कवि पवन करण का जीवन परिचय, रचनाएँ
Pawan Karan (Poet) Biography, Birth, Age, Education, Awards, Poems, In Hindi
पवन करण एक भारतीय कवि, संपादक, सामाजिक और राजनीतिक विश्लेषक और 21 वीं सदी की शुरुआत के प्रमुख कवियों में से एक हैं.
कवि पवन करण का जीवन परिचय | Pawan Karan (Poet) Biography In Hindi
उन्हें भारतीय समाज में महिलाओं के जीवन के यथार्थवादी चित्रण के लिए अत्यधिक जाना जाता है. पवन करण की कविताओं में साम्राज्यवाद, पूंजीवाद, धर्म कट्टरता, जाति आधारित सामाजिक मान्यताओं और रूढ़िवादी रीति-रिवाजों का चित्रण मिलता है. पवन करण जी का जन्म 18 जून 1964 में ग्वालियर, मध्य प्रदेश में हुआ था.
बिंदु (Points) | जानकारी (Information) |
नाम (Name) | पवन करण |
जन्म (Date of Birth) | 18 जून 1964 |
आयु | 56 वर्ष |
जन्म स्थान (Birth Place) | ग्वालियर, मध्य प्रदेश |
पिता का नाम (Father Name) | ज्ञात नही |
माता का नाम (Mother Name) | ज्ञात नहीं |
पत्नी का नाम (Wife Name) | ज्ञात नहीं |
पेशा (Occupation ) | लेखक, कवि |
अवार्ड (Award) | पुश्किन सम्मान, मास्को |
पवन करण जी के प्रमुख कार्य
पवन करण का लेखन कार्य लगभग 1980 के आसपास शुरू हुआ था, जब उनकी कविता एक स्थानीय समाचार पत्र में प्रकाशित हुई थी. इससे इनको लेखन कार्य में बहुत बढ़ावा मिला और उन्होंने कविता लिखना शुरू कर दिया. लेकिन कविता के समाज में उन्हें स्थान मिलते – मिलते लगभग 10 साल लग गए.
लगभग 1992 के आसपास इनकी कवितायेँ प्रमुख समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में प्रकाशित होनी शुरू हो गयीं. आलोचकों और पाठकों ने उनकी कविताओं को गंभीरता से पढ़ना शुरू कर दिया. इसके बाद भारत के प्रमुख प्रकाशन ‘राज कमल प्रकाशन’ और ‘वाणी प्रकाशन’ ने उनकी किताबें प्रकाशित करनी शुरू कर दी.
पवन करण प्रमुख भारतीय अखबारों ‘नवभारत’ और ‘नई दुनिया’ में सरकारी कर्मचारी, संपादक (साहित्य) के रूप में कार्य कर चुके हैं. इसके साथ ही उनकी कई कविताओं का विभिन्न भाषाओं जैसे – अंग्रेजी, रूसी, नेपाली, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, उड़िया, गुजराती, असमिया, बंगाली और उर्दू में अनुवाद भी किया गया है. 2004 में पवन करण धीरे-धीरे धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं से दूर होते गए और उन्होंने ‘स्त्री मेरे भीतर’ में नारीवाद को व्यक्त किया.
भारत में बहुत कम लेखक हैं, जिन्होंने भारतीय समाज में महिलाओं की स्थिति पर लिखा है. उन्होंने अपनी रचनाओं में बताया है कि कैसे महिलाएं पुरुषों द्वारा किये गए शोषण और उत्पीड़न से पीड़ित हैं. वास्तव में उन्होंने महिलाओं की दुर्दशा के बारे में बताया है.
पवन करण कविता संग्रह | Pawan Karan Poem
इस तरह मैं – पवन करण की पहली कविता वर्ष 2000 में प्रकाशित हुई थी, जिसे पाठकों ने खूब सराहा था. इस कविता संग्रह में मुख्य रूप से कविताएँ परिवार, प्रेम, प्रकृति और वस्तुओं, घटनाओं, प्रकरणों और दृश्यों पर आधारित हैं.
इस कविता संग्रह को मध्य प्रदेश कला संघ ‘रजा सम्मान’ से सम्मानित किया गया था, यह मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी से विश्व प्रसिद्ध चित्रकार” एस. एच. रज़ा और राम विलास शर्मा सम्मान की स्मृति में दिया गया था.
स्त्री मेरे भीतर – 2004 में प्रकाशित यह पवन करण की दूसरी कविता है. इस कविता ने आलोचकों और पाठकों को स्तब्ध कर दिया था, इस खंड की कविताएं महिलाओं के विषय पर आधारित हैं. उनकी ये कवितायें पाठकों और समीक्षकों के बीच बहस का विषय बन गयी थी. कविता प्रकाशित होने से पहले ही आलोचकों ने भाषणों के माध्यम से आलोचना करना शुरू कर दिया था. जब यह कविता संग्रह प्रकाशित हुआ तो सभी ने सहजता से इसे स्वीकार किया.
इसके अलावा पवन करण जी का तीसरा कविता संग्रह ‘अस्पताल के बाहर टेलीफोन’ 2009 में प्रकाशित हुआ. चौथा कविता संग्रह ‘कहना नहीं आता’ 2012 में प्रकाशित हुआ था. पाँचवां कविता संग्रह ‘कोट के बाजू पर बटन’ 2013 में प्रकाशित हुआ था.
सम्मान और पुरस्कार | Pawan Karan Awards
- मध्य प्रदेश साहित्य परिषद द्वारा 2000 में दिया गया राम विलास शर्मा सम्मान
- रज़ा सम्मान (2002) – मध्य प्रदेश कला परिषद द्वारा दिया गया.
- वागीश्वरी सम्मान (2004) – मध्य प्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा दिया गया.
- पुश्किन सम्मान, मास्को (2006) – भारत मित्र समाज, मास्को द्वारा अलेक्जेंडर पुश्किन की स्मृति में दिया गया.
- शीला सिद्धान्तकर (कवि) की याद में दिया गया ‘शीला सिद्धान्तकर सम्मान’ (2007)
- साहित्य समाज द्वारा दिया गया ऋतुराज सम्मान (2009), नई दिल्ली
- केदारनाथ अग्रवाल की स्मृति में ‘केदार सम्मान’
- स्पंदन सम्मान (2017) – स्पंदन संस्था, भोपाल द्वारा दिया गया.
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