पी. वी. नरसिम्हा राव का जीवन परिचय | P V Narsimha Rao Biography, Wiki, Age, Bio, Cast, Family, Political Party, History, Award & Achievements in Hindi
आज हम इस लेख में दक्षिण भारत से बने पहले प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिम्हा राव का जीवन परिचय जानने वाले है. पी. वी. नरसिम्हा राव यह नाम राजनीति के क्षेत्र में बहुत बड़ा माना जाता है.उन्हें आज़ाद भारत का 10 वा प्रधानमंत्री पद ग्रहण करने का अवसर प्राप्त हुआ. पी. वी. नरसिम्हा राव एक कर्तव्यनिष्ठ राजनितिक नेता के रूप में जाने जाते है. वे राजनिति के साथ साथ साहित्य, कला में भी रूचि रखते थे. इन्हे भारतीय भाषाओँ के साथ स्पेनिश और फ़्रांसिसी भाषाओँ में भी दिलचस्पी थी. तो आइये पी. वी. नरसिम्हा राव का जीवन परिचय वस्तार से जानते है.
पी. वी. नरसिम्हा राव का जीवन परिचय | P V Narsimha Rao Biography In Hindi
बिंदु (Points) | जानकारी (Information) |
नाम (Name) | पामुलापर्थी वेंकट नरसिम्हा राव |
जन्म (Date of Birth) | 28/06/1921 |
आयु | 83 वर्ष |
जन्म स्थान (Birth Place) | लक्नेपल्ली, तेलंगाना |
पिता का नाम (Father Name) | पामुलापर्थी सीताराम राव |
माता का नाम (Mother Name) | पामुलापर्थी रुक्मिणी (रुक्मिनम्मा) |
पत्नी का नाम (Wife Name) | सत्यम्मा राव |
पेशा (Occupation ) | राजनेता, पूर्व प्रधानमंत्री |
राजनेतिक पार्टी (Party) | भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस |
जाति (Cast) | नियोगी ब्राह्मण |
बच्चे (Children) | पी वी राजेश्वर राव, सुरभि वाणी देवी |
मृत्यु (Death) | 23 दिसंबर 2004 |
मृत्यु स्थान (Death Place) | दिल्ली |
भाई-बहन (Siblings) | ज्ञात नहीं |
अवार्ड (Award) | भारतीय आर्थिक सुधारों के जनक |
प्रारम्भिक जीवन
पी. वी. नरसिम्हा राव का जन्म 28 June 1921 को आंध्रप्रदेश करीम नगर के एक सामान्य परिवार में हुआ था. उनके पिता सीताराम व माता रुकमनी थे.
राव ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा करीमनगर जिले के भीमदेवरापल्ली मंडल के कत्कुरू गाँव में पूर्ण की. इसके बाद उन्होंने ओस्मानिया विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद नागपुर विश्वविद्यालय के अंतर्गत हिस्लोप कॉलेज से लॉ की पढाई की. वे तेलुगु के साथ साथ अन्य भारतीय भाषाओं में भी पारंगत थे जिनमे तमिल, मराठी, हिंदी, संस्कृत, उड़िया, बंगाली और गुजराती भी शामिल थी. भारतीय भाषाओं के अलावा वे अंग्रेजी, फ्रांसीसी, अरबी, स्पेनिश, जर्मन और पर्शियन इन सारी भाषाओं में भी वे पारंगत थे.
उनकी पत्नी का नाम सतयम्मा राव था. पी.वी. नरसिम्हा राव की संताने आज देश की राजनीति में अपना योगदान दे रहे है, जिनमे पी.वी. रंगा और वाणी दयाकर राव शामिल है.
राजनितिक जीवन
पी. वी. नरसिम्हा राव भारत की आज़ादी के बाद कांग्रेस में शामिल हुए. नरसिम्हा राव सन 1971 से 1973 तक आंध्र प्रदेश राज्य के मुख्यमंत्री रहे. राज्य स्तर पर विभिन्न विभागों में कार्य करने के बाद उन्होंने केंद्र विभाग में भी कई महत्वपूर्ण कार्य किये. राजनीति में उनके विविध अनुभव के कारण ही उन्हें केंद्र सरकार में गृह, रक्षा और विदेश मंत्रालय जैसे मंत्रालयों की जिम्मेदारी सौंपी गयी. वे 14 जनवरी 1980 से 18 जुलाई 1984 तक विदेश मंत्री, 19 जुलाई 1984 से 31 दिसंबर 1984 तक गृह मंत्री तथा 31 दिसंबर 1984 से 25 सितम्बर 1985 तक भारत के रक्षा मंत्री रहे. केंद्र सरकार में इन्होने मानव संसाधन विकास मंत्री के रूप में भी कार्य किया. राजिव गांधी की मृत्यु के बाद वर्ष 1991 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने सबसे अधिक सीटों पर विजय हासिल की पर उन्हें पूर्ण बहुमत नहीं मिल सका था. इसके बाद उन्होंने अल्पमत सरकार चलाई. उन्हें 1991 में प्रधानमन्त्री का पद सौपा गया. उन्होंने पाँच साल तक प्रधानमन्त्री के पद को संभाला.
उपलब्धियाँ और मृत्यु | P V Narsimha Rao Death & Achievements
जब वे प्रधानमन्त्री बने, इस समय देश की आर्थिक स्थिति बहुत ज्यादा ख़राब थी. इस गंभीर स्तिथि का उन्होंने सूझ-बूझ के साथ हल निकाला. उन्होंने अर्थशाष्त्री मनमोहन सिंह को वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी, इस तरह वे देश को नए आर्थिक दौर में ले जाने में कामयाब रहे. इन्होने अपने कार्यकाल में बहुत से आर्थिक परिवर्तन किये इसलिए इन्हें “भारतीय आर्थिक सुधारों के जनक” कहा जाता है.
इनके कार्यकाल में विज्ञान क्षेत्र में बहुत प्रगति हुई. इस दौरान मिसाइल और परमाणु कार्यक्रम को गति मिली जिसके परिणामस्वरूप सन 1998 में वाजपेयी सरकार परमाणु परिक्षण करने में सफल रही. पंजाब में आतंकवाद का सफाया भी उन्हीं के कार्यकाल में हुआ. इस काल में उनके निर्णय बहुत प्रभावशाली साबित हुए. विदेश नीति के क्षेत्र में उन्होंने पश्चिमी यूरोप, चीन और अमेरिका से सम्बन्ध सुधरने की दिशा में कई प्रयास किये. 23 दिसम्बर 2004 को राव को दिल का दौरा पड़ने की वजह से उनका निधन हुआ.
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