बलदेव राज चोपड़ा का जीवन परिचय (जन्म, शिक्षा, करियर ), प्रसिद्द फिल्म और पुरुस्कार | Baldev Raj Chopra Biography (Birth, Education, Death), Films and Awards in Hindi
बलदेव राज चोपड़ा बॉलीवुड की फिल्म और टेलीविजन धारावाहिकों के मशहूर निर्देशक और निर्माता थे. वे भारत के सबसे सम्मानित फिल्म व्यक्तित्व में से एक थे. जिन्हें बी.आर.चोपड़ा के नाम से भी जाना जाता है. इन्हें बॉलीवुड के स्वर्ण युग का शिल्पकार भी कहा जाता है. वर्ष 1998 में दादा साहेब फाल्के अवार्ड से सम्मानित किया गया था.
बिंदु(Points) | जानकारी (Information) |
नाम (Name) | बलदेव राज चोपड़ा |
अन्य नाम (Other Name) | बी. आर. चोपडा |
जन्म (Birth) | 22 अप्रैल 1914 |
पिता का नाम (Father Name) | विजायती राज चोपडा |
जन्म स्थान (Birth Place) | राहोंन, पंजाब |
शिक्षा (Education) | लाहौर विश्वविद्यालय (ग्रेजुएट) |
कार्यक्षेत्र (Profession) | फिल्म प्रोड्यूसर, निर्देशक |
मुख्य प्रसिद्घ कार्य (Major Work) | महाभारत, नया दौर, हमराज़, वक़्त |
बलदेव राज चोपड़ा का जन्म और प्रारंभिक जीवन
बलदेव राज चोपड़ा का जन्म 22 अप्रैल 1914 को राहोंन,पंजाब में हुआ था. इनके पिता का नाम विलायती राज चोपडा था. इनके दो छोटे भाई यश चोपड़ा और धरम चोपड़ा थे. बलदेव राज चोपड़ा के बेटे का नाम रवि चोपड़ा है. इनकी दो बेटियां शशि और नीमा है. उन्होंने अपना स्नातक लाहौर विश्वविद्यालय से किया था. और फिर वही से मास्टर्स की डिग्री भी प्राप्त की. इन्हें शुरू से ही फिल्मों से लगाव था. और फिल्मों के लिए गहरी रूचि रखने के बाद उन्होंने फिल्म पत्रकारिता में उच्च शिक्षा ग्रहण की. वर्ष 1947 में विभाजन के समय इनका परिवार भी सांप्रदायिक दंगों का शिकार बन गया और इनका घर और संपत्ति सब जला दी गई. फिर भी अपने सपनों को पूरा करने के लिए माया नगरी मुंबई आ गए.
बलदेव राज चोपड़ा करियर
इन्होंवे सिने हेराल्ड जर्नल के लिए सेल्युलॉइड करियर लेखन और फिल्म समीक्षा संपादित कर अपने करियर की. शुरुआत की. इन्होनें वर्ष 1949 में अपनी पहली फिल्म करवट का निर्माण किया था परन्तु दुर्भाग्यवश वह फ्लॉप हो गयी. वर्ष 1951 में इन्होंने फिल्म अफसाना के निर्माता और निर्देशक के रूप में फिर से प्रयास किया. यह एक बहुत अच्छी फिल्म साबित हुई. उनकी फिल्म में शोक कुमार ने दोहरी भूमिका निभाई थी.
फिल्म इंडस्ट्री में अपनी सफलता के बाद इन्होंने वर्ष 1955 में अपनी प्रोडक्शन कंपनी बीआर फिल्म्स की नींव रखी. इस प्रोडक्शन कंपनी ने अपना पहला नाटक वर्ष 1956 में निर्माण किया. यह विधवा पुनर्विवाह जैसे गंभीर विषय पर आधारित नाटक था. जिसके बाद इन्होंने एक के बाद एक सफल फिल्में नया दौर, साधना, कानून, गुमराह और हमराज दी. जिसके बाद इन्होंने अपने छोटे भाई यश चोपड़ा को वर्ष 1959 में धूल का फूल फिल्म में डायरेक्टर की भूमिका अदा करने का मौका दिया. जिसके बाद यश चोपड़ा ने चार और फिल्में अपने भाई बीआर देवड़ा के साथ की जिनमें वक्त और इत्तेफाक भी शामिल है.
वर्ष 1980 में फिल्म इंसाफ का तराजू की सफलता के बाद इन्हें बॉलीवुड के महान व्यक्तित्व में शामिल कर दिया. यह फिल्म सामाजिक मुद्दों पर आधारित थी. जिसके बाद इन्होंने निकाह और आज की आवाज फिल्म ज्वलंत मुद्दों पर आधारित बनाई. जिन्होंने बॉलीवुड में बहुत ही गहरी छाप छोड़ी. वर्ष 2003 में इनकी फिल्म बागबान भारतीय सिनेमा की सदाबहार पारिवारिक फिल्म बन गई जो बहुत लोकप्रिय भी हुई.
वर्ष 1998 मैं इन्होंने टीवी धारावाहिक महाभारत शुरू किया. इस धारावाहिक में 96% विश्व दर्शक पंजीकृत करने का गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था.
बलदेव राज चोपड़ा पुरस्कार
- पद्म भूषण -2001
- राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार – वर्ष 1960 (कानून)
- राष्ट्रपति रजत पदक – 1961 ( धर्मपुत्र )
- दादासाहेब फाल्के पुरस्कार – 1998
- फिल्मफेयर पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ निदेशक – 1962
- लाइफटाइम अचीवमेंट के लिए कलाकार पुरस्कार- 1998
- दादासाहेब फाल्के अकादमी द्वारा फाल्के रत्न अवॉर्ड – 2008
बलदेव राज चोपड़ा मृत्यु
बलदेव राज चोपड़ा की मृत्यु 5 नवम्बर 2008 को मुंबई ने हुई.
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