भीम सेन सच्चर का जीवन परिचय | Bhim Sen Sachar Biography History, Birth, Education, Life, Death, Role in Independence in Hindi
भीम सेन सच्चर एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी तथा राजनीतिज्ञ थे. भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भीम सेन सच्चर का योगदान महत्वपूर्ण रहा था. 1947 में भारत की आज़ादी के बाद वह अपने परिवार के साथ पाकिस्तान चले गए थे और पहली पाकिस्तान संविधान समिति का हिस्सा भी बने थे. लेकिन बाद में पाकिस्तान की नागरिकता को छोड़ भारत में बस गए. भीमसेन ने पंजाब प्रान्त में तीन बार मुख्यमंत्री के रूप में वर्ष 1949 से 1956 तक कार्यभार संभाला. वर्ष 1957–1962 तक वह आंध्रप्रदेश के राज्यपाल भी रहे.
प्रारम्भिक जीवन (Early Life)
भीम सेन सच्चर का जन्म 1 दिसंबर 1894 को ब्रिटिश इंडिया के पेशावर (अब पाकिस्तान में) में हुआ था. बहुत ही कम उम्र में उनका विवाह कर दिया गया. सच्चर को एक पुत्ररत्न राजिंदर सच्चर की प्राप्ति हुई , जो आगे चलकर एक वकील के रूप में उभरे. उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया था. राजिंदर सच्चर, सच्चर समिति के अध्यक्ष भी थे. इन्होने भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों की स्थिति पर एक विवादास्पद रिपोर्ट का निर्माण किया था. भीम सेन ने लाहौर में बी.ए और एलएलबी की डिग्री हासिल की थी. उसके बाद गुजराँवाला में क़ानून की पढाई की थी.
राजनीतिक सफ़र (Politics Career)
भीम सेन गांधीजी के कार्यों से प्रभावित हुए और बहुत ही कम उम्र में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए. वर्ष 1921 में वह पंजाब में कांग्रेस कमिटी के सचिव के रूप में चुने गए. उन्होंने लाहौर में राष्ट्रीय विश्वविद्यालय में रजिस्ट्रार का पद संभाला था और बाद में वे 1924 से 1933 तक गुजरांवाला के नगर आयुक्त रहे. स्वाधीनता की लड़ाई के दौरान वे कई बार सलाखों के पीछे भी गए. लाहौर में उन्होंने सनलाइट इंश्योरेंस कंपनी की स्थापना की थी. 1937 में वह पंजाब विधानसभा के सदस्य के रूप में चुने गए.
1940 में भीम सेन सविनय अवज्ञा आंदोलन में शामिल हो गए, परिणामतः उन्हें गिरफ्तार किया गया था. 1945 के आम चुनावों में उन्हें लाहौर निर्वाचन क्षेत्र से पंजाब विधानसभा के लिए चुना गया था. 1947 में वह पाकिस्तान की संविधान सभा के सदस्य के रूप में पश्चिम पंजाब से चुने गए थे.
आज़ादी के बाद राजनीति (Post Freedom Politics)
1949 में आज़ादी के बाद भीम सेन को पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया था. 1952 के आम चुनावों में उन्हें पंजाब विधानसभा के सदस्य के रूप में लुधियाना शहर निर्वाचन क्षेत्र से चुना गया था. 1956 में वे पंजाब के मुख्यमंत्री के पद पर फिर से चुने गए. यह पद उन्होंने 1956 तक संभाला. उसके बाद उन्होंने उड़ीसा का राज्यपाल के रूप में कार्य प्रदान किया. फिर वर्ष 1959 से 1962 तक वे आंध्र प्रदेश के राज्यपाल रहे.
निधन (Death)
भीम सेन सच्चर का निधन 18 जनवरी, 1978 को हुआ. उनकी स्मृति में ‘स्वतंत्रता के लिए भारत का संघर्ष’ डाक विभाग ने एक डाक टिकट जारी किया था.