मौसमी बीमारियों से बचने के घरेलु उपाय | Season Diseases And Prevention In Hindi
मुख्य रूप से भारत में 3 मौसम होते हैं – गर्मी, वर्षा और ठण्ड. मौसम में बदलाव होने पर बच्चों से लेकर बूढों तक की रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है. रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होते ही आंतरिक अंगों पर बुरा प्रभाव पड़ता है और कमजोरी महसूस होती है और यही बीमारी का रूप ले लेती है. मौसम में जैसे ही बदलाव होता है वैसे ही आप तुरंत सर्दी, जुखाम आदि से ग्रसित हो जाते हैं और वायरल बुखार हो जाता है. हर मौसम की अपनी कुछ बीमारियाँ होती हैं. आज हम आपको यहाँ बताने वाले हैं कुछ मौसमी बीमारियों से बचने के घरेलु उपाय –
गर्मी में होने वाली बीमारियाँ और उनसे बचने के घरेलु उपाय | Diseases Caused in Summer Season in Hindi
- गर्मी का मौसम आते ही तापमान बड़ जाता है और लू चलना शुरू हो जाती है. इस मौसम में लोग अक्सर टायफॉइड से ग्रसित हो जाते हैं. गर्मी के मौसम में लोगों को अक्सर पीलिया भी हो जाता है. गर्मी में बुखार से बचने के लिए हमें धूप में से तुरंत आकर ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए न ही कूलर या ए. सी. में बैठना चाहिए. बाहर से तुरंत आकर नहाना नहीं चाहिए. ऐसा करने से आपको सर्द – गर्म का जुखाम हो सकता है और बुखार भी आ सकता है.
- गर्मियों में अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत रखने के लिए पौष्टिक आहार ज्यादा से ज्यादा लें. छांछ का सेवन भोजन के उपरांत प्रतिदिन करें. इससे लू भी नहीं लगेगी व अत्यधिक गर्मी पड़ने से दस्त और उल्टी आने जैसी बीमारियों से भी निजात मिलेगा.
- भोजन में ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ लें. फलों का जूस, नींबू पानी प्रतिदिन पियें. सलाद आदि अधिक मात्रा में खाएं. पाने अधिक मात्रा में पियें.
- दोपहर में भोजन के उपरांत दही अवश्य खाएं ये आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत करेगा जिससे आप बीमारियों से बचेंगे.
- गर्मियों में रखा हुआ भोजन न करें, तापमान अधिक होने की बजह से भोजन में जीवाणु बनना शुरू हो जाते हैं और इस बजह से फ़ूड पोइसिनिंग गर्मियों में बहुत जल्दी होती है.
- गर्मियों में ठेलों पर लगने वाले फ़ास्ट फ़ूड और तला भुना भोजन करने से बचे क्योंकि ये फ्रेश नहीं होते हैं. इन्हें खाने से बहुत जल्दी बीमार होते हैं.
- अगर आपको लू लग जाये तो प्याज के रस को हाथ की हथेलियों पर और पैर के तलवे पर मलें और आम के पन्ने का सेवन करें. भोजन में कच्ची प्याज को सलाद के रूप में सेवन करें.
- अत्यधिक गर्मी पड़ने पर घमौरी होना भी आम बात है. इस स्थिति में दिन में दो बार नहाएँ और शरीर को साफ तौलिये से जरूर पौंछे और शरीर पर नमी न रहने दें. साफ सूती कपड़े ही पहने, धूप में न निकलें. बर्फ को घमौरियों पर मलें, नारियल के तेल में थोड़ा कपूर मिलाकर घमौरी के ऊपर लगायें, घमौरियां जल्दी ठीक होंगी.
बरसात में होने वाली बीमारियाँ और उनसे बचने के घरेलु उपाय | Rainy Season Diseases And Prevention in Hindi
- बरसात का मौसम आते ही गर्मी से राहत तो मिलती है लेकिन कई सारी बीमारियों के होने का डर भी रहता है. इस मौसम में मुख्यतः मलेरिया, डेंगू बुखार, डायरिया, हैजा, चिकनगुनिया आदि जैसी बीमारियाँ हो जाती हैं.
- बारिश में मलेरिया का होना आम बात है. यह मच्छर के काटने से होता है. इससे बचने के लिए अपने घर के आस – पास पानी जमा न होने दें, मलेरिया होने पर गेलोय के जूस को घर पर बनाकर पियें, पौष्टिक और हल्का भोजन करें.
- बरसात में अक्सर जुखाम-खांसी होना आम बात है. ऐसे में अदरक वाली चाय पीना चाहिए, रात में हल्दी वाला दूश पीना चाहिए. तुलसी, कालीमिर्च को अदरक के रस व शहद के साथ लेने से मौसमी सर्दी व जुकाम में राहत मिलती है.
- डायरिया आदि से बचने के लिए घर का बना साधारण भोजन ही करें व पानी को उबालकर पियें. बाहर की तली – भुनी चीज़ें न खाएं.
सर्दी के मौसम में होने वाली बीमारियाँ और उनसे बचने के घरेलु उपाय | Winter Season Diseases And Prevention In Hindi
- सर्दी के मौसम में अक्सर जुखाम – खांसी का होना आम समस्या है. इससे बचने के लिए रोज सुबह तुलसी, लोंग, इलाइची, अदरक वाली चाय पियें. रात में हल्दी वाला दूध ही पियें. गरम, ऊनी कपड़े पहने, हल्का गरम पानी पियें और भरपूर नींद लें. रात में भोजन के साथ थोड़ा गुड़ जरुर खाएं इसमें कार्बोहाइड्रेट होता है, सर्दी – जुखाम से राहत मिलेगी.
- रात में दूध में छुहारे के साथ उबला हुआ दूध पियें, इम्यून सिस्टम मजबूत होगा व ठण्ड नहीं लगेगी.
- गलन वाली ठण्ड में हाथ – पैर की अंगुलियाँ अकड़ने लगती हैं व दर्द होता है, ऐसी में दस्तानें पहने, हांथों और पैरों की अँगुलियों की सिकाई गरम पानी की थैली से करें.
- सुबह की धूप में कुछ देर जरूर बैठें, इससे विटामिन डी मिलेगा. ठण्ड के कारण हड्डियों में होने वाले दर्द से राहत भी मिलेगी.
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