इस दुनिया में ऐसी बहुत सी चीजें हैं, जिनके बारे में हम सोचते कुछ और हैं और असल में उसका मतलब कुछ और होता है. जैसे हम हेडफोन या इयरफोन को ही ले लें. अगर आप हेडफोन अथवा इयरफोन से गाने सुनना पसंद करते हैं तो आपने अपनी कानों में हेडफोन लगाते समय जरूर ध्यान दिया होगा कि उस पर Left (L) या Right (R) का निशान बना होता है….
दरअसल, आप भी जब गाने सुनने के लिए हेडफोन लगाते हैं तो उसी L और R को देखकर अपने कानों में लगाते हैं. मगर आपको ये जानकर हैरानी होगी कि इसे अगर आप गलत तरीके से भी लगाएंगे तो इसमें आवाज में कोई फर्क नहीं पड़ता है. इसलिए अगर अब भी आप ये समझ रहे हैं कि हेडफोन पर लिखे L और R का मतलब सिर्फ लेफ्ट और राइट होता है तो आप सच में गलत हैं…
दरअसल, हेडफोन्स पर जो L और R लिखे होते हैं, वो साउंड इंजीनियरिंग से लेकर इंजीनयरिंग से जुड़ी बाते होती हैं. ये लिखे जाने की सबसे पहली वजह होती है रिकॉर्डिंग (‘Recording’). अगर स्टीरियो रिकॉर्डिंग के वक्त कोई साउंड बाईं तरफ से आ रही है, तो आपके हेडफोन के लेफ्ट L चैनल में यह अधिक तेज सुनाई देगी और राइट R चैनल में थोड़ी धीमी…..
अगर आपने ध्यान दिया होगा कि जब आप कान में हेडफोन लगाते हैं तो आपको अलग-अलग तरह की दोनों ओर से साउंड आती है. यह इसलिए भी लिखा होता है क्योंकि इससे दोनों के बीच के अंतर की पहचान की जा सके. साथ ही साउंड किसी तरह से मिक्स न हो इसकी पहचान करने के लिए ऐसा लिखा जाता है.ऐसे कई गाने अथवा म्यूजिक होते हैं !..
जिनमें लाउड म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स और सॉफ्ट म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स की एक साथ आवाज आती है. ऐसी स्थिति में एक इंस्ट्रूमेंट की आवाज दूसरे इंस्ट्रूमेंट की आवाज से दब न जाए, इसलिए इन दोनों की आवाज को अलग- अलग रखने के लिए L और R लिखा जाता है, ताकि इससे अलग-अलग चैनल में सुनाया जा सके साथ ही ऐसा इसलिए लिखा जाता है…..
क्योंकि फिल्मों में सटिक साउंड रिकॉर्डिंग के लिए लेफ्ट और राइट चैनल का होना जरूरी है. ऐसा इसलिए क्योंकि आपने भी महसूस किया होगा ..कि डब आप थियेटर अथवा लैपटॉप कोई फिल्म देखी हो तो लेफ्ट साइज से आने वाली आवाज आपके लेफ्ट वाली कान को पहली सुनाई देती है और फिर बाद में राइट साइज पहुंचती है. यही वजह है कि हेडफोन्स पर R और L लिखा जाता है.