कवि गुलाब खण्डेलवाल का जीवन परिचय, जन्म, रचनाएँ, कविताएँ
Gulab Khandelwal (Poet) Biography, Family, Poems, Books, Gazal In Hindi In Hindi
गुलाब खण्डेलवाल भारत के प्रमुख कवियों में से एक है. इन्होंने अपनी कविताओं से तीव्र प्रसिद्धि प्राप्त की है. कविताओं के साथ इन्होंने अनेक गजल, नाटक, महाकाव्य एवं गीतों की रचनाएं की. ये मूलतः भारतीय है परंतु कुछ वर्ष बाद वे अमेरिका में निवास करने लगे. अमेरिका में रहकर गुलाबजी ने हिदी साहित्य को बढ़ावा देने के लिए अनेक सरहनीय कार्य किए. इनका एक महान काव्य संग्रह ‘गुलाब ग्रन्थावली’ है जो जिसमें उनकी समस्त कविताएं संग्रहीत है. इनके अनमोल एवं लोकप्रिय कव्यो पर कुछ विश्वविद्यालयो में शोध किए गए है.
कवि गुलाब खण्डेलवाल का जीवन परिचय | Gulab Khandelwal (Poet) Biography In Hindi
महाकवि गुलाब खंडेलवाल का जन्म 21 फरवरी 1924 को अपने ननिहाल नवलगढ़ नगर, राजस्थान में हुआ. इनके पिता के बड़े भाई रायसाहब सुरजूलालजी ने इन्हें गोद ले लिया था. इनकी प्रारम्भिक शिक्षा गया, बिहार में सम्पन्न हुई तथा इन्होंने 1943 में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से बी. ए. की डिग्री प्राप्त की. काशी विद्या, काव्य और कला का गढ़ रहा है. काशी में गुलाबजी बेढब बनारसी के सम्पर्क में आये तथा उस समय के साहित्य महारथियों के निकट रहे. जिस कारण उनकी साहित्य में रुचि बढ़ी एवं साहित्यिक ज्ञान प्राप्त हुआ. इसके बाद वे प्रतापगढ़, उत्तरप्रदेश में रहने लगे. परन्तु कालांतर में वे अमेरिका चले गए तथा वही निवास करने लगे.
बिंदु (Points) | जानकारी (Information) |
नाम (Name) | गुलाब खण्डेलवाल |
जन्म (Date of Birth) | 21 फरवरी 1924 |
आयु | 93 वर्ष |
जन्म स्थान (Birth Place) | नवलगढ़ नगर, राजस्थान |
पिता का नाम (Father Name) | शीतल प्रसाद खण्डेलवाल |
माता का नाम (Mother Name) | वसंती देवी |
पेशा (Occupation ) | लेखक, कवि, गज़लकार |
निवास | प्रतापगढ़, (भारत), अमेरिका |
मृत्यु (Death) | 2 जुलाई 2017 |
मृत्यु स्थान | अमेरिका |
अवार्ड (Award) | विशिष्ट सेवा पदक |
कवि गुलाब खण्डेलवाल का साहित्यिक जीवन
कवि गुलाब खण्डेलवाल ने छोटी आयु से ही कविता लिखना शुरू कर दिया था. 1941 में उनकी कविताओं का पहला खण्ड प्रसिद्ध कवि सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ की प्रस्तावना के साथ प्रकाशित हुआ. इसके बाद से उनकी कविताओं के 50 से अधिक संस्करणों और गद्य में 2 नाटकीय कार्यों को प्रकाशित किया गया है. गुलाब खण्डेलवाल अठारह वर्षों तक प्रयाग के अखिल भारतीय हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष रहे हैं. तथा वह महामना मदन मोहन मालवीय द्वारा स्थापित एक संगठन, भारती परिषद के अध्यक्ष भी रह चुके है. अमेरिका में रहकर वे 15 वर्षों तक संयुक्त राज्य अमेरिका में हिंदी में प्रकाशित होने वाली त्रैमासिक साहित्यिक पत्रिका ‘विश्व पत्रिका’ के संपादकीय बोर्ड में वरिष्ठ सदस्य रहे हैं, जो वर्तमान में अंतर्राष्ट्रीय हिंदी एसोसिएशन की पत्रिका है. इसके साथ ही कवि गुलाब अंतर्राष्ट्रीय हिंदी संघ के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. अमेरिका में रहते हुए भी वे हिंदी साहित्य के लिए प्रतिवर्ष भारत का दौरा करते थे. उन्होंने 82 वर्ष की आयु में अपनी जीवनी लिखी.
गुलाब खण्डेलवाल की रचनाएं
गुलाब खण्डेलवाल ने अपने जीवनकाल में 60 से अधिक काव्य रचनाएं की. इनमे से कुछ प्रमुख रचनाएं निम्न है-
कविताएं–
- सौ गुलाब खिले
- गुलाब-ग्रंथावली (खण्ड 1 से 6 तक)
- देश विराना है
- पँखुरियाँ गुलाब की
- अनबिंध मोती
- चांदनी
- उसार का फूल
- प्रेम कालिंदी
- देश वीराना है
- वकटी बान कर आ
- कागज़ की नाव
महाकव्य–
- आलोक वृत्ति
- उषा
- अहिल्या
गजल–
- पंखुरियाँ गुलाब की
- कुछ और गुलाब
- एक ताज़ा गुलाब
- मेरी उर्दू गज़ल
नाटक–
- राजराजेश्वर अशोक
आत्मकथा–
- कोई किताब नही है
महाकवि गुलाब खंडेलवाल के काव्य पर हुये शोध–
सर्वप्रथम 1978 मे मगध विश्वविद्यालय से मुकुल खंडेलवाल ने एम. ए. का शोध-निबन्ध प्रस्तुत किया था. उसके बाद श्री हंसराज त्रिपाठी के निर्देशन में दो शोध-निबन्ध अवध विश्वविद्यालय में हुए. इसके बाद अनेक लोगो ने शोध किये जैसे-
- 1985 में मगध विश्वविद्यालय, बिहार से रविंद्र रॉय (गुलाब खंडेलवाल: व्यकितव और कृतित्वा)
- 1992 में मेरठ विश्वविद्यालय, यूपी से विष्णु प्रकाश मिश्र (गुलाब खंडेलवाल: जीवन और साहित्य)
- 1994 में रुहेलखंड विश्वविद्यालय, यूपी से पोर्टी अवस्थी (कवि गुलाब खंडेलवाल के साहित्य का आलोकनाटक आद्यायन)
- 2006 में महात्मा ज्योतिबा फुले विश्वविद्यालय, यूपी से स्नेह कुमारी कनौजिया (गुलाब खंडेलवाल के कवि का मनोयोगज्ञान आदित्यन)
- 2006 में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, हरियाणा श्री रमापति सिंह के मार्गदर्शन में (गुलाब खंडेलवाल: व्यकितव और कृतित्वा)
- अवध विश्वविद्यालय, फैजाबाद, उत्तर प्रदेश से अंकिता मिश्रा (कवि गुलाब की कविता सृष्टि)
गुलाब खण्डेलवाल की कुछ प्रसिद्ध गज़ल
कुछ हम भी लिख गए हैं तुम्हारी किताब में.
गंगा के जल को ढाल न देना शराब में॥
हम से तो जिंदगी की कहानी न बन सकी.
सादे ही रह गए सभी पन्ने किताब में॥
दुनिया ने था किया कभी छोटा-सा एक सवाल.
हमने तो जिंदगी ही लुटा दी जवाब में॥
लेते न मुंह जो फेर हमारी तरफ से आप.
कुछ खूबियां भी देखते खाना खराब में॥
गुलाब खण्डेलवाल की प्रसिद्ध ‘पंखुड़ियां गुलाब की‘ कविता की कुछ पंक्तियां:-
दुनिया को अपनी बात सुनाने चले हैं हम
पत्थर के दिल में प्यास जगाने चले हैं हम,
हमको पता है ख़ूब, नहीं आँसुओं का मोल
पानी में फिर भी आग लगाने चले हैं हम,
फिर याद आ रही है कोई चितवनों की छाँह
फिर दूध की लहर में नहाने चले हैं हम,
मन के हैं द्वार-द्वार पे पहरे लगे हुए
उनको उन्हींसे छिपके चुराने चले हैं हम,
यों तो कहाँ नसीब थे दर्शन भी आपके!
कहने को कुछ ग़ज़ल के बहाने चले हैं हम,
कुछ और होंगी लाल पँखुरियाँ गुलाब की
काँटों से ज़िन्दगी को सजाने चले हैं हम
पुरस्कार एवं सम्मान (Gulab Khandelwal Awards)
- अखिल भारतीय रामभक्ति पुरस्कार – 1984 में श्री हनुमान मन्दिर ट्रस्ट, कलकत्ता द्वारा ‘अहल्या’ (खंडकाव्य) के लिए.
- साहित्य सम्बन्धी अखिल भारतीय ग्रन्थ पुरस्कार 1989 में बिहार सरकार द्वारा सम्मनित किया गया.
- निराला पुरस्कार – 1989 में उत्तर प्रदेश द्वारा ‘हर सुबह एक ताज़ा गुलाब’ के लिए
- 1967, 1971, 1975, एवं 1980 में उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा कवि गुलाब की अलग-अलग रचनाओं के लिए उन्हें पुरस्कृत किया गया.
मृत्यु | Gulab Khandelwal Death
हिंदी साहित्य की सेवा में अनेक काव्य रचनाएं करते हुए महाकवि गुलाब खण्डेलवाल का निधन 2 जुलाई 2017 को अमेरिका में हुआ.
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