पंडित झाबरमल्ल शर्मा की जीवनी [जन्म, शिक्षा, पुरुस्कार] और प्रसिद्द रचनाएँ | Pandit Jhabarmal Sharma Biography (Birth, Education, Awards) and Famous Book in Hindi
पंडित झाबरमल्ल शर्मा एक महान साहित्यकार, पत्रकार, समाज सेवक और इतिहासकार थे. अपने विशिष्ट कार्यों के कारण इन्हें पद्मभूषण उपाधि से सम्मानित किया गया था. पत्रकारिता का क्षेत्र में भी इन्होने अपने पूर्ववर्ती व समकालीन साहित्यकारों की कीर्ति-रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया.
बिंदु(Points) | जानकारी (Information) |
नाम (Name) | झाबरमल्ल शर्मा |
पिता का नाम (Father Name) | पंडित रामदयालु |
जन्म (Birth) | वर्ष 1888 |
मृत्यु (Death) | 4 जनवरी 1983 |
जन्म स्थान (Birth Place) | जसरापुर |
कार्यक्षेत्र (Profession) | साहित्यकार, पत्रकार, समाज सेवक और इतिहासकार |
सम्मान (Awards) | पद्म भूषण |
पंडित झाबरमल्ल शर्मा का जन्म और जीवन (Pandit Jhabarmal Sharma Birth and Biography)
पंडित झाबरमल्ल शर्मा का जन्म वर्ष 1888 में राजस्थान के खेतड़ी कस्बे के जसरापुर ग्राम में हुआ था. इनके पिता का नाम पंडित रामदयालु था. इनके पिता संस्कृत के प्रकाण्ड पंडित और आयुर्वेद के पीयूषपाणि चिकित्सक थे. पंडित झाबरमल्ल शर्मा की प्रारंभिक शिक्षा अपने पिता द्वारा ही प्राप्त की. इन्होने अपने पिताजी के सानिध्य में संस्कृत, हिन्दी, अंग्रेज़ी और बंगला आदि भाषाओं का ज्ञान अर्जित किया. वर्ष 1905-06 में इन्होने अपने पिताजी के गुरु गणनाथ सेन द्वारा कलकत्ता में शिक्षा प्राप्त की. और अपने ज्ञान को प्रखर किया.
पंडित झाबरमल्ल शर्मा हिन्दी के प्रख्यात पत्रकार पण्डित दुर्गाप्रसाद मिश्र से सम्पर्क में आये. इनकी संगति से पंडित झाबरमल्ल शर्मा की रूचि पत्रकारिता की ओर बढ़ गयी. वर्ष 1905 में कलकत्ता में ही रहकर इन्होनें “ज्ञानोदय” पत्र के संपादन का कार्य किया. इसके साथ ही ये “मारवाड़ी बन्धु” के संपादन का कार्य भी किया करते थे. वर्ष 1909 में इन्होने “भारत” साप्ताहिक पत्र का भी संपादन का कार्य किया. यह पत्र मुंबई में प्रकाशित होता था. उस समय सिर्फ “भारत” ही सिर्फ एक ऐसा पत्र था, जिसमे सभी पृष्ठों पर चित्र प्रकाशित होते थे. इन्होनें अखिल भारतीय माहेश्वरी सभा के मुखपत्र के भी सम्पादन का कार्य किया. .
वर्ष 1914 में इन्होनें “कलकत्ता समाचार कम्पनी लिमिटेड” की स्थापना की और दैनिक समाचार पत्र आरम्भ किया. जिसका नाम “कलकत्ता समाचार” था. इन्होनें अपने समाचार पत्र के माध्यम से रौलट एक्ट का विरोध किया था. पंडित झाबरमल्ल शर्मा द्वारा इस तरह विरोध किये जाने पर गवर्नर ने उन्हें धमकी दी कि सभी मारवाड़ियों को वही भेज दिया जाएगा जहाँ से वे आये हैं. इस पर पंडित झाबरमल्ल शर्मा ने अपने समाचार पत्र के माध्यम से “गवर्नर का गुस्सा” शीर्षक के साथ संपादकीय कॉलम में तीखी प्रतिक्रिया दी. जिसके बाद सरकार द्वारा दो हजार रूपए जमानत मांग ली गयी. तब कंपनी के डायरेक्टर ने निर्णय लिया जमानत देकर प्रकाशन बंद कर दिया जाएगा. कुछ समय बाद एक नए उद्योगपति ने “कलकत्ता समाचार कम्पनी लिमिटेड” को खरीद लिया. और पंडित झाबरमल्ल शर्मा पुनः प्रकाशन करने लगे. वर्ष 1925 तक “कलकत्ता समाचार” का प्रकाशन हुआ.
वर्ष 1925 में पंडित झाबरमल्ल शर्मा दिल्ली आ गए. जहाँ उन्होंने सनातन धर्म के प्रख्यात नेता व्याख्यान वाचस्पति पण्डित दीनदयालु शर्मा की प्रेरणा पर कुंवर गणेशसिंह भदौरिया और पण्डित झाबरमल्ल शर्मा “कलकत्ता समाचार” को “हिन्दू संसार” नाम से प्रकाशित किया. अपने पिताजी के ख़राब स्वास्थ्य के चलते इन्हें अपने गाँव वापस जाना पड़ा. इन्होने अपने पिता की देखभाल के साथ अपने सम्पादन और प्रकाशन का कार्य भी सुचारू रूप से किया. इसी दौरान इन्होने वर्ष 1958 में खेतड़ी में “रामकृष्ण मिशन” की एक शाखा की आधारशीला रखी.
पंडित झाबरमल्ल शर्मा की रचनाएं एवं संपादित पुस्तकें (Pandit Jhabarmal Sharma Books)
पंडित झाबरमल्ल शर्मा द्वारा अनेक स्वरचित रचनाएँ और सम्पादित पुस्तकें लिखी गई हैं. जिनमे “क्षत्रिय नरेश और विवेकानंद” और गुलेरी ग्रंथावली आदि हैं. अपने जीवन के अंतिम दिनों में “राजस्थान और नेहरू-परिवार” ग्रन्थ का विमोचन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी द्वारा 26 मई 1982 को प्रधानमंत्री आवास पर किया गया था.
सम्मान (Pandit Jhabarmal Sharma Awards)
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पंडित झाबरमल्ल शर्मा को साहित्य के क्षेत्र में किये गए अपने उत्कृष्ट कार्यों के लिए एक विशेष पुरूस्कार से सम्मानित किया गया था.
भारत सरकार द्वारा वर्ष 1982 में “पद्म भूषण” से पुरुस्कृत किया गया था.
पंडित झाबरमल्ल शर्मा की मृत्यु (Pandit Jhabarmal Sharma Death)
पंडित झाबरमल्ल शर्मा की मृत्यु 4 जनवरी 1983 को राजस्थान के जयपुर जिले में हुई.
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