90 के दशक के सबसे बड़े घोटालेबाज हर्षद मेहता की कहानी
Harshad Mehta Story, Biography, Death, Wiki, Net Worth, Family, Wife, Brother In Hindi
हर्षद मेहता 90 के दशक का सबसे बड़ा घोटालेबाज था. उसने स्टॉक मार्केट में अब तक का सबसे बड़ा घोटाला किया था. एक छोटी स्टॉक मार्केट कम्पनी के छोटे कारोबारी से स्टॉक मार्केट का सबसे बड़ा बादशाह बनने की हर्षद की कहानी बहुत ही दिलचस्प है. उसने 1990 में स्टॉक मार्केट की दशा ही बदल दी थी तथा पूरे देश के वित्तीय बाजार को हिला था. हर्षद के बारे में कहा जाता है कि उस समय वह जिस शेयर पर हाथ रख देता था वह सोना बन जाता था.
हर्षद मेहता कौन है? उनकी कहानी | Harshad Mehta Story, Biography In Hindi
हर्षद मेहता का जन्म 29 जुलाई 1954 को पनेल मोटी , राजकोट गुजरात में एक छोटे से बिजनेस मैन परिवार में हुआ. कुछ समय बाद उसके पिता शांतिलाल मेहता मुंबई आ गये और मुंबई में टेक्सटाइल का छोटा-मोटा बिजनेस करने लगे. लेकिन व्यापार नही चलने के कारण वे छत्तीसगढ़ के रायपुर (तत्कालीन मध्यप्रदेश) आ गए तथा यहाँ व्यापार शुरू किया. रायपुर में ही हर्षद की बाकी की स्कूली पढ़ाई पूरी हुई. इसके बाद वो ग्रेजुएशन के लिए वापस मुम्बई आ गया यहाँ उसने बी. कॉम. की डिग्री ली. तथा मुंबई में ही 8 साल तक छोटी – मोटी नौकरियां की. उसने सीमेंट बेचने से लेकर फाइनेंशियल कंपनियों में भी नौकरी की. यही से उसका रुझान स्टॉक मार्केट की तरफ बढ़ा जिसके कारण उसने एक स्टॉक मार्केट की ब्रोकरेज फर्म में नौकरी की वहां से उसने स्टॉक मार्केट के पैंतरे सीखे और 1984 में ग्रो मोर रीसर्स एंड असेट मैनेजमेंट नाम की खुद की कंपनी की शुरुआत की और और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में बतौर ब्रोकर मेंबरशिप ली. तथा यहां से शुरू हुआ स्टॉक मार्केट के उस बेताज बादशाह का घोटालेबाजी का सफर.
बिंदु (Points) | जानकारी (Information) |
नाम (Name) | हर्षद मेहता |
जन्म (Date of Birth) | 29/07/1954 |
आयु | 47 वर्ष |
जन्म स्थान (Birth Place) | राजकोट, गुजरात |
परिवार (Family) | माता पिता, 3 भाई, पत्नी, एक बेटा |
पिता का नाम (Father Name) | शांतिलाल मेहता |
माता का नाम (Mother Name) | रासिलाबेन मेहता |
पत्नी का नाम (Wife Name) | ज्योति मेहता |
पेशा (Occupation ) | बिजनेस मैन (स्टॉक मार्केट इन्वेस्टर) |
बच्चे (Children) | आतुर मेहता |
भाई (Brother) | 3 भाई (आश्विन मेहता, हितेश मेहता, सुधीर मेहता) |
मृत्यु (Death) | 31/12/ 2001 |
मृत्यु स्थान (Death Place) | ठाणे जैल मुंबई, महाराष्ट्र |
Net Worth |
शेयर मार्केट के घोटाले का सफर | Harshad Mehta Stock Market Scam
हर्षद मेहता की कंपनी 1984 से 1990 तक आते – आते स्टॉक मार्केट की बहुत बड़ी कंपनी बन गई. अपनी तीव्र सफलता के कारण हर्षद अखबार में छाया हुआ था. हर मैगजीन में उसकी तस्वीरें छपा करती थीं और बड़े-बड़े लोग उसके साथ मीटिंग के लिए तरसते थे. हर्षद वो पारस पत्थर था जो कि जिस शेयर को छूता था वो सोने का हो जाता था. उसकी वैल्यू स्टॉक मार्केट में कोहिनूर से भी ज्यादा थी. स्टॉक मार्केट में हर्षद का नाम बड़े सम्मान से लिया जाने लगा. कहते हैं कि जब ऊपर वाला देता है तो छप्पर फाड़ कर देता है, हर्षद के साथ भी ऐसा ही हो रहा था. उसके 1500 स्कॉवर फीट के सी फेसिंग पेंट हाउस से लेकर उसकी मंहगी गाड़ियों के शौक तक सबने उसे एक सेलिब्रिटी बना दिया था.
मेहता की सफलता और स्टॉक मार्केट के अचूक ज्ञान से सब हैरान थे. ऐसा पहली बार हो रहा था कि कोई छोटा सा ब्रोकर लगातार इतना इंवेस्ट कर रहा है और हर इवेस्टमेंट के साथ करोड़ों कमा रहा है तथा एक छोटी सी शेयर कंपनी इतनी तेजी से ऊपर कैसे जा रही है बस इसी सवाल ने हर्षद मेहता के अच्छे दिनों को बुरे दिनों में बदल कर रख दिया. इसके पूरे राज का पर्दाफाश टाइम्स ऑफ इंडिया की पत्रकार सुचेता दलाल ने किया. दलाल ने अपनी रिपोर्ट्स के जरिए बताया कि कैसे बैंकिंग सिस्टम की कमियों के कारण हर्षद मेहता घोटाले कर रहा है.
हर्षद के घोटालों का पर्दाफाश | Harshad Mehta Exposed by
पत्रकार सूचिता दलाल ने घोटालेबाज हर्षद मेहता का खुलासा करते हुए बताया कि हर्षद ने लगभग 4000 करोड़ का घोटाला किया है. इसके लिये हर्षद बैंक से 15 दिन का लोन लेता था और उसे स्टॉक मार्केट में लगा देता था. साथ ही 15 दिन के भीतर वो बैंक को मुनाफे के साथ पैसा लौटा देता था. मगर कोई भी बैंक 15 दिन के लिए लोन नहीं देता. यह सब संभव इसलिए हुआ क्योंकि कई छोटे बैंकों से उसकी जान-पहचान भी थी, इसी का फायदा लेते हुए उसने जाली बैंकिंग रसीद बनवाई और इसी रसीद के जरिए वे दूसरे बैंकों से पैसे लेकर शेयर में लगाता था शेयर बाजार में जैसे ही मुनाफा होता था, वो तुरंत बैंक को रसीद के बदले लिए पैसे लौटा देता था. इसके साथ ही वह एक बैंक से फेक बीआर बनावाता जिसके बाद उसे दूसरे बैंक से भी आराम से पैसा मिल जाता था.
यह फ़र्जी काम इतना आराम से चल रहा था कि इसकी किसी को भनक तक नही लगी. इसके साथ ही वह अखबारों में एडवाइजरी कॉलम्स लिखने लगा था कि आप इस कंपनी में इंवेस्ट करे आपको फायदा होगा या इस कंपनी में ना करें इससे नुकसान होगा. बाद में पता चला कि मेहता सिर्फ उस कंपनी में पैसा लगाने कि एडवाइस देता था जिसमें उसका खुद का पैसा लगा हुआ है. हालांकि खुलासा होने के बाद सभी बैंक ने उससे अपने पैसे वापस मागने शुरू किए तथा हर्षद मेहता के ऊपर 72 क्रिमिनल चार्ज और लगभग 600 सिविल चार्ज लगाए.
हर्षद मेहता को जेल | Harshad Mehta Arrest
पत्रकार सुचिता के खुलासे के साथ ही पुलिस ने खोजबीन की. इसके तहत उस पर 72 क्रिमिनलचार्ज और लगभग 600 सिविल केस फाइल होने के बावजूद भी केवल 1 ही केस में सबूत मिल पाए. जिसके कारण इतने बड़े घोटाले का दोषी होने पर भी हर्षद मेहता को महज 5 साल की कैद और 25 हजार जुर्माना लगा.
सरकार पर आरोप एवं मौत | Harshad Mehta Death
हर्षद मेहता के घोटालों का प्रभाव तत्कालीन कांग्रेस की सरकार पर भी पड़ा. उस समय हर्षद मेहता ने ये कहकर सनसनी मचा दी थी कि मामले से बच निकले के लिए उसने तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को पार्टी फंड के नाम पर एक करोड़ रुपए की घूस दी थी. लेकिन कांग्रेस ने इसे सिरे से खारिज कर दिया.
हर्षद मेहता की मौत जेल में सजा काटते हुए रहस्यमय तरीके से हुई. 31 दिसम्बर 2001 की रात को सीने में दर्द की शिकायत पर उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया वहाँ दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई.
हर्षद मेहता पर बनी वेब सीरीज | Harshad Mehta Movie Web Series
वर्तमान में फ़िल्म जगत मे हर्षद मेहता के घोटालों पर एक वेब सीरीज खबरों में बनी हुई है. प्रसिद्ध डायरेक्टर हंसल मेहता द्वारा निर्मित ‘ स्कैम 1992: द हर्षद मेहता स्टोरी’ देश के आर्थिक घोटाले के बादशाह हर्षद मेहता पर आधारित है.
इसे भी पढ़े :
Very nice I understand the whole story
Isse bde bde ghotale to aaj kl aam hai jo neta krte hai…………….
Ar bt aata hai, netao k upper k aaropo ka, to koi aam insan netao se kaise jabki shasan hi uska hai to……..yha aam aadmi k sath insaf nhi hota hai jbki apradhi gunde hota hai…..
To iss case me to gov.. khud involve h………ar aaj tk konsa kam neta log kiye hai jo aam logo k hit me hai…………..
Harsad mehta ne jo kiya tarika galat ho sakta hai……lekin us mandi k time ek krantikari kam tha…….jiska benefit aaj hum le pa rhe hai……….afsos hai aise insan ko jail me safaya kr diya gya…….