फ्रांस के प्रसिद्ध प्रबंध सिद्धांतकार, उद्योगपति और खनन इंजिनियर हेनरी फेयोल की जीवनी | French mining engineer, author Henri Fayol Biography in Hindi
फ्रांस के प्रसिद्ध प्रबंध सिद्धांतकार, उद्योगपति और खनन इंजिनियर हेनरी फेयोल का प्रबन्धन के आधुनिक संकल्पना के विकास में सबसे महत्वपूर्ण योगदान हैं. इनके द्वारा दिए गए सिद्धांत ने प्रबंधन के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किये थे. जिनके कारण आज भी इनके सिद्धांतों को बुनयादी रूप से आधुनिक समय में अपनाया जा रहा हैं.
हेनरी फेयोल की जीवनी(Henri Fayol Biography)
हेनरी फेयोल का जन्म 29 जुलाई 1841 को तुर्की में इस्तान्बुल के सीमा क्षेत्र में हुआ था. इनके पिता का नाम आंद्रे फेयोल था. इनके पिताजी एक इंजिनियर थे. इनके माता का नाम यूजीन कैंटिन फेयोल था. जब हेनरी फेयोल के पिता की पोस्टिंग फ्रांस हुई थी तब इनका पूरा परिवार वर्ष 1874 में फ्रांस चला गया था. इनके पिता को गोल्डन हॉर्न के गलाता पुल के सुपर वाईसर के रूप नियुक्त किया गया था. हेनरी फेयोल ने पेरिस के नेशनल स्कूल ऑफ माइन्स से अपनी शिक्षा पूरी की. मात्र 19 वर्ष की आयु में इन्होने वर्ष में कमेंट्री-फोरचैम्बॉल्ट-डिकेज़विले की कंपनी में इंजिनियर के रूप में कार्य शुरू किया और वर्ष 1888 से 1918 तक कंपनी के प्रबंध निदेशक के पद पर रहे. वर्ष 1900 में यह कंपनी फ्रांस की सबसे बड़ी आयरन और स्टील उत्पादन करने वाली कंपनी बन गई थी.
हेनरी फेयोल की किताब (Henry Fayol Book)
हेनरी फेयोल ने अपने कार्य अनुभव से वर्ष 1916 में एक किताब प्रकाशित की थी. इस किताब का नाम औद्योगिक और सामान्य प्रशासन (administration industrielle et generale) हैं. इस किताब ने इन्होने प्रबंधन के 14 सिद्धांतों को बताया हैं.
वे सिद्धांत कार्य विभाजन, अधिकार एवं उत्तरदायित्व, अनुशासन, आदेश की एकता, निर्देश की एकता, व्यक्तिगत हितों का सामान्य हितों के पक्ष में समर्पण, कर्मचारियों का प्रतिफल, कर्मचारियों के कार्यकाल में स्थिरता, पहल क्षमता एवं सहयोग की भावना हैं.
फेयोल के 14 प्रबंधन सिद्धांत (Fayol’s 14 organizational principles)
- कार्य विभाजन (Job division) – जो व्यक्ति जिस कार्य को जानता हैं उसे वे ही कार्य दिए जाने चाहिए.
- सता व उत्तरदायित्व (Power and responsibility)– फेयोल के अनुसार संघठन में किसी व्यक्ति को दायित्व देने के पश्चात उसको करने हेतु सत्ता भी दी जानी चाहिए. फेयोल के अनुसार सत्ता व उत्तरदायित्व में समरूपता होनी चाहिए.
- पद सोपान (Promotion) – प्रत्येक आदेश ऊपर से निचे की ओर तथा प्रत्येक आवेदन नीचे से उपर की ओर उचित प्रक्रिया से प्रवाहित होने चाहिए. फेयोल पद सोपान को स्केलर चेन कहते हैं.
- आदेश की एकता (Unity of command) – किसी भी संघटन में आदेश देने वाला एक व्यक्ति होना चाहिए.
- निर्देश की एकता (Unity of instruction)– निर्देश की एकता आदेश की एकता का ही भाग हैं आदेश की एकता का सम्बन्ध जहाँ पुरे संघटन से हैं वही निर्देश की एकता का सम्बन्ध संघटन की किसी एक गतिविधि से हैं. यदि एक गतिविधि के सन्दर्भ में आदेश देने वाला व्यक्ति एक हो तो उसे निर्देश की एकता कहा जाता हैं.
- नियंत्रण की एकता (Unity of control) – एक उच्च अधिकारी द्वारा प्रभावी ढंग से कितने अधिनस्थो पर नियंत्रण स्थापित किया जा सकता हैं उनकी यह सीमा नियंत्रण की सीमा कहलाती हैं.
- व्यक्तिगत हितो तथा संघठन के हितो में समन्वय – फेयोल के अनुसार दोनों के हितो में टकराव होने पर सांगठनिक हितो को प्राथमिकता दी जानी चाहिए.
- केन्द्रीयकरण – संघटन में सारी शक्तियां एक व्यक्ति में केंद्रित होनी चाहिए.
- वेतन – व्यक्ति को कार्य के अनुरूप वेतन दिया जाना चाहिए लेकिन वेतन संघटन के हितो के अनुकूल होना चाहिए.
- पहल – संघटन के हितों में व्यक्ति को पहल करनी चाहिए.
- आदेश
- अनुशासन
- एकोल द स्पिट – संघटन के सभी सदस्यों को टीम भावना से कार्य करना चाहिए.
- स्थायित्व – संघटन में कर्मचारियों की भर्ती संविदा पर आधारित नहीं होनी चाहिए कर्मचारियों की पदावधि में स्थायित्व होना चाहिए.
नोट:- फेयोल के अनुसार पद सोपान का कठोरता से पालन करने पर कार्यो में देरी होती हैं .
नोट:- हेनरी फेयोल को आदेश की एकता सिद्धान्त का जनक कहा जाता हैं.
हैंनरी फेयोल की मृत्यु (Henry Fayol Death)
हैंनरी फेयोल की मृत्यु 19 नवम्बर 1925 को हुई.
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