फिल्म अभिनेता संजीव कुमार की जीवनी, फ़िल्में, पुरस्कार और मृत्यु व कहानी | Sanjeev Kumar Biography, Films, Awards Achievements and Death Story in Hindi
संजीव कुमार एक भारतीय फिल्म अभिनेता थे. उन्होंने दस्तक और कोशिश फिल्मों में उनके प्रदर्शन के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता वर्ग में दो बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार सहित कई प्रमुख पुरस्कार जीते. उन्होंने रोमांटिक नाटकों से लेकर थ्रिलर तक की शैलियों में अभिनय किया. उन्हें उनकी बहुमुखी प्रतिभा और उनके पात्रों के वास्तविक चित्रण के लिए याद किया जाता है. फिल्म अंगुर में उनकी दोहरी भूमिका फोर्ब्स इंडिया द्वारा भारतीय सिनेमा के 100 साल पूरे होने के अवसर पर भारतीय सिनेमा के 25 सर्वश्रेष्ठ अभिनय प्रदर्शनों में से एक थी.
बिंदु(Points) | जानकारी (Information) |
नाम (Name) | संजीव कुमार |
वास्तविक नाम (Real Name) | हरिहर जेठालाल जरीवाला |
जन्म (Birth) | 9 जुलाई 1938 |
जन्म स्थान (Birth Place) | सूरत, गुजरात |
कार्यक्षेत्र (Profession) | अभिनेता |
पिता का नाम (Father Name) | जेठालाल जरीवाला |
मृत्यु (Death) | 6 नवम्बर 1985 |
मृत्यु कारण(Death Cause) | हार्ट अटैक |
मृत्यु स्थान(Death Place) | मुंबई, महाराष्ट्र |
संजीव कुमार का जन्म और प्रारंभिक जीवन (Sanjeev Kumar Birth and Early Life)
संजीव कुमार का जन्म 9 जुलाई 1938 को सूरत के एक गुजराती खत्री परिवार में हुआ था. इनका वास्तविक नाम हरिहर जेठालाल जरीवाला था. संजीव कुमार को हरिभाई के नाम से भी जाना जाता है. इनका प्रारंभिक जीवन सूरत में व्यतीत हुआ. जिसके बाद उनका परिवार अंततः मुंबई में बस गया. कुमार के दो छोटे भाई और एक बहन थी.
संजीव कुमार करियर (Sanjeev Kumar Career)
संजीव कुमार ने 1960 में फिल्म हम हिंदुस्तानी से अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत की थी. इन्होनें बतौर नायक(हीरो) पहली फिल्म वर्ष 1965 में “निशानी” थी. वर्ष 1968 में, इन्होंने फिल्म संघर्ष में प्रसिद्ध अभिनेता दिलीप कुमार के विपरीत अभिनय किया था. 1970 में खिलोना फिल्म ने उन्हें बॉलीवुड में पहचान दिलाई. जिसके बाद संजीव कुमार ने हिट फिल्म सीता और गीता (1972) और मंचली (1973) में भी अभिनय किया.
वर्ष 1970 के दशक की शुरुआत में सब्जीव कुमार ने जाने-माने निर्देशक गुलज़ार के साथ काम करना शुरू किया. उन्होंने गुलज़ार के साथ नौ फ़िल्में कीं. जिनमें आँधी (1975), मौसम (1975), अंगूर (1981) और नामकेन (1982) शामिल हैं. संजीव कुमार के प्रशंसकों का मानना है कि ये कुछ बेहतरीन फिल्में हैं जिसमे संजीव कुमार का अभिनय अद्भुत हैं.
संजीव कुमार अपरंपरागत भूमिकाएं लेने के लिए तैयार थे. जिसने उन्हें एक अभिनेता के रूप में चुनौती दी. उनकी सर्वश्रेष्ठ – स्मरणीय ब्लॉकबस्टर फिल्मों में शोले (1975) और त्रिशूल (1978) थीं.
संजीव कुमार की मृत्यु (Sanjeev Kumar Death)
1980 के दशक की शुरुआत में संजीव कुमार ने मुख्य किरदार निभाने से अधिक सहायक किरदार किए. 6 नवम्बर 1985 को जब वे केवल सैंतालीस वर्ष के थे, तब उनका दिल की बीमारी के कारण निधन हो गया.
वर्ष 1993 में उनकी अंतिम फ़िल्म प्रोफेसर की पडोसन उनकी मृत्यु के बाद उनकी पहले से ही पूरी की गई फ़िल्में रिलीज़ हुईं. उनकी मृत्यु के समय यह फ़िल्म केवल 75% पूर्ण थी और कहानी के दूसरे भाग में इसे बदलने का निर्णय लिया गया था.
संजीव कुमार से जुड़े रोचक किस्से (Interesting Story Related to Sanjeev Kumar)
संजीव कुमार जीवन भर कुंवारे रहे. वह अभिनेत्री हेमा मालिनी से प्यार करते थे और यहां तक कि उन्होंने शादी का प्रस्ताव भी रखा था लेकिन उन्होंने मना कर दिया.
उन्होंने अभिनेत्री जया भादुड़ी को वास्तविक जीवन में अपनी बहन बनाया और उसके बाद फिल्मों में उनके साथ जोड़ी नहीं बनाई.
फिल्म उद्योग से उनके सबसे करीबी दोस्त राजेश खन्ना, हेमा मालिनी, शशि कपूर, शर्मिला टैगोर, तनुजा, देवेन वर्मा, शिवाजी गणेशन और बी नागी रेड्डी थे. अपने जूनियर्स के बीच अभिनेता, निर्माता और निर्देशक सचिन पिलगांवकर और अभिनेत्री सारिका के बहुत अच्छे दोस्त थे.
संजीव कुमार पुरस्कार और उपलब्धि (Sanjeev Kumar Awards and Achievement)
- सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार
- 1971 दस्तक – हामिद
- 1973 कोशीश – हरिचरण
- फिल्मफेयर अवार्ड्स
- 1976 आँधी – जे.के.
- 1977 अर्जुन पंडित – अर्जुन पंडित
- 1969 शिकर – इंस्पेक्टर राय
- 1974 – कोशिष के लिए बीएफजेए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता
- 1969 – नौसेना सितारे पुरस्कार, शानू वरुण ट्रॉफी द्वारा एस.एम. नंदा
- 1971 – सूरत जिल लेउवा पाटीदार ज्ञानती
- 1975 – सिनेगोर्स काउंसिल (दिल्ली) फिल्म अवार्ड्स
- 1976 – मौसम के लिए लॉयन क्लब ऑफ़ नॉर्थ कलकत्ता एक्टर ऑफ़ द इयर
- 1984 – मराठा सेवा संघ जिला ख़ेड
- गुजराती नाटक कोई नहीं लद्दाख वायो के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (मंच) का पुरस्कार
- उत्तरप्रदेश फिल्म पटरका संघ
- कलाश्री आर्ट एंड नेटवर्क “लाइफटाइम अचीवमेंट मिलेनियम 2000 अवार्ड”
- सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री श्रीमती नंदिनी सतपथी द्वारा शनमुखानंद हॉल (मुंबई) में 18 वां राष्ट्रीय पुरस्कार “भारत पुरस्कार”
- आर्मी ऑफिसर्स वॉयस एसोसिएशन ट्रॉफी
- आंध्रप्रदेश फिल्म पत्रकार पुरस्कार
- चित्रलोक सिने सर्जक पुरस्कार (अहमदाबाद)
- गुजरात के सूरत में एक सड़क का नाम संजीव कुमार मार्ग रखा गया है, जिसका उद्घाटन सुनील दत्त ने किया था.
- एक स्कूल का नाम उनके गृह शहर सूरत, गुजरात में रखा गया है और इसका उद्घाटन तत्कालीन महापौर कादिर के पीरज़ादा ने किया था.
- इंडिया पोस्ट द्वारा 3 मई 2013 को उन्हें सम्मानित करने के लिए उनकी समानता पर एक डाक टिकट जारी किया गया था.
- संजीव कुमार ऑडिटोरियम के नाम पर 108 करोड़ की लागत से गुजरात राज्य द्वारा अपने गृह नगर सूरत में एक सभागार खोला गया था, जिसका उद्घाटन 14 फरवरी 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था, वो तब गुजरात के सीएम थे. वह पहले और एकमात्र भारतीय फिल्म अभिनेता हैं जिनके नाम पर एक सभागार है.
संजीव कुमार को 14 फिल्मफेयर पुरस्कारों के लिए नामांकित किया गया. तीन बार सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता और शेष में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के रूप में नामित किया गया. उन्होंने दो बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और एक बार सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के रूप में पुरस्कार जीता.
सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार जीता
सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के लिए फिल्मफेयर अवार्ड
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