कवि कुंवर नारायण जी का जीवन परिचय, जन्म, मृत्यु, भाषा शैली
Kunwar Narayan Biography, Death, Awards, Poems, Rachnaye, Sahityik Parichay In Hindi
कवि कुंवर नारायण जी हिंदी साहित्य के सम्मानित कवियों में एक प्रमुख कवि के रूप में माने जाते हैं. इन्होने अपनी स्वयं की कविताओं और कहानियों का अनुवाद विभिन्न भारतीय और विदेशी भाषाओं में किया. इन्हें 6 अक्टूबर को हमारे देश की महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल जी ने देश के सबसे बड़े साहित्यिक सम्मान से सम्मानित किया था.
कवि कुंवर नारायण जी का जीवन परिचय | Kunwar Narayan Biography In Hindi
हिंदी साहित्य के प्रमुख कवि तथा कला की अनेक विधाओं में गहरी रूचि रखने वाले कवि कुंवर नारायण जी का जन्म 19 सितम्बर सन 1927 को उत्तर – प्रदेश के फैजाबाद जिले में हुआ था. कुंवर जी ने विज्ञान वर्ग से इंटर तक की शिक्षा एक अभ्यर्थी के रूप में पूर्ण की थी और इन्होने लखनऊ विश्विद्यालय से अंग्रेजी में सन 1951 में एम.ए.भी किया था. अध्यन के दौरान ही वे हिंदी साहित्य का ज्ञान भी प्राप्त करने लगे थे.
बिंदु (Points) | जानकारी (Information) |
नाम (Name) | कुंवर नारायण |
जन्म (Date of Birth) | 19/09/1927 |
आयु | 90 वर्ष |
जन्म स्थान (Birth Place) | फैजाबाद, उत्तरप्रदेश |
पिता का नाम (Father Name) | ज्ञात नहीं |
माता का नाम (Mother Name) | ज्ञात नहीं |
पत्नी का नाम (Wife Name) | ज्ञात नहीं |
पेशा (Occupation ) | लेखक, कवि |
भाषा शैली | ज्ञात नहीं |
मृत्यु (Death) | 15/11/ 2017 |
मृत्यु स्थान (Death Place) | —- |
भाई-बहन (Siblings) | एक भाई |
अवार्ड (Award) | साहित्य अकादमी पुरस्कार |
कुंवर जी का 1989 में आत्मजयी ग्रन्थ का इतालवी भाषा में अनुवाद भी किया गया था. कुंवर नारायण जी के यहाँ कार चलाने का व्यवसाय इनका पैट्रक व्यवसाय था पर कुंवर नारायण जी ने इस व्यवसाय के साथ – साथ ही साहित्य जगत में कदम बढ़ाया और एक प्रसिद्ध कवि के रूप में अपनी रचनाएं की. नचिकेता के कथन को आधार बनाकर कुंवर नारायण जी ने काव्य पाठकों में एक नई समझ की लहर पैदा की.
कुंवर नारायण जी का साहित्यिक जीवन परिचय
कवि नारायण जी की काव्य यात्रा चक्रव्यूह महाकाव्य से शुरु हुई. अतः इन्होंने सिनेमा, कहानी, रंगमंच तथा अन्य कलाओं पर लेख भी लिखे. बचपन से ही इनकी रूचि साहित्य में थी जिसके कारण वे हिंदी साहित्य के जाने माने कवि कहलाये . इन्होने 1973 से 1979 तक संगीत नाटक अकादमी के उपाध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया . इनके काव्य संग्रह ‘परिवेश हम तुम’ के माध्यम से इन्होने मानवीय संबंधों के जीवन के बारे में बताया.
मृत्यु (Kunwar Narayan Death)
कविता, संगीत, दर्शन और फ़िल्मी दुनिया में अपनी छाप बनाने वाले कवि कुंवर नारायण जी का 15 नवम्बर सन 2017 को 90 वर्ष की आयु में उनके अपने घर में ही निधन हो गया था. उत्तर – प्रदेश के मुख्मंत्री योगी आदित्यनाथ ने इनके निधन पर शोक व्यक्त किया था.
पुरस्कार (Kunwar Narayan Awards)
इन्हें विभिन्न सम्मान से सम्मानित भी किया जा चुका है. जिनमें से ज्ञानपीठ सम्मान, साहित्यिक सम्मान, साहित्य अकादमी पुरस्कार, व्यास सम्मान, प्रेमचंद सम्मान, कुमार आशन पुरस्कार, कबीर राष्टीय सम्मान, शलाका सम्मान आदि प्रमुख हैं.
प्रमुख कृतियाँ – कुंवर नारायण जी की प्रमुख रचनायें
- खंड काव्य – आत्मजयी (1965) और वाजश्रवा के बहाने (2007)
- कविता संग्रह – चक्रव्यूह (1963), तीसरा सप्तक (1959), परिवेश: हम – तुम, अपने सामने (1961), कोई दूसरा नहीं (1993), इन दिनों (2002)
- संकलन – कुंवर नारायण संचार (2002), कुंवर नारायण उपस्थिति (2002), कुंवर नारायण चुनी हुई कवितायेँ (2007), कुंवर नारायण – प्रतिनिधि कवितायेँ (2008)
- कहानी संग्रह – आकारों के आसपास (1973)
- समीक्षा विचार – आज और आज से पहले (1998), मेरे साक्षात्कार (1999)), साहित्य के कुछ अंतर्विषयक सन्दर्भ (2003)
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Nice prichay