हिंदी और बंगाली फिल्मों के महान संगीतकार सचिन देव बर्मन का जीवन परिचय | Hindi and Bangoli Film Music Director S. D. Burman Biography(Birth, Family, Career) and Awards in Hindi
सचिन देव बर्मन हिंदी और बंगाली फिल्मों का ऐसा नाम हैं जिनके बिना फिल्म इंडस्ट्री की कल्पना भी नहीं की जा सकती हैं. उनको बर्मन दा, एस. डी. बर्मन नाम से भी जाना जाता हैं. सचिन देव बर्मन से प्रभावित होकर सचिन तेंदुलकर के दादाजी ने उनका नाम सचिन रखा था.
क्र. म. | बिंदु(Points) | जानकारी (Information) |
1. | नाम(Name) | सचिन देव बर्मन |
2. | अन्य नाम (Real Name) | एस. डी. बर्मन कुमार सचिन्द्र देव बर्मन बर्मन दा |
3. | जन्म तारीख (Date of Birth) | 1 अक्टूबर 1906 |
4. | जन्म स्थान (Birth Place) | कोमिल्ला शहर |
5. | पत्नी का नाम (Wife Name) | मीरा देव बर्मन |
6. | धर्मं(Religion) | हिन्दू |
7. | पुत्र (Son) | आर. डी. बर्मन |
सचिन देव बर्मन का जन्म और परिवार (S. D. Burman Birth and Family)
बर्मन दा का जन्म 1 अक्टूबर 1906 को कोमिल्ला शहर (अब बांग्लादेश में) में हुआ था. सचिन देव बर्मन एक शाही परिवार से ताल्लुक रखते थे. उनकी माता निर्मला देवी मणिपुर की राजकुमारी थी. वही उनके पिता नाबादविपचन्द्र देव बर्मन त्रिपुरा के महाराजा थे.
वह 5 भाइयों में सबसे बड़े थे. इनके माता पिता की कुल 9 संताने हुई. बेहद ही कम उम्र में इनकी माताजी का स्वर्गवास हो गया था.
एस. डी. बर्मन ने वर्ष 1938 में मीरा देव बर्मन से शादी की थी. जिनसे उन्हें आर. डी. बर्मन हुए थे. आगे चलकर आर. डी. बर्मन भी पिता की तरह एक महान संगीतकार बने.
सचिन देव बर्मन की शिक्षा(S. D. Burman Education)
सचिन देव बर्मन की आरंभिक शिक्षा अगरतला के कुमार बोर्डिंग स्कूल में हुई थी. यह एक रॉयल स्कूल था जहाँ पर सभी शाही परिवारों के बच्चों को शिक्षा दी जाती थी. इसके बाद उन्होंने युसूफ स्कूल और कोमिल्ला जिला से अपनी पढाई पूरी की.
उन्होंने कोमिल्ला गवर्मेंट कॉलेज से B.A. की डिग्री ली. उसके बाद वह M.A. करने के लिए साल 1924 में कोमिल्ला से कोलकत्ता आ गए. M.A. करने के दौरान ही उन्हें संगीत का शौक लगा और संगीत सिखने के लिए संगीतकार के.सी. डे के पास पहुँच गए. और 1925 से 1930 तक उन्हीं के सानिध्य में संगीत की शिक्षा पूरी की.
सचिन देव बर्मन का करियर (S. D. Burman Career)
सचिन देव बर्मन ने अपने करियर की शुरूआत कलकत्ता रेडियो स्टेशन पर गायक के तौर पर की. यहीं पर से उनका बंगाल के लोक संगीत से जुड़ाव शुरू हुआ जो कि उनके प्रसिद्द गानों में भी सुनाई देता हैं.
साल 1932 में उनके द्वारा रिकॉर्ड किया गया पहला गाना “खमाज” रिलीज़ किया गया. इस दौरान वह बंगाली फिल्म के अपने करियर में सर्वश्रेष्ठ दौर में पहुंचे. उन्होंने 2 साल में 131 गाने रिकॉर्ड किये.
बंगाली फिल्मों में नाम कमाने के बाद वह वर्ष 1944 में कलकत्ता से मुंबई की और रवाना हुए. यहाँ सशाधर मुखर्जी की दो फिल्मों में संगीत दिया. लेकिन हिंदी फिल्मों में उन्हें नाम और शोहरत 1947 में आई फिल्म दो भाई के जरिये मिली.
सचिन देव बर्मन का हिंदी फिल्मों में जादू 1960 और 70 के दशक तक छाया रहा. वह एक अकेले संगीतकार थे. जिनकी जुगलबंदी मो. रफ़ी और किशोर कुमार दोनों के साथ बहुत फेमस हुई. गाइड, आराधना, अभिमान जैसी फिल्मों के संगीत के लिए सचिन देव बर्मन को अभी भी याद किया जाता हैं.
अवार्ड (S. D. Burman Awards)
पद्मश्री (1969)
नेशनल अवार्ड्स (1970 और 1974)
फिल्मफेयर अवार्ड (1954 और 1973 )
सचिन देव बर्मन की मृत्यु (S. D. Burman Death)
एस॰डी॰ बर्मन की 31 अक्टूबर 1975 को 69 साल की उम्र में ब्रेन स्टोक होने से मृत्यु हो गयी थी. लेकिन मृत्यु से पहले सचिन देव बर्मन ने संगीत की दुनिया में जो योगदान दिया वह आज भी अविस्मरणीय हैं.
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