प्रथम प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की जीवनी (प्रारंभिक जीवन, शिक्षा, राजनीतिक सफ़र, मृत्यु) | Indira Gandhi Biography (Initial Life, Education, Career, Death) in Hindi
श्रीमती इंदिरा गांधी भारत की प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की सुपुत्री थी. वह विश्व की महान महिला नेताओं में से एक थी. दृढ़ निश्चय, आत्मविश्वास, सहज निर्णय, अनुशासन प्रियता, राजनीतिक कुशलता तथा कुशल नेतृत्व के बल पर वह विश्व के राजनीतिक पटल पर एक सशक्त तथा अविस्मरणीय राजनेता के रूप में सम्मानित हुई थी. लोकमान्य तिलक ने “स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है” मंत्र दिया था और महात्मा गांधी ने इस देश को आजादी दिलवाई थी. इसके बाद इसी श्रृंखला में 1971 में भारत-पाक युद्ध में शानदार विजय दिलाने तथा विश्व मंच पर भारत की गरिमा को चार चांद लगाने का श्रेय श्रीमती इंदिरा गांधी को जाता है. पोखरण में वर्ष 1974 में परमाणु विस्फोट और अंतरिक्ष में भारत का प्रवेश उनकी ही सूझबूझ के कीर्तिमान है.
बिंदु(Points) | जानकारी (Information) |
नाम (Name) | इंदिरा गांधी |
पिता का नाम (Father name) | जवाहर लाल नेहरू |
माता का नाम (Mother name) | कमला नेहरू |
जन्म (Birth) | 19 नवम्बर 1917 |
जन्म स्थान (Birth Place) | इलाहाबाद (अब प्रयागराज) |
कॉलेज (Education) | ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी और विश्व भारती यूनिवर्सिटी |
कार्यक्षेत्र (Profession) | राजनेता |
राष्ट्रीय पुरस्कार (Awards) | भारत रत्न (1971) जवाहर लाल नेहरू अवार्ड फॉर इंटरनेशनल आउटस्टैंडिंग (1984) |
उपलब्धि (Achievement) | भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री |
इंदिरा गांधी का जन्म और प्रारंभिक जीवन (Indira Gandhi Birth and Earlier Life)
इंदिरा गांधी का जन्म दिन एक शुभ दिन था जिस दिन लेनिन रूस में राजशाही के विरुद्ध जन क्रांति का बिगुल बजाया था. वह ऐतिहासिक दिन 19 नवंबर 1917 का था. इंदिरा जी के व्यक्तित्व में दूरदर्शिता, ओजस्विता और साहस का अद्भुत समन्वय मिलता है. उनके राजनीतिक जीवन का प्रारंभ उनके बचपन से ही समझा जाना चाहिए. गांधी जी के आंदोलन के समय उनके माता पिता स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े थे. उस समय स्वतंत्रता आंदोलन का जोर इतना था जिसका प्रभाव उनके अवचेतन मन पर भी पड़ा. इंदिरा जी कहती थी “मुझे मालूम नहीं कि मैं कभी खिलौनों से खेली हूं”.
इंदिरा गांधी की शिक्षा तथा विवाह (Indira Gandhi Education and Marriage)
इंदिरा जी की शिक्षा विधिवत नहीं हो सकी थी. प्रारंभ में उन्हें शांतिनिकेतन की “ विश्व भारती” संस्था में पढ़ने भेजा गया. पंडित जवाहरलाल नेहरू अपनी पत्नी श्रीमती कमला नेहरू को चिकित्सा के लिए स्विजरलैंड ले गए तो इंदिरा जी को भी अपने साथ ले गए. वहां एक अच्छे विद्यालय में उनको प्रवेश दिलाया गया. बाद में उन्होंने ऑक्सफोर्ड में भी शिक्षा प्राप्त की किंतु उनकी वास्तविक शिक्षा पंडित नेहरू के साथ देश विदेश यात्राओं में तथा अपने पिता के लिखे पत्रों के आधार पर हुई.
1942 के कठिन दिनों में जब भारत छोड़ो आंदोलन पूरे परवान पर था तब इंदिरा जी का विवाह फिरोज गांधी के साथ हुआ. इंदिरा गांधी को राजीव गांधी तथा संजय गांधी जैसे दो पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई.
इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री के रूप में (Indira Gandhi as Prime Minister)
21 वर्ष की अवस्था में इंदिरा गांधी कांग्रेस के सदस्य बनी. पंडित नेहरू के निधन के बाद वे तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री के अनुरोध पर मंत्रिमंडल में सूचना प्रसारण मंत्री बनी. श्री लाल बहादुर शास्त्री के आकस्मिक निधन के बाद 19 जनवरी 1966 को सर्वसम्मति से इंदिरा गांधी को देश के प्रधानमंत्री चुना गया. उनका व्यक्तित्व के प्रधानमंत्री बनने पर अद्वितीय, अभूतपूर्व एवं महान था.
वर्ष 1967 के फरवरी में चौथे आम चुनाव हुए. इस बार फिर इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बनी. इस चुनाव के बाद इंदिरा गाँधी के व्यक्तित्व में और निखर आ गया. वे जिधर भी जाती लोग उनको देखने के लिए उमड़ पड़ते. वर्ष 1971 के चुनावों में वे फिर से अजेय बहुमत से विजय हुई. उन्होंने अपने शासनकाल में अनेक महतवपूर्ण कार्य किये जैसे बैंकों का राष्ट्रीयकरण, पाकिस्तानी सेना का आत्मसमर्पण, बांग्लादेश का एक नवीन स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में प्रतिस्थापन, रूस के साथ मैत्री संस्थापन और भारत को सबल अस्तित्व का स्थापन आदि.
इंदिरा गांधी को अपने लम्बे राजनैतिक जीवन में कई उतार-चढाव देखने पड़े. जून 1975 से मार्च 1977 तक की अवधि में उन्होंने देश में आपातकाल घोषित कर दिया. यही दिन भारतीय राजनीति का काला दिन था और इंदिरा गाँधी के जीवन की सबसे बड़ी भूल थी. मार्च 1977 में रायबरेली से लोकसभा का चुनाव हार गई. उनका दल पूरी तरह साफ़ हो गया.
कांग्रेस बुरी तरह पराजित हुई किन्तु सत्ताधारी जनता पार्टी आपसी कलह, फूट और कुर्सी की होड़ के कारण सिर्फ दो ही वर्ष में बिखर गई. मध्यावधि चुनाव हुए और कांग्रेस को इस बार भारतीय जनता ने विजय दिलाई तथा इंदिरा गाँधी पुनः प्रधानमंत्री बनी और अपने अंतिम समय तक इस पद बनी रही.
विश्व की अग्रणी राजनीतिज्ञ (Indira Gandhi as Global Leader)
इंदिरा गाँधी अपने पिता से भी अधिक साहसी और सूझ-बूझ की धनि थी. उन्होंने विशव मंच पर अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य किये थे. वे विकासशील देशों की अग्रणी नेता तो थी ही विकसित देश भी श्रीमति इंदिरा गाँधी की राय को अत्यंत महत्वपूर्ण मानते थे. वे अपने समय की सर्वोच्च राजनीतिज्ञ थी. उन्होंने अपनी बुद्धि, कौशल तथा साहस से यह सिद्ध कर दिया की नारी भी विश्व की गौरव गरिमा में बहुमुखी तथा चहुमुखी वृद्धि कर सकती हैं.
इंदिरा गांधी की हत्या (Assassination of Indira Gandhi)
31 अक्टूबर को इंदिरा गाँधी के अंगरक्षकों ने ही गोलियां मारकर उनकी हत्या कर दी. यदपि आज वे हमारे बीच में नहीं रही, फिर भी वे अपने महान कार्यों के द्वारा भारत के जन जन के हृदय में बसी हुई.
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