय से ही पढ़ने में अव्वल एवं कठोर परिश्रमी थे, इसी के परिणामस्वरूप उन्होंने IIT की परीक्षा में देश मे 45वी रैंक प्राप्त की तथा IIT कानपुर मे कम्प्यूटर साइंस निकाय मे प्रवेश लिया. लेकिन इस सफलता के कारण उन्हें अहंकार (ईगो) आ गया कि मैं ही सबसे प्रतिभाशाली हूँ मुझसे उत्तम कोई नही है जिसके कारण उनका पढ़ाई से ध्यान भटक गया और गौरव अति आत्मविश्वास का शिकार होने लगे, जिसके परिणामस्वरूप वे IIT में लगातार फेल होते रहे.
इस प्रकार जो बीटेक की डिग्री चार साल में पूर्ण होना थी उसे प्राप्त करने में उन्हें ज्यादा समय लगा तथा जिसके कारण उनके पास जॉब भी नही रही. लेकिन उन्होंने हार नही मानी अब गौरव ने IIM से प्रबंधन(मैनेजमेंट) में डिप्लोमा करने का निर्णय लिया परन्तु वे जहाँ भी जाते उनके पुराने रिकॉर्ड के कारण वहाँ से उन्हें निराश की हाथ लगती. वे निराश जरूर होने लगे लेकिन पीछे नही हटे अब आखिरकार उन्हें लखनऊ IIM में प्रवेश मिल गया. जिसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नही देखा.
अब गौरव अहंकार त्याग चुके थे और ‘परिश्रम ही सबकुछ है’ यह समझ चुके थे. अब वे पहले से ज्यादा मेहनती और सतर्क हो गए जिसके कारण उन्हें IIM में देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा गोल्ड मेडल प्राप्त हुआ और सिंगापुर में बिजनेस बैंकर की नोकरी मिली.
गौरव विदेश में काम तो कर रहे थे लेकिन उनका सपना कुछ और ही था वे अपने देश तथा समाज के लोगो की सेवा करना चाहते थे इसकारण गौरव नौकरी के तीन साल बाद वर्ष 2011 में भारत लौट आए एवं UPSC की परीक्षा की तैयारी करने का निर्णय लिया. गौरव अपनी मेहनत, आत्मविश्वास, देश सेवा की इच्छा और दृढ़ संकल्प के परिणामस्वरूप पहले ही प्रयास में आईपीएस(IPS) बन गए तथा हैदराबाद में ट्रेनिंग के लिये चुने गए.
हालांकि गौरव इससे भी सन्तुष्ट नही थे वे जनसेवा करना चाहते थे, वे पुलिस सेवा को जनसेवा नही मानते थे इसलिए उन्होंने जनसेवा के उद्देश्य से UPSC परीक्षा में पुनः प्रयास किया अब इस दूसरे प्रयास में गौरव ने पूरे देश मे टॉप किया तथा चार सालों से चली आ रही लड़कियों के टॉप करने की परंपरा को भी तोड़ा. इस प्रकार गौरव अग्रवाल अपने सपनो को साकार करते हुए आईएएस (IAS) बन गए.
प्रेरणादायक आईएएस गौरव अग्रवाल | Inspirational IAS Gaurav Agarwal
IAS गौरव अग्रवाल की जीवन यात्रा में कई उतार चढ़ाव आये लेकिन उन्होंने कभी, हार नही मानी और दुनिया को दिखा दिया कि कठोर परिश्रम , दृढ़ संकल्प एवं इच्छाशक्ति से सबकुछ पाया जा सकता है. गौरव के अनुसार सफलता पाने के लिए ‘हर समय एकाग्र रहे, अपनी गलतियों को पहचानें तथा गलतियो को नजरअंदाज नही करे बल्कि उन्हें सुधारने का निरंतर प्रयास करे.’ आईएएस गौरव अग्रवाल के जीवन से यदि देश के युवा प्रेरणा ले तथा आत्मविश्वास, दृढ़ संकल्प और कठोर परिश्रम करे तो वे भी अपने जीवन के सपनो को पूरा कर सकते है.
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गौरव अग्रवाल राजस्थान के भरतपुर जिले का नहीं है बल्कि
जिला करौली , तहसील टोडाभीम , पोस्ट ऑफिस भनकपुरा एवं गौरव अग्रवाल भनकपुरा गांव के ही रहने वाले है
गौरव अग्रवाल ने राजकीय उच्च मध्यमिक
विद्यालय भनकपुरा से 10 वी कक्षा तक पढ़ाई की इनकी कक्षा मै लगभग 86% बनी थी इनका गांव में एक 2 मंजिला मकान भी है जो राजपूतों के किले के नीचे बना हुआ है जो टेंट की दुकान के लिए किराए पर दिया हुआ है
इनके स्कूल टीचरों के नाम इस प्रकार है =
1 श्री रामसहाय गुर्जर Headmaster
2 श्री जगदीश प्रसाद बैरवा
3 मुरारी लाल सैंन (संस्कृत ) विषय
4 श्री नासिर सैयद अली ( PT I )
5 श्री संजय लाल ( विज्ञान ) विषय
6 श्री पंपाराम मीणा
मैं इनके पड़ोसी गांव का रहेने वाला हूं
आप लोगों के लिए आईएएस एक आदर्श है
धन्यवाद,
good person by gaurav ji sir