भारतीय हॉकी प्लेयर हरेन्द्र सिंह की जीवनी और पुरुस्कार | Indian Hocket Couch Harendra Singh Biography, Career, Awards in Hindi
भारतीय पुरुष हॉकी टीम के मुख्य कोच हरेन्द्र सिंह के प्रयासों से भारतीय पुरूष हॉकी टीम का स्वर्णिम काल वापस आया हैं. हरेन्द्र के सानिध्य में ही महिला हॉकी टीम ने भी ऑस्ट्रेलिया में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों में सेमीफाइनल तक का सफ़र तय किया. हरेन्द्र सिंह खिलाडियों से कहते हैं कि सिर्फ कड़ी मेहनत सफलता का एक मात्र साधन हैं.
हरेन्द्र सिंह हॉकी करियर (Harendra Singh Career)
हरेन्द्र सिंह ने अपना करियर की शुरुआत दिल्ली के IFFCO TOKIO के साथ शुरू किया. वर्ष 1988 में मुंबई में महिंद्रा टीम के सदस्य बने. जहाँ इन्हें पूर्व इंडियन कोच जे एम कार्वाल्हो से प्रशिक्षण प्राप्त हुआ. इन्होने वर्ष 1990 में एयर इंडिया में कार्य भी किया और बाद में कंपनी के वरिष्ठ प्रबंधक बन गए.
हरेन्द्र सिंह ने अपना इंटरनेशनल पर्दापण वर्ष 1990 में बीजिंग के एशियन गेम्स में किया. जहाँ भारतीय टीम ने सिल्वर मैडल जीता था. इन्होने अपने करियर में टीम इंडिया के लिए कुल 43 मैच खेले हैं. हरेन्द्र सिंह सिर्फ 26 साल की उम्र में भारतीय हॉकी में हो रही राजनीति के कारण रिटायर हो गए.
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हरेन्द्र सिंह हॉकी कोचिंग करियर (Harendra Singh Coaching Career)
जब हरेन्द्र सिंह 1995 में फ्रांसीसी क्लब एचसी ल्योन के लिए कोच टोनी फर्नांडीस के सानिध्य में खेलते थे. तब इनके कोच ने उन्हें क्लब के जूनियर विंग को प्रशिक्षण देने के लिए कहा और इस तरह हरेन्द्र सिंह के कोचिंग करियर की शुरुआत हुई. वहाँ कोच के रूप में दो साल कार्य करने के बाद हरेन्द्र सिंह वापस भारत लौट आए. भारत आकर इन्होने नेशनल जूनियर और नेशनल सीनियर टीम को कोचिंग दी. इन्होने दोनों नेशनल टीमों के लिए वर्ष 2000 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक, वर्ष 2005 पुरुषों की हॉकी जूनियर विश्व कप, वर्ष 2006 पुरुषों की हॉकी विश्व कप, वर्ष 2006 एशियाई खेलों, वर्ष 2009 पुरुषों की हॉकी एशिया कप और वर्ष 2010 पुरुषों की हॉकी विश्व कप में कोच की भूमिका निभाई. अपने अच्छे प्रशिक्षण और खिलाडियों के अच्छे प्रदर्शन के कारण इन्हें वर्ष 2012 में द्रोणाचार्य अवार्ड प्रदान किया गया.
जिसके बाद हरेन्द्र सिंह को वर्ष 2014 में भारतीय जूनियर टीम का हेड कोच बनाया गया. जिसके बाद इस टीम ने वर्ष 2016 में मेंस हॉकी जूनियर वर्ल्ड कप जीता. सितम्बर 2017 में इन्हें भारतीय महिला नेशनल हॉकी टीम का हेड कोच नियुक्त किया गया. जिसके बाद इस टीम ने 2017 महिला हॉकी एशिया कप में गोल्ड मैडल जीता.
वर्ष 2018 में हरेन्द्र सिंह को भारतीय पुरुष नेशनल हॉकी टीम का हेड कोच बनाया गया. जिसके बाद भारतीय टीम ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए वर्ष 2018 में हॉकी चैंपियन ट्राफी में सिल्वर मैडल अपने नाम किया था.
वर्ष 2018 में ही भारतीय हॉकी टीम ने एशियन गेम्स जकार्ता में अपने शुरूआती तीन मैचों में 51 गोल किये थे और भारतीय टीम ने एक मैच के सर्वाधिक गोल के अपने रिकार्ड को तोडा था.