सौरभ स्वामी का जीवन परिचय | Saurabh Swami IAS Biography in Hindi
वो कहते है न प्रतिभा किसी परिचय की मोहताज नहीं होती और ये एक चाय बेचने वाले व्यक्ति ने देश का प्रधानमंत्री बनकर साबित कर दिया था. ठीक उसी तरह मानिंद भिवानी के दादरी कस्बे के एक चाय की टपरी चलाकर परिवार का पेट पालने वाले शख्स के बेटे ने आईएएस बनकर भी दिखाया दिया. जी हाँ दोस्तों, हम बात कर रहे है सौरभ स्वामी की जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत के बलबूते आईएएस, भारतीय प्रशासनिक सेवा परीक्षा में 149 वां रैंक हासिल कर शहर का नाम रोशन किया था.
सौरभ स्वामी का जन्म, परिवार | IAS Saurabh Swami Biography Family, Wife, Age, Cast in HIndi
सौरभ स्वामी का जन्म दादरी, हरियाणा में हुआ था. उनके पिता अशोक स्वामी एक चाय की दुकान चलाते है. सौरभ स्वामी की बेटियां भी है. सौरभ ने 2017 में अनुभूति स्वामी से शादी की.
नाम (Name) | सौरभ स्वामी (IAS Saurabh Swami) |
पिता (Father) | अशोक स्वामी (Ashok Swami) |
पत्नी (Wife) | अनुभूति स्वामी (Anubhuti Swami) |
पेशा (Profession) | आईएस |
सौरभ स्वामी (Family) | पूरी जानकारी ज्ञात नहीं |
जाति (Cast, Religion) | हिन्दू |
सौरभ स्वामी Children | ज्ञात नही |
सौरभ स्वामी की शिक्षा | IAS Saurabh Swami Education
सौरभ स्वामी ने अपनी शुरुआती शिक्षा भिवानी जिले के दादरी कस्बे के एपीजे स्कूल से प्राप्त की. स्कूल की शिक्षा पूरी होने पर इन्होंने दिल्ली की भारतीय विद्यापीठ विश्वविध्यालय में दाखिला लिया और वहां से बीटेक में स्नातक की डिग्री हासिल की.
सौरभ पढ़ाई-लिखाई में हमेशा अव्वल रहे है, एक अच्छी स्नातक की डिग्री और प्रतिभा के बदोलत वर्ष 2011 में. इन्हें रक्षा मंत्रालय की बैंगलोर स्थित भारत इलेक्ट्रोनिक्स में बतौर सीनियर डिजाइन इंजीनियर की नौकरी मिली, लेकिन यदि आपके खयाल आसमान जितने ऊँचे हो तब उच्च पद और अच्छी नौकरी भी उसके सामने छोटी लगने लगती है.
सौरभ स्वामी का आईएस करियर | Saurabh Swami IAS Career
बड़ा पद व अच्छे वेतन होने के बावजूद सौरभ के मन में अपने देश व समाज के लिए कुछ करने का जज्बा दौड़ रहा था और कहीं न कहीं अपने पिता के सपने को भी पूरा करना चाहते थे. ऐसे में सौरभ ने अपने पिता की प्रेरणा से आईएएस की तैयारी शुरू की.
सौरभ बताते है कि, IAS की प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी के लिए उन्हें सिर्फ 3 ही महीने मिले थे. सौरभ पहली बार इस परीक्षा को दे रहे थे, इसके चलते उन्होंने खूब मेहनत की और दिन में 17-17 घंटे पढ़ाई की. तिन महीने की छुट्टी लेकर सौरभ दिल्ली चले गये वहां एक कोचिंग को ज्वाइन किया. कोचिंग में 14 घंटे और फिर घर पर 3 से 4 पढ़ाई करना सौरभ की दिनचर्या बन गई थी.
वे बताते है कि, में इन तिन महीनो में भूख, प्यास सब भूल चूका था. इन दिनों में खाना तो कभी-कभार ही खा पाता था वरना कई ऐसे दिन भी थे जिनमे सिर्फ ज्यूस पर ही पूरा दिन निकल जाता था.
उसके बाद सौरभ स्वामी ने परीक्षा दी और ये उनकी कड़ी मेहनत का ही परिणाम था कि सौरभ ने परीक्षा में 149वां स्थान हासिल किया. सौरभ के अनुसार घर, परिवार, अमीरी गरीबी से ख़ास की पहचान नहीं होती बल्कि उसके कामों से उसकी पहचान होती है.
उनके पिता अशोक स्वामी ने उन्हें ऐसे संस्कार दिए व पिता ने जेा सपना संजोया वही सपना उनका लक्ष्य बन गया. उन्हें उम्मीद है उनका बेटा एक प्रशासनिक अधिकारी के रूप में समाज व देश के लिए बहुत कुछ कर सकेगा.
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Indian civil service examination is one of the most toughest exams of world. Passing this examination in a short period shows the ability,steadiness and intelligence of Mr Saurab Swami . May he dedicate his position for the benefits of the downtrodden people.
Me bhi aap ki tahare ias banna chahta hu please help me
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