एच. डी. देव गौड़ा का जीवन परिचय | H D Deve Gowda, Biography, Wiki, Age, Family(Son, Daughters, Wife), Net Worth, Death, Party In Hindi
आज हम एच. डी. देव गौड़ा का जीवन परिचय जानने एवं समज़ने वाले है. एच. डी. देव गौड़ा आज़ाद भारत के बारहवें प्रधानमंत्री रहे है. उन्होंने कर्णाटक राज्य का मुख्यमंत्री पद भी संभाला है. सिविल इंजीनियर की डिप्लोमा की डिग्री लेने के तुरंत बाद महज 20 साल की आयु में इन्होने राजनीति में प्रवेश ले लिया. उन्होंने कांग्रेस पार्टी में प्रवेश लिया था. उन्होंने किसानों, वंचित और शोषित वर्ग के लोगों को उनके अधिकार दिलाने के लिए आवाज़ उठाई. उन्होंने अपने जीवन में राजनीति के क्षेत्र में अच्छी कामयाबी हासिल की.
एच. डी. देव गौड़ा का जीवन परिचय | H D Deve Gowda Biography In Hindi
बिंदु (Points) | जानकारी (Information) |
नाम (Full Name) | हरदानहल्ली डोड्डेगौड़ा देवेगौड़ा |
जन्म (Date of Birth) | 18/05/1933 |
आयु | 88 वर्ष (2021 तक) |
जन्म स्थान (Birth Place) | होलेनारसीपुर, कर्णाटक |
पिता का नाम (Father Name) | डोड्डे गौड़ा |
माता का नाम (Mother Name) | ज्ञात नहीं |
पत्नी का नाम (Wife Name) | चेन्नम्मा |
जाति (Cast) | वोक्कालिगा |
पेशा (Occupation ) | राजनेता (पूर्व प्रधान मंत्री) |
राजनेतिक पार्टी (Party ) | जनता दल |
बच्चे (Children) | 4 बेटे (1.एच. डी. रेवन्ना, 2. एच डी कुमारस्वामी, 3. एच. डी. बालकृष्ण गौड़ा, 4. एच. डी. रमेश) 2 बेटियां (1. एच. डी. अनुसूया, एच. डी. शैलजा) |
Net Worth | ₹3.41 करोड़ |
भाई-बहन (Siblings) | ज्ञात नहीं |
अवार्ड (Award) | विशिष्ट सेवा पदक |
प्रारम्भिक जीवन और शिक्षा | H D Deve Education
एच. डी. देव गौड़ा का जन्म 18 मई 1933 को हॉलनसारिपीली तालुक के एक गांव में हुआ था, जो मैसूर के पूर्व साम्राज्य का एक वोक्कालिगा जाति परिवार है. इस जाती को अन्य पिछड़ा वर्ग के रूप में वर्गीकृत किया गया. उनके पिता का नाम दोडे गौड़ा था और वे एक किसान थे.
उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया. डिग्री लेने के बाद कुछ समय उन्होंने पिताजी की सहायता की और कुछ समय के लिए ठेकेदार के रूप में भी काम किया. उन्होंने 1954 में चेन्नम्मा से विवाह किया. उनकी छह संताने है.
राजनितिक जीवन
वर्ष 1953 में एच. डी. देव गौड़ा ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी में प्रवेश किया और 1962 तक वे सदस्य बने रहे. इस दौरान वे हॉलनसारिपुरा के अंजनेय सहकारी सोसायटी के अध्यक्ष रहे और बाद में होलनारसिपुरा के तालुक विकास बोर्ड के सदस्य बने. फिर 1962 में वे कर्नाटक विधानसभा में स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में खड़े रहे और विधानसभा में चुने गए. 1976 तक उन्होंने विधानसभा में विपक्ष नेता के रूप में कार्य किया. 1975 में जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने इमरजेंसी का एलान किया, इस समय देवगौड़ा जी ने इसका विरोध किया, जिस वजह से उन्हें 18 महीने की सजा हुई. 1994 में वे जनता दल की राज्य इकाई के अध्यक्ष बने. वे दिसंबर में कर्नाटक के 14 वें मुख्यमंत्री बने.
1996 में आम चुनावों में कांग्रेस पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था. कांग्रेस के समर्थन से केंद्र में सरकार बनाने का फैसला किया गया, तब देवगौड़ा को सरकार का नेतृत्व करने के लिए चुना गया. इस तरह वे भारत के 11 वें प्रधानमंत्री बने.
योगदान
- एच. डी. देव गौड़ा ने राजनीति में रहकर देश के पीढ़ित लोगो की समस्याओं का समाधान किया. उन्होंने बाकी राजनितिक नेताओं की तरह सिर्फ बातें ही नहीं की बल्कि प्रत्यक्ष कृति से वह सब करके दिखाया.
- एच. डी. देव गौड़ा के कार्यकाल में उन्होंने देश की नीची जाति के अधिकारों की मांग की. वे हमेशा डटकर पीढ़ितों के साथ खड़े रहे.
- उनके मुख्यमंत्री काल में उन्होंने अल्पसंख्यक, बैकवर्ड क्लास, एस टी, एस सी व औरतों को आरक्षण दिलवाने के लिए बहुत से कार्य किये.
- वे वर्त्तमान में भी उस ही जोश और जूनून से देश की सेवा में व्यस्त है. एच. डी. देव गौड़ा जैसे नेताओं की आज देश को सख्त जरूरत है.
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