द ऐक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर के लेखक “संजय बारू ” की जीवनी, करियर, किताबे और परिवार | The Accedental Prime Minister Book Writer Biography, Books and Family in Hindi
जन्म तिथि (Birth Date) | 1954 |
आयु (Age) | 65 वर्ष (2019 तक) |
जन्मस्थान (Birth Place) | हैदराबाद, भारत |
राष्ट्रीयता (Nationality) | भारतीय |
गृहनगर (Home Town) | हैदराबाद, भारत |
स्कूल (School) | • सेंट जॉर्ज ग्रामर स्कूल, हैदराबाद • हैदराबाद पब्लिक स्कूल, बेगमपेट |
कॉलेज / विश्वविद्यालय (College) | • विकास अध्ययन केंद्र, तिरुवनंतपुरम • जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली • निजाम कॉलेज, हैदराबाद |
शैक्षिक योग्यता (Educational Qualification) | • विकास अध्ययन केंद्र, तिरुवनंतपुरम से एमफिल • पीएच.डी. अर्थशास्त्र में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से • जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में मास्टर्स डिग्री |
धर्म (Religion) | हिंदू धर्म |
शौक (Interests) | पढ़ना, लिखना, संगीत सुनना |
पत्नी (Wife) | राम. वी. बारू |
बेटा (Son) | कोई नहीं |
बेटी (Daughter) | तनविका बारू |
पिता (Father) | बी. पी. आर. विट्ठल ( डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल में भारत सरकार में वित्त सचिव ) |
माँ (Mother) | नाम नहीं मालूम |
संजय बारू की जीवनी (Sanjaya Baru Biography)
संजय बारू एक पत्रकार, लेखक, राजनीतिक टिप्पणीकार और नीति विश्लेषक हैं. जो एक संस्मरण “द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर – द मेकिंग एंड अनमेकिंग ऑफ मनमोहन सिंह 2014” के लेखक हैं. जिसमें आरोप लगाया गया है कि मनमोहन सिंह पूरी तरह से अपने कैबिनेट या पीएमओ के नियंत्रण में नहीं थे. इसके बजाय पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा प्रधानमंत्री मनमोहन की महत्वपूर्ण शक्ति को मिटा दिया गया. उन्होंने यह भी दावा किया कि इस किताब में केवल 50% ही लिखा हैं जितना वह मनमोहन सिंह को जानते हैं. बारू ने 2004-2008 की अवधि के दौरान पीएम मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार और आधिकारिक प्रवक्ता के रूप में कार्य किया. वह वर्तमान में इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रैटेजिक स्टडीज में जियो-इकोनॉमिक्स एंड स्ट्रेटजी के लिए निदेशक के रूप में कार्य करते है. वह कई भारतीय अखबारों से एक पत्रकार, लेखक और संपादक के रूप में जुड़े रहे हैं.
बारू राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों पर भारत के सबसे सम्मानित और प्रभावशाली टिप्पणीकारों में से एक हैं. उन्होंने 2008 के बाद से IISS (International Institute for Strategic Studies) में एक वरिष्ठ अधिकारी के रूप में कार्य किया. 2011 में वह इसी संस्थान के भू-अर्थशास्त्र और रणनीति कार्यक्रम के पहले निदेशक बने. वर्तमान में वह भारत से संबंधित मामलों पर केंद्रित है. उन्होंने भारत के प्रमुख वित्तीय समाचार पत्रों के संपादक के रूप में काम किया हैं. जिनमे प्रमुख रूप से “द बिजनेस स्टैंडर्ड एंड द फाइनेंशियल एक्सप्रेस”, “द इकोनॉमिक टाइम्स” और “द टाइम्स ऑफ इंडिया” शामिल हैं.
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बारू ने पीएम कार्यालय में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड के सदस्य बनने से पहले, नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक संबंधों पर अनुसंधान के लिए भारतीय परिषद में प्रोफेसर के रूप में कार्य किया. पूर्व पीएम पर संस्मरण (memoir) “द ऐक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर” के अलावा, उनकी दो पुस्तकें भारत के आर्थिक प्रदर्शन के रणनीतिक परिणाम: निबंध और कॉलम (2007) और भारतीय चीनी की राजनीतिक अर्थव्यवस्था (1990) प्रकाशित हुई हैं.
उन्होंने मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री के रूप में के पहले कार्यकाल के संस्मरण लिखे. फिर भी पीएमओ ने कहा था कि बारू अपने पद का दुरुपयोग किया और व्यावसायिक लाभ के लिए पुस्तक लिखी. उन्होंने काम के माध्यम से पीएम और मंत्रियों के साथ कई गोपनीय वार्तालापों का खुलासा किया. लेकिन बारू का दावा है कि उनका 90% लेखन डॉ. सिंह की चापलूसी कर रहा है लेकिन उन्होंने पुस्तक इसीलिए लिखी है क्योंकि मनमोहन सिंह को उन सभी कार्यो के लिए क्रेडिट नहीं मिल रहा है जो उन्होंने किए हैं.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कभी भी संजय बारू की किताब में लिखी गई बातों का खंडन नहीं किया हैं. संजय बारू की इस किताब पर फिल्म भी बनाई गई हैं. जिसमें मनमोहन सिंह का किरदार अनुपम खेर कर रहे हैं और संजय बारू का अभिनय अक्षय खन्ना निभा रहे हैं. इस फिल्म को लेकर भी विवाद की स्थिति बनी हुई हैं. एक तरफ जहाँ कांग्रेस पार्टी इस फिल्म का विरोध कर रही हैं. जबकि बीजेपी इस फिल्म का खुलकर समर्थन कर रही हैं.
संजय बारू की किताबे (sanjaya baru books)
किताब का नाम (Book Name) | प्रकाशन (Publish date) |
India and the World: Essays on Geoeconomics and Foreign Policy | जून 2018 |
1991: How P.V. Narasimha Rao Made History | 28 सितम्बर 2016 |
The Accidental Prime Minister | 20 अप्रैल 2014 |
Strategic consequences of India’s economic performance | 17 अप्रैल 2007 |
The Political Economy of Indian Sugar: State Intervention and Structural Change | 19 मई 1990 |