कवि फूलचन्द गुप्ता की जीवनी | Phoolchand Gupta (Poet) Biography In Hindi

कवि फूलचन्द गुप्ता का जीवन परिचय, रचनाएँ, कविताएँ
Phoolchand Gupta (Poet) Biography, Family, Gazal, Poems, Books In Hindi

फूलचंद गुप्ता हिंदी साहित्य भाषा के एक प्रसिद्ध कवि रहे हैं और भारतीय हिंदी और गुजराती भाषा के  लेखक, कवि के रूप में भी जाने जाते हैं. इनका जन्म सन 30 अक्टूबर 1958  को उत्तर-प्रदेश के फ़ैजाबाद ज़िले के रुदौली तहसील के एक छोटे से गाँव, अमराईगाँव में हुआ. यह एक गरीब परिवार के सदस्य हैं. फूलचंद ने गुजराती दलित साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया है साथ ही गुजराती राज्य की हिंदी साहित्य अकादमी ने उन्हें सन 2013 में सम्मानित किया. उन्होंने अपनी पुस्तक ‘इसी माहोल में’ के लिए शफ़दर हाशमी पुरस्कार (2000) जीता.

Phoolchand Gupta (Poet) Biography In Hindi

कवि फूलचन्द गुप्ता की जीवनी | Phoolchand Gupta (Poet) Biography In Hindi

कवि फूलचंद गुप्ता का जन्म भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश में फैजाबाद जिले के रुदौली शहर के एक गाँव अमराईगाँव में हुआ. उनके माता-का नाम सावित्री देवी था तथा पिता जगतनारायण थे. उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा 1969 में अमराईगांव के प्राथमिक विद्यालय से पूरी की. 1970 में, फूलचन्द जी अहमदाबाद आये और फिर यहीं पर रहकर सन 1974 में जनता हिंदी हाई स्कूल, नरोदा से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की. उन्होंने 1978 में सरदार वल्लभभाई पटेल कॉमर्स से वाणिज्य में स्नातक की उपाधि प्राप्त की. अपने परिवार की आर्थिक स्थिति ख़राब होने के कारण फूलचन्द जी ने 3 साल तक साइकिल कारखाने में काम किया.

बिंदु (Points)जानकारी (Information)
नाम (Name)फूलचंद गुप्ता
जन्म (Date of Birth)30 अक्टूबर 1958
आयु70 वर्ष
जन्म स्थान (Birth Place)जबलपुर, मध्य प्रदेश
पिता का नाम (Father Name)जगतनारायण
माता का नाम (Mother Name)सावित्री देवी
पत्नी का नाम (Wife Name)शकुन गुप्ता
पेशा (Occupation )कवि, लेखक
बच्चे (Children)एक बेटी दो बेटे
मृत्यु (Death)—-
अवार्ड (Award) हिंदी साहित्य अकादमी

1982 में, फूलचन्द जी ने एच. के. आर्ट्स कॉलेज, अहमदाबाद में दाखिला लिया और फिर बहुत जल्दी ही इन्होंने 1985 में अंग्रेजी साहित्य में अपनी कला स्नातक की उपाधि प्राप्त की और 1987 में स्कूल ऑफ लैंग्वेजेज ऑफ गुजरात यूनिवर्सिटी से मास्टर ऑफ आर्ट्स किया. फिर उसी वर्ष, उन्होंने अहमदाबाद भवन केंद्र, से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की और पुनः 1993 में,  गुजरात विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में मास्टर ऑफ आर्ट्स की उपाधि प्राप्त की . उन्होंने 2013 में वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय से पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की.

परिवार | Phoolchand Gupta Family

सन 1982 में फूलचन्द जी ने शकुन गुप्ता से विवाह कर लिया और अपना गृहस्थ जीवन व्यतीत करने लगे. उनके परिवार में इनकी एक बेटी पल्लवी और दो बेटे  सिद्धार्थ और रुचिर हैं. वह अपने परिवार के साथ हिम्मतनगर में रहते हैं.

Phoolchand Gupta (Poet) Biography In Hindi

करियर

फूलचन्द गुप्ता जी ने अपने करियर की शुरुआत 1980 में अहमदाबाद के एक निजी परिवहन कंपनी में क्लर्क के रूप में पहले की थी. 1987 से 1988 तक, फूलचन्द जी ने  दैनिक, यंग इंडिया में एक पत्रकार के रूप में कार्य किया. 1989 में, उन्होंने अंग्रेजी साहित्य के प्रोफेसर के रूप में सबरीग्राम विद्यापीठ, में कार्य किया. फूलचन्द जी ने अपने स्कूल के दिनों में ही कविताएँ लिखना शुरू कर दिया था. उनकी पहली कविता 1973 में प्रकाशित हुई थी. इसके बाद, उनकी रचनाएं गुजराती और हिंदी साहित्यिक पत्रिकाओं में भी प्रकाशित हुईं, जिनमें हंसा, समकालीन भारतीय साहित्य, अंग्रेजी साहित्य, निरक्षर, नवनीत समर्पण और कुमार शामिल हैं. फूलचन्द जी ने प्रांतिज में जाने के बाद गुजराती में लिखना शुरू किया.

रचनायें

फूलचन्द गुप्ता जी ने हिंदी और गुजराती भाषाओं में कविताएँ, लघु कथाएँ और निबंध लिखे हैं. इन्हें हिंदी साहित्य में क्रांतिकारी कवि के रूप में जाना जाता है.

Phoolchand Gupta (Poet) Biography In Hindi

इसी माहोल में, उनका हिंदी में पहला कविता संग्रह, 1997 में प्रकाशित हुआ था, इसके बाद सांसत में है कबूतर (2003), कोई नहीं सुनता आग के संस्मरण (2006), ख्वाब्खाहों की सदी है (2009), राख का ढेर (2010) ), महागाथा (2011), कोट की जेब से झाँकती पृथ्वी (2012), दीनू और कौवे (2012), झरने की तरह (2013), फूल और तितली (2014) और आरज़ू-ए-फूलचंद (2015). उन्होंने रघुवीर चौधरी के उपन्यासों का हिंदी में गुजराती से अनुवाद किया था.

Phoolchand Gupta (Poet) Biography In Hindi

सम्मान

फूलचंद गुप्ता जी को सन 2000 में उनकी पुस्तक ‘इसी माहोल में’ (1997) के लिए शफ़दर हाशमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया. गुजरात राज्य की हिंदी साहित्य अकादमी ने उन्हें उनकी पुस्तक ‘फूल और तितली’ के लिए 2014 में सम्मानित किया.

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