मेवाड़ के महाराणा भगवंत सिंह का जीवन परिचय | Mewar Maharana Bhagwant Singh Biography (Birth, Father, Son) and Awards in Hindi
महाराणा भगवंत सिंह का जीवन(Maharana Bhagwant Singh Life History)
महाराणा भगवंत सिंह का जन्म 21 जून 1927 को उदयपुर के मेवाड़ राजघराने में हुआ. इनके पिताजी का नाम भूपल सिंह था. इन्हें इनके पिताजी द्वारा गोद लिया गया था और इनका विवाह बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह की पोती महारानी सुशीला कुमारी से किया गया था. ये महाराणा प्रताप के वंशज थे. महाराणा भगवंत सिंह मेवाड़ के अंतिम शासक थे. इन्होने वर्ष 1956 से 1984 तक मेवाड़ पर शासन किया था. इनके दो पुत्र और एक पुत्री थी. जिनका नाम महाराणा महेंद्र सिंह, महाराज अरविन्द सिंह और रानी योगेश्वरी कुमारी हैं. 1971 में भारत सरकार ने सभी शाही खिताब या राजशाही व्यवस्था को खत्म कर दिया था. जिसके बाद सिर्फ सरकार का ही प्रशासन पूरे राज्य के लिए लागु कर दिया गया था. इनकी मृत्यु 3 नवम्बर 1984 को हुई थी.
बिंदु(Points) | जानकारी (Information) |
नाम(Name) | महाराणा भगवंत सिंह |
पेशा(Profession) | राजवंशी, नेता, क्रिकेटर |
जन्म तारीख (Date of Birth) | 21 जून 1927 |
जन्म स्थान (Birth Place) | उदयपुर |
पत्नी का नाम (Wife Name) | महारानी सुशीला कुमारी |
धर्मं (Religion) | हिन्दू |
जाति (Caste) | राजपूत |
नागरिकता (Nationality) | भारतीय |
महाराणा भगवंत सिंह करियर (Maharana Bhagwant Singh Career)
वर्ष 1971 में भारत के संविधान के लिए 26 वें संशोधन में भारत सरकार ने रियासतों, विशेषाधिकारों और पारिश्रमिक रियासत भारत के सभी आधिकारिक प्रतीकों को समाप्त कर दिया था. महाराणा भगवंत सिंह फर्स्ट क्लास क्रिकेट भी खेल चुके हैं. इन्होने कुल 31 फर्स्ट क्लास मैच खेले. जिसमे इन्होने 18.35 के औसत से 826 रन बनाये और पञ्च विकेट भी लिए थे. महाराणा भगवंत सिंह वर्ष 1945 से 1962 तक राजपुताना क्रिकेट टीम और राजस्थान क्रिकेट टीम के लिए खेले.
महाराणा भगवंत सिंह के राजशाही सम्पति में एक पैलेस हैं, जिसका नाम जग निवास हैं. यह पैलेस पिचोला झील के किनारे पर बसा हुआ हैं. वर्ष 1983 में मशहूर हॉलीवुड फिल्म “ओक्टोपुसी” (जेम्स बांड) की शूटिंग हुई थी. इसके साथ ही यहाँ अन्य कई फिल्मो की शूटिंग भी हुई हैं. वर्तमान में यह पैलेस एक होटल के रूप में भी संचालित होता हैं.
महाराणा भगवंत सिंह ने ‘मेवाड चैरिटेबल फाउंडेशन के महाराणा’ नामक एक संगठन की स्थापना की जो उदयपुर में सिटी पैलेस संग्रहालय चलाता है और कई परोपकारी कार्यों को संभालता है, और एक वार्षिक पुरस्कार समारोह भी आयोजित करता है जहां चयनित क्षेत्रों को विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता के लिए सम्मानित किया जाता है.
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