सद्गुरु जग्गी वासुदेव की जीवनी
Sadhguru Jaggi Vasudev Biography, Wife, Daughter, Age, Family, Net worth, Isha Foundation In Hindi
सद्गुरु वर्तमान समय के योग गुरु माने जाते है । ये वर्तमान समय में योगी होने के साथ साथ एक लेखक भी है । सद्गुरु जी का नाम जगदीश वासुदेव है । इनका जन्म 3 सितम्बर 1957 को भारत के कर्नाटक राज्य के मैसूर नमक स्थान में हुआ । इनके पिता भारतीय रेल के नेत्र विशेषज्ञ विभाग में कार्यरत थे एवं उनकी माता एक गृहणी थी ।
सद्गुरु जग्गी वासुदेव की जीवनी | Sadhguru Jaggi Vasudev Biography In Hindi
बिंदु (Points) | जानकारी (Information) |
नाम (Name) | सद्गुरु जग्गी वासुदेव |
असल नाम (Real name) | जगदीश वासुदेव (सद्गुरु) |
जन्म (Date of Birth) | 3 सितम्बर 1957 |
आयु | 70 वर्ष (2021तक) |
जन्म स्थान (Birth Place) | मैसूर, कर्नाटक |
पिता का नाम (Father Name) | ज्ञात नहीं |
माता का नाम (Mother Name) | ज्ञात नहीं |
वैवाहिक स्थिति (Marital Status) | विवाहित |
पत्नी का नाम (Wife Name) | विजयाकुमारी |
पेशा (Occupation ) | संत |
बच्चे (Children) | बेटा (SON) : ज्ञात नहीं बेटी (DAUGHTER) : राधे |
गुरु | राघवेंद्र राव जी |
शिक्षा | स्नातक |
पुस्तके | इनर मैनेजमेंट, द मिस्टिक आई, एनकाउंटर द इनलाइटेड, लाइफ एंड डेथ इन वन ब्रेथ |
भाई-बहन (Siblings) | एक भाई |
अवार्ड (Award) | पद्म विभूषण |
Net Worth | $ 25 Million |
सद्गुरु जग्गी आरंभिक समय से ही प्रकृति प्रेमी रहे है । शायद यही कारण रहा होगा की इन्होंने प्रकृति को अपने ज्ञान का स्रोत बनाया । दस वर्ष की आयु में इनकी मुलाक़ात राघवेंद्र राव से हुई । जिन्हें योग गुरु मल्ला डिहिल्ल स्वामी के नाम से भी जाना जाता है । जिनसे सद्गुरु जी ने योग अभ्यास करना सीखा । इन्होंने मैसूर विश्वविद्यालय से अंग्रेजी भाषा में स्नातक की शिक्षा प्राप्त थी। इसके बाद इन्होंने अपना व्यवसाय शुरू किया जिसमे ये काफी सफल भी रहे।
24वर्ष की आयु में ये मैसूर के निकट स्थित चामुंडी पहाड़ी में जाकर आत्मज्ञान की प्राप्ति के लिए समाधि में लीन हो गए इसके बाद उनके जीवन में अद्भुत परिवर्तन हुआ। इसके बाद फिर इन्होंने समाधि लीन होने का फैसला किया और इस बार ये 13 दिनों तक इसी अवस्था में रहे। जब उन्होंने अपनी आंखें खोली तो इनके चारों ओर लोगों की भीड़ देखा तो ये बड़े आश्चर्य हो गए क्योंकि इनके अनुसार अभी 25 मिनट का समय हुआ था परंतु वास्तव में इन्हें 13 दिन का समय हो चुका था। इसके बाद वे अपने व्यवसाय को छोड़ पूर्ण रूप से योग जगत में लीन हो गए। इस प्रकार उन्होंने योग साधना में महारत हासिल की और इन्हें जगदीश वासुदेव से सद्गुरु जग्गी वासुदेव पुकारा जाने लगा।
- योग जगत में उपलब्धियाँ | Sadhguru Achievements
इसके बाद इन्होंने लोगों को योग सिखाना आरंभ किया वर्ष 1983 में उन्होंने बड़े पैमाने पर लोगों को योग की शिक्षा भी दी ।
- विवाह के सन्दर्भ में | Marriage Life
वर्ष 1984 में इन्होंने विजयाकुमारी से विवाह किया और इन्हें एक पुत्री हुई जिन्हें सद्गुरु राधे बुलाते है। उनकी पत्नी विजयाकुमारी एक बैंक कर्मचारी थी इसके बाद उन्होंने अपना समय योगाभ्यास में दिया एवं वर्ष 1996 में समाधि लीन होने की स्थिति में इन्होंने अपना देह त्याग कर मोक्ष की प्राप्ति की।
ईशा फाउंडेशन की स्थापना | Isha Foundation Establishment
वर्ष 1993 में इन्होंने ईशा फाउंडेशन की स्थापना की । ईशा फाउंडेशन एक लाभ रहित मानव सेवा संस्थान है । यह मानसिक और आंतरिक कुशलता के लिए समर्पित है। यह भारत के साथ साथ कई देशों में सक्रिय है। यहां लोगों को योग के द्वारा ज्ञान, कर्म, मुक्ति, शिक्षा सिखाया जाता है। यह संस्थान तमिलनाडु के कोयंबटूर में स्थित है।
- ईशा फाउंडेशन के मध्य बीचो बीच एक 13 फीट 9 इंच ऊंचे शिवलिंग का निर्माण किया गया है।
- वर्ष 2017 में सद्गुरु द्वारा 112 फुट ऊंचे आदियोगी शिव की प्रतिमा बनाई गई है जहां उनके द्वारा लोगों का मार्गदर्शन किया जाता है।
परियोजनाएं एवं लक्ष्य
- ईशा फाउंडेशन की पर्यावरण संबंधित प्रस्ताव में ग्रीनहैंड्स परियोजना एक मुख्य लक्ष्य है। इसके अंतर्गत पूरे तमिलनाडु में लगभग 13 करोड़ वृक्ष लगाने का लक्ष्य निर्धारण किया गया है ।
- इसके अंतर्गत तमिलनाडु और पुदुच्चेरी में 1800 से अधिक समुदायों ने 20 लाख से अधिक लोगों द्वारा 82 लाख पौधों के रोपण का आयोजन किया। अतः इस संगठन ने 17 अक्टूबर 2006 को तमिलनाडु के 27 जिलों में 8.52 लाख पौधे रोप कर गिनीज विश्व रिकॉर्ड बनाया था।
- वर्ष 2008 में पर्यावरण सुरक्षा के लिए किए गए कार्यों के लिए इन्हें इंदिरा गांधी पर्यावरण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- वर्ष 2017 में अध्यात्म के लिए उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
- वर्तमान समय में सदगुरू जी नदियों के संरक्षण के पक्ष में अभियान चला रहे हैं।
सदगुरू जी द्वारा लिखे गए पुस्तकें | Sadhguru Books
सदगुरु जी द्वारा लिखे गए कुछ पुस्तकों में
- इनर मैनेजमेंट,
- द मिस्टिक आई,
- एनकाउंटर द इनलाइटेड,
- लाइफ एंड डेथ इन वन ब्रेथ
प्रमुख रही है।
इसे भी पढ़े :
सदगुरूजी कि brith date गलत लिखी गयी है वो सही लिख लिजीये
उनके गोद मे बैठी औरत कौन है?
Unki beti radhe ji hai
Uddha manavata ka path sikhate hai, jeevan jine ki kala sikhate hai, sacche manavatawadi hai