कादर खान हिंदी फिल्मों के जाने माने अभिनेता हैं. हिंदी सिनेमा के लिए उनका योगदान अतुलनीय हैं. उन्होंने 300 से भी ज्यादा हिंदी फिल्मों में काम किया हैं. उन्होंने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत राजेश खन्ना की फिल्म “दाग” के साथ 1973 में की थी. वह पेशे से एक प्रोफेसर थे लेकिन पढ़ाने के साथ-साथ वह थिएटर भी किया करते थे दिलीप कुमार उन्हें बॉलीवुड की दुनिया में ले आये. पिछले तीन वर्षो से वह अस्वस्थ चल रहे थे. जोड़ो के दर्द के कारण वह चल फिर भी नहीं पाते थे.
बिंदु(Points) | जानकारी (Information) |
नाम (Name) | कादर खान |
जन्म (Birth) | 22 अक्टूबर 1935 |
जन्म स्थान (Birth Place) | काबुल, अफगानिस्तान |
कार्यक्षेत्र (Profession) | अभिनेता |
पिता का नाम (Father Name) | अब्दुल रहमान |
माता का नाम (Mother Name) | इकबाल बेगम |
पहली फिल्म (First Film) | दाग(1973) |
आखिरी फिल्म (Last Film) | हो गया दिमाग का दही (2015) |
मृत्यु (Death) | 31 दिसंबर 2018 शाम 6 बजे (स्थानीय समयानुसार) |
मृत्यु कारण (Death Cause) | प्रोग्रेसिव सुप्रान्यूक्लीयर पाल्सी डिसऑर्डर |
कादर खान का जन्म और परिवार (Kader Khan Birth and Family)
कादर खान एक प्रसिद्ध भारतीय फिल्म अभिनेता, हास्य अभिनेता, पटकथा और संवाद लेखक के साथ-साथ निर्देशक भी थे. उनका जन्म 22 अक्टूबर 1935 को अफ़ग़ानिस्तान के काबुल में हुआ था और वह अब्दुल रहमान और इकबाल बेगम के बेटे हैं. वह काकर जनजाति के पश्तो(पठान) होने का दावा करते थे. कादर खान ने अपने जीवन का लंबा समय मुंबई में बिताया. 2015 के बाद वह अपने बड़े बेटे सरफ़राज़ के साथ रहने कनाडा चले गए. उनके पास कनाडा की नागरिकता भी थी. उनकी शादी अजरा खान से हुई थी. जिससे उनके तीन बेटे सरफराज, कुद्दुस खान और शाहनवाज खान हैं. कादर खान उर्दू, हिंदी, अंग्रेजी और पश्तो भाषा में पारंगत थे.
कादर खान की शिक्षा और बचपन (Kader Khan Education & Childhood)
जब कादर खान एक साल के थे तब उनका परिवार मुंबई आ गया और मुंबई की झुग्गियों (Mumbai Slum Area) में रहने लगा. उन्होंने स्कूल में दाखिला लिया और बाद में 1970 से 1975 तक मुंबई विश्वविद्यालय, तत्कालीन बॉम्बे विश्वविद्यालय से जुड़े इस्माइल यूसुफ कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की. उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर के रूप में बायकुला के एम.एच.साबू सिद्दीक कॉलेज में पढ़ाया. कॉलेज में एक वार्षिक दिवस समारोह में, कादर खान ने एक नाटक में भाग लिया और इसकी सभी ने बहुत प्रशंसा की.
कादर खान का फिल्म सफ़र (Kader Khan Film Career)
दिलीप कुमार को कादर खान के नाटक के बारे में पता चला और उन्होंने इसे देखने की उत्सुकता दिखाई. खान ने उनके लिए विशेष व्यवस्था की और साथ ही साथ नाटक में अभिनय भी किया. दिलीप कुमार इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने उन्हें अपनी अगली दो फ़िल्मों के लिए साइन कर लिया यह फिल्में सगीना महतो और बैराग थीं.
कादर खान ने 300 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया और 250 से अधिक भारतीय फिल्मों के लिए संवाद लिखे हैं. उन्हें फिल्म रोटी (1974) के लिए संवाद लिखने के लिए अच्छी रकम मिली थी. उन्हें अमिताभ बच्चन, फिरोज खान, गोविंदा आदि जैसे प्रसिद्ध अभिनेताओं के साथ और डेविड धवन द्वारा फिल्मों में काम करने के लिए सबसे ज्यादा पहचाना जाता है. उन्होंने फिल्मों में कई सहायक भूमिकाएँ निभाई हैं और कई कॉमेडी टेलीविज़न श्रृंखलाओं में भी अभिनय किया है.
एक संवाद और पटकथा लेखक के रूप में, कादर खान ने कई प्रसिद्ध निर्देशकों और अभिनेताओं के साथ काम किया है. उन्होंने मनमोहन देसाई, प्रकाश मेहरा, आदि की सुपरहिट फिल्मों जैसे शराबी, कुली, लावारिस, मुकद्दर का सिकंदर और अमर अकबर एंथनी के लिए संवाद लिखे साथ ही अग्निपथ और नसीब जैसी अमिताभ बच्चन अभिनीत फिल्मों के लिए पटकथा भी लिखी. 1991 में, उन्होंने फिल्म ‘बाप नम्बरी बेटा दस नंबरी’ के लिए फिल्मफेयर बेस्ट कॉमेडियन अवार्ड जीता. 1984 से 1999 तक, उन्हें विभिन्न फिल्मों के लिए नौ बार फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था. एएफएमआई (भारत से मुसलमानों के अमेरिकी संघ) ने भारत में मुस्लिम समुदाय को उनकी उपलब्धि और सेवा के लिए मान्यता दी.
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कादर खान की आखिरी फिल्म (Kader Khan Last Film)
कादर खान की अभिनय की दृष्टि से आखिरी फिल्म “हो गया दिमाग का दही” थी जो कि साल 16 अक्टूबर 2015 में आई थी. इस फिल्म में कादर खान के साथ ओम पुरी, संजय मिश्रा और राजपाल यादव जैसे मशहूर अभिनेता भी थे. इस फिल्म के प्रमोशन के दौरान वह आखिरी बार मीडिया के सामने आये थे. इसके बाद वह किसी शो या फिर स्टेज पर नजर नहीं आए. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि अब उम्र हो चली है. उनके अभिनय के लायक अब काम नहीं मिल रहा है. इस फिल्म के बाद उनकी दो फिल्मे और रिलीज़ “अमन के फ़रिश्ते” और “मस्ती नहीं सस्ती” हुई. इन दो फिल्मो की शूटिंग कादर खान ने दशकों पहले कर ली थी लेकिन इन्हें 2016 और 2017 में रिलीज़ किया गया.
कादर खान और विवाद (Kader Khan’s Controversy)
वर्ष 2016 में दिए बयान के कारण कादर खान चर्चा में आये थे. इस वर्ष में रजनीकांत, अनुपम खेर, प्रियंका चोपड़ा, मधुर भंडारकर, एस.एस राजमौली और मालिनी अवस्थी को पद्म अवार्ड मिला था. जिसके बाद कादर खान ने कहा था कि चापलूसी एक कारण हो सकता हैं कि उनके साथी कलाकारों को ये सम्मान मिल रहा हैं. कादर खान ने अनुपम खेर पर निशाना साधते हुए कहा था कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चापलूसी के अलावा अभी तक किया ही क्या है.
कादर खान की मृत्यु (Kader Khan Death)
300 से भी ज्यादा हिंदी फिल्मों में काम कर चुके 81 वर्ष के कादर खान जून 2018 से प्रोग्रेसिव सुप्रान्यूक्लीयर पाल्सी डिसऑर्डर नामक बिमारी से जूझ रहे थे. इस बीमारी में व्यक्ति का शारीरिक संतुलन खोने लगता है. जिसकी वजह से उठने, बैठने, चलने और बात करने में दिक्कत होती है. साथ ही व्यक्ति भूलने भी लगता है. वह लम्बे समय से अपने बेटे सरफ़राज़ के साथ कनाडा में रह रहे थे. 28 दिसंबर 2018 से उन्हें कनाडा के एक अस्पताल में वेटिलेटर पर रखा गया था.
31 दिसंबर 2018 को शाम 6 बजे (कनाडा स्थानीय समयानुसार) को उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली. उनके बेटे सरफ़राज़ के अनुसार कादर खान दोपहर में ही कोमा में चले गए थे. दिवंगत अभिनेता का अंतिम संस्कार कनाडा में ही किया जाएगा. सरफराज ने कहा, ‘हमारे परिवार के सभी सदस्य यहां हैं और हम यहीं रहते हैं इसीलिए हमने यहीं अंतिम संस्कार करने का फैसला किया है.
Kader Khan was the most flomiral actor in bollywood ..big salute this greatest actor