अनुच्छेद क्या होते है, परिभाषा, तरीका और शैलियाँ, निबंध में अंतर | What are paragraphs, definition, manner and styles, difference in essay
किसी भी विषय पर अपने विचारों को लिखना या उस विषय के बारें में पूर्ण जानकारी लिखने को अनुच्छेद लेखन कहते है. कोई भी लेख या निबंध कई अनुच्छेद का संग्रह होता है अर्थात कोई भी निबंध या कोई अन्य प्रकार का बड़ा लेख कई अनुच्छेद से मिलकर बना होता है. हिंदी विषय की परीक्षा में अनुच्छेद का एक महत्वपूर्ण स्थान है, हम सही प्रकार से अनुच्छेद लिखकर काफी अच्छे अंक प्राप्त कर सकते है.
अनुच्छेद की सरल परिभाषा(Definition of Article)
किसी भी विषय पर शब्द, वाक्य, सूत्र से सम्बद्ध विचार एवं भावों को अपने अर्जित ज्ञान, निजी अनुभूति से संजोकर प्रवाहमयी शैली के माध्यम से गद्यभाषा में अभिव्यक्त करना एवं चुने हुए शब्दों में अपने विचार प्रकट करने के प्रयास को अनुच्छेद लेखन कहलाता है. परिभाषा के आधार पर स्पष्ट है, कि अनुच्छेद लिखने का कोई भी विषय हो सकता है.
अनुच्छेद और निबंध में कुछ असमान बातें (Difference Between Article and Essay)
अनुच्छेद लिखना एक कला होती है कुछ लोग इसे निबंध के समान भी लिखते है, मगर यह अनुच्छेद को प्रस्तुत करने का एक बहुत ही गलत तरीका है. हमने आपके लिए अनुच्छेद और निबंध में कुछ अंतर लिखे है, जिससे आपको अनुच्छेद या निबंध लिखते समय आसानी होगी.
अनुच्छेद | निबंध |
अनुच्छेद एक सीमा तक लिखे जाते है. | निबंध कितने भी बड़े लिखे जा सकते है, इनकी सीमा लिखने वाले पर तय होती. |
अनुच्छेद में लेखक मूल विषय से जुड़ी हुई बाते लिखता है और संक्षेप में अपनी बात प्रस्तुत करता है. | निबंध में विषय के सभी पहलुओं को प्रस्तुत किया जाता है. |
अनुच्छेद में सटीक और कम शब्दों में पूरी जानकारी दी जाती है. | निबंध को पूर्णतः स्वतंत्र होकर लिखा जाता है, क्यूंकि इसमें शब्दों की कोई सीमा निश्चित नहीं होती है. |
अनुच्छेद में एक ही विचार बिन्दु का प्रतिपादन होता है. | निबंध में विषय के मूल-भाव को भी प्रस्तुत किया जाता है. |
अनुच्छेद के अंदर निबंध नहीं हो सकते. | निबंध के अंदर कई अनुच्छेद हो सकते है. |
अनुच्छेद लिखने का तरीका (Way of Article Writing Article)
हम अगर इन बातों का ध्यान रखे तो हम अनुच्छेद को बिल्कुल सटीकता से लिख सकते है.
- किसी भी विषय पर अगर हमें अनुच्छेद लिखना है, तो हमें उस विषय की जानकारी होना अतिआवश्यक है.
- चुने हुए विषय पर लिखने से पहले चिन्तन-मनन करें ताकि मूल-भाव भली-भाँति स्पष्ट हो सके.
- विषय को प्रस्तुत करने की शैली अथवा पद्धति तय होनी चाहिए.
- लिखते समय सरल भाषा का प्रयोग करे एवं ध्यान रखे की भाषा विषय के अनुकूल होनी चाहिए.
- मुहावरे और लोकोक्तियों आदि का प्रयोग करके भाषा को सुंदर एवं व्यावहारिक बनाने का प्रयास करें.
अनुच्छेद लिखने की शैलियाँ (Article writing style)
भाषा तथा साहित्य को जोड़ने वाली संकल्पना को ‘शैली‘ कहा जाता है, शैली को सहेतुक भाषा-पद्धति कहा गया है. भाषा की प्रयुक्ति विशेष, विधा विशेष के अनुसार भाषा में जो विभिन्नताएँ दिखाई देती हैं, उन्हें भाषा की शैलियाँ कहा जाता है. अनुच्छेद लेखन में प्रायः निम्नलिखित शैलियों का प्रयोग होता है. अनुच्छेद लिखते समय अगर हम शैली का प्रयोग करते है, तो अनुच्छेद की शोभा काफी हद तक बढ़ जाती है.
- भावात्मक शैली : भावुक पात्र व संवेदनशीलता से डबाडब भरी कथा ही भावात्मक शैली की विशेषता होती है.
- समास शैली : गंभीर विषयों को दर्शाने के लिए जिस शैली का प्रयोग किया जाता है उसे समास शैली कहते है.
- व्यंग्य शैली : यह साहित्य की एक विधा है, जिसमें उपहास, मज़ाक और इसी क्रम में आलोचना का प्रभाव रहता है.
- तरंग शैली : भाषा यथासंभव सरल, सुबोध हो एवं आवश्यकतानुसार मुहावरे, लोकोक्ति, सूक्ति आदि का भी उपयोग किया जाता है उसे तरंग शैली कहते है.
- चित्र शैली : इस शैली की नाक, पतली आँखें, छोटी बुद्धि, ऐठी अंगुलियाँ, पतली कमर आदि चित्र शैली की पहचान है.
- व्यास शैली : जिस शैली में पहले भाव को विस्तार से लिखा जाता है और अंत में उसको सूत्र रूप में समेट दिया जाता है, उसे व्यास शैली कहते है.
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