देश में 2014 में एक नई सरकार केंद्र में बनी और सरकार के बनते ही देश के नए प्रधानमंत्री ने 2 अक्टूबर 2014 को एक मिशन की शुरुआत की. जिसे “स्वच्छ भारत अभियान” नाम दिया गया. देश के प्रधानमंत्री ने इस मिशन की शुरुआत महात्मा गाँधी की जयंती पर की, क्योंकि ये राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी का ही सपना था कि वे पुरे भारत को स्वच्छ और सुन्दर देखें. इसी सपने ने भारत में स्वच्छ भारत मिशन की नींव रखी.
इस मिशन को सबसे पहले प्रधानमंत्री ने लाल किले पर अपने हाथ में झाड़ू लेकर शुरू किया और कहा कि, “मैं भी इस देश का नागरिक हूँ और देश के हर नागरिक का फर्ज बनता है कि वो देश को साफ़ और सुन्दर रखे”. देश में स्वच्छता मिशन शुरू होने के साथ-साथ प्रधानमंत्री ने कुछ योजनाये और नियम भी लागु किए, ताकि देश का हर व्यक्ति अपने स्तर पर स्वच्छता कायम रख सके. जिनमे कुछ योजनायें और नियम हमने निचे व्यक्त किए है.
- शौचालय निर्माण कराना
- घर से कचरा उठाना
- खुले में शौच न करना
- स्वच्छता को सिर्फ शहरों तक नहीं अपितु गाँव-गाँव तक पहुचाना.
- कचरा फ़ैलाने पर चार्ज लगाना
- इन्टरनेट और विज्ञापन से लोगो को जागरूक करना.
- बड़े-बड़े लोग और नामो का इस अभियान में शामिल होना.
- शहरों के बिच स्वच्छता पर प्रतिस्पर्धा करवाना.
- सभी सरकारी जगहों में हमेशा सफाई रखना.
क्यों है स्वच्छता स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ा मूल मंत्र |Swachhta Swasthya ka ek Mool Mantra is it Right or Wrong
स्वच्छता स्वास्थ्य का मूलमंत्र है इसमें कोई दो मत नहीं है. स्वच्छता मनुष्य के जीवन के लिए उतना ही महत्वपूर्ण है जितना जीवन जीने के लिए पानी, भोजन, स्नान. जब हम गन्दगी के सम्पर्क में आते है, तो इसका असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है.
स्वच्छता और स्वास्थ्य का आपस में बहुत गहरा सम्बन्ध हैं, क्योंकि स्वच्छता न रखी जायें, तो इससे हमारे स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता हैं, स्वच्छता के माध्यम से स्वास्थ्य को प्राप्त किया जा सकता हैं. स्वच्छता एक स्वस्थ जीवन का मूल मंत्र है और कहा जाता है, कि जहाँ साफ़ सफ़ाई होती है वहाँ श्री महालक्ष्मी जी का वास होता है. स्वच्छता सिर्फ हमारे लिए ही महत्वपूर्ण नही है अपितु हमारे आस-पास रहने वाले व्यक्ति, पशु-पक्षी, जानवरों के लिए भी महत्त्वपूर्ण है.
हमारी सफ़ाई की सीमा सीमित सिर्फ यही तक नहीं है, कि हम हमारे घर और ऑफिस या जिन जगहों पर हम जाते है वहीँ की सफ़ाई पर ध्यान दे, बल्कि हमे हर जगह सफ़ाई का ध्यान रखना चाहिए. ये ध्यान रखना चाहिए कि कहीं पर भी कचरा नही फेंके. घर के आस पास कही पर पानी या कीचड़ भरा हुआ हो तो उसे साफ़ करे ताकि उस पानी में कीटाणु को पनपने का मौका न मिले.
भोजन करने से पहले हमेशा हाथ धोना चाहिए. क्योंकि हमे नही पता होता है कि हमने घर से बाहर किन-किन चीजों को छुआ है. जिसकी वजह से हमारे हाथ कीटाणुओ के संपर्क में आ जाते है और जब उन्ही हाथो से हम भोजन ग्रहण करते है, तो हमारे बीमार होने की सम्भावना बढ़ जाती है. इसलिए हमे स्वच्छता पर अधिक ध्यान देना चाहिए, और कुछ भी फल या सब्जी खायें तो उसे धोकर कर खाना चाहिए.
साफ़ सफ़ाई के उद्देश्य |Objective of Swachh Bharat Abhiyan
- वातावरण को स्वच्छ रखना.
- बीमारियों को दूर रखना.
- स्वास्थ्य सही रखना.
- कीटाणुओ को ना पनपने देना.
साफ-सफाई के महत्व | Importance of Swachh Bharat Abhiyan
साफ-सफाई का सीधा संबंध मानव स्वास्थ्य से और संक्रामक बीमारियों से है. सफाई व्यवस्था का कुछ इस प्रकार से ध्यान देकर आप स्वस्थ रह सकते है-
- सफाई व्यवस्था में सुधार- प्रत्येक घर में शौचालय होने के साथ, शौचालय से निकलने वाली गंदगी का भी ठीक प्रकार से प्रबंधन होना चाहिए. समय-समय पर शौचालय की सफाई होनी चाहिए.
- आहार में साफ सफाई- फलों और सब्जियों को अच्छी तरह से धोकर ही खायें. रसोर्इघर में खाने के बर्तनों को खुला ना रखें.
- स्वच्छ वातावरण- व्यक्ति व समूह के स्वास्थ्य के लिए वातावरण की साफ-सफाई बेहद आवश्यक है. ऐसी जगह जहां गंदगी फैली होती है, वहां बीमारियों के फैलने की सम्भावना भी अधिक होती है. वो बच्चे जो सफाई से नहीं रहते, वो अधिक बीमार पड़ते है.
साफ-सफाई ना रखने पर होने वाले कुप्रभाव | Bad Effects of Uncleanness
सामान्यतः लोगो का मानना हैं कि स्वच्छता न रखने पर अनेक प्रकार की गंभीर बीमारियों से हम घिर जाते है, और यह सही भी है. यदि हमारे आस पास गंदगी रहती है, तो उससे मक्खी-मच्छर जैसे जीव उत्पन्न होते है. जो हमारे खाने पर बैठ कर उसे दूषित करते है और उसी भोजन को जब हम ग्रहण करते है, तो बीमार पड़ जाते है.
- जैसा की हम सब जानते है, कि मच्छरों के काटने से आज कल कई प्रकार की बिमारियाँ हो रही है. ये मच्छर हमारे आस पास की गन्दगी से ही पैदा होते है, जिससे की हमें कई सारी बिमारियाँ जेसे – डेंगू, मलेरिया, स्वाइन फ्लू, चिकनगुनिया आदि. कई प्रकार की बीमारियों का सामना करना पड़ता है.
- स्वच्छता नही रखने पर उससे हमारे पर्यावरण पर भी प्रभाव पड़ता है. आस-पास के वातावरण की वायु दूषित होती है, जिससे हमे शुद्ध (oxygen) ऑक्सीजन नही मिलती है, जिसके कारण भी हमारे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है.
- राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने देश को गुलामी से मुक्त कराया पर स्वच्छ भारत अभियान का उनका सपना पूरा नही हो पाया. उसके बाद यह स्वच्छता अभियान 2 अक्टूबर 2014 से माननीय श्री नरेन्द्र जी मोदी द्वारा शुरू किया गया.
स्वच्छता अभियान भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक राष्ट्रीय अभियान है. स्वच्छता ना होने से जो लोगो के स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है, उसी के चलते हमारी भारत सरकार ने स्वच्छता अभियान शुरू किया. जिसमे कई सारे भारतीयों ने अपना सहयोग दिया. इसी स्वच्छता अभियान के चलते अपने घरो में शौचालय बनवाए जिसके चलते शौच से होने वाली बिमारियों पर भी नियंत्रण हो पाया है. स्वच्छ भारत अभियान शुरू करने का उद्देश्य सामुदायिक शौचालय के निर्माण से शौच की होने वाली गन्दगी पर नियंत्रण पाना है, जिससे हर व्यक्ति का स्वास्थ्य ठीक रहे.
जिस प्रकार मन की शुद्धता अनिवार्य है उसी प्रकार तन की शुद्धता भी अनिवार्य है. और ये शुद्धता हमारे आस पास की साफ़ सफ़ाई से मिलती है. इसीलिए अगर आपको स्वस्थ रहना है, तो अपने आस पास हमेशा साफ़ सफ़ाई बनाये रखे.
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