सुनील लहरी जी की जीवनी | Sunil Lahri Biography, Wiki, Family, Age, Cast in Hindi : दोस्तों 1987 का मशहूर शो रामायण, इस शो ने टीवी की दुनिया में सफलता की नई बुलंदियों को छुआ था. देश में लॉकडाउन के चलते एक बार फिर रामायण ‘प्रसार भारती’ और डीडी नेशनल पर प्रसारित किया गया. हम इस लेख में बात करने वाले है, इस महान धारावाहिक में लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले कलाकार की, जिनका असली नाम है ‘सुनील लहरी’.
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आज का दौर कुछ ऐसा है कि एक कलाकार छोटे पर्दे पर काम करने के बाद बड़े परदे पर जाकर छा जाता है. लेकिन एक दौर वो भी रहा जब कलाकार छोटे परदे पर काम करके लोगो के दिलो में भगवान की तरह बस गये, परन्तु इनका खुद का व्यक्तित्व कही गुमनामी के अँधेरे में खो गया. कुछ ऐसी ही कहानी है सुनील लहरी जी की.
सुनील लहरी जी का जन्म 9 जनवरी 1961 में मध्यप्रदेश के दमोह जिले में हुआ था. सुनील एक मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मे थे. बचपन दमोह में गुजारने के बाद इनका परिवार भोपाल में आकर शिफ्ट हो गया. इनके पिता डॉ. शिखर चन्द्र लहरी पेशे से एक डॉक्टर थे जो एक मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर का काम करते थे.
Sunil Lahri Biography, Birth, Wiki, Family, Age, Cast in Hindi
नाम (Name) | सुनील लहरी (Sunil lahri) |
पिता (Father) | ज्ञात नहीं |
पत्नी (Wife) | राधा सेन, भारती पाठक |
पेशा (Profession) | Actor, Producer |
अरुण गोविल (Family) | माता-पिता, पत्नी, 2 भाई, 1 बहन |
सबसे प्रसिद्ध किरदार | ‘लक्ष्मण’ ( सीरियल – रामायण ( 1987-88 ) ) |
जाति (Cast, Religion) | हिन्दू |
Arun Govil movies and tv shows | रामायण, परम वीर चक्र आदि. |
लहरी के परिवार में पिताजी, माता जी तारा लहरी और एक बहन और दो भाई शैलेन्द्र लहरी, शशेन्द्र लहरी है. सुनील लहरी ने 2 शादियाँ की, पहली पत्नी का नाम राधा सेन था और दूसरी पत्नी का नाम भारती पाठक है.
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ऐसा बताते है कि, सुनील को एक्टिंग का शौक बचपन से ही था, वे एक्टिंग को लेकर हर वक्त तत्पर रहते थे. वे हमेशा स्कूल में एक्स्ट्रा एक्टिविटी में अपनी एक्टिंग का जोहर दिखाया करते थे, किसी न किसी नाट्यकार्यक्रम में भाग लेते ही रहते थे. वे हमेशा फ़िल्मी दुनिया में जाने की इच्छा जताया करते थे. उनके पिताजी ने भी ज्यादा रोकटोक नहीं की. सुनील ने अपनी स्कूल की पढ़ाई भोपाल में पूरी की और फिर मुंबई से पहुँच गये, और वहीं के विल्सन कॉलेज से अपना ग्रेजुएशन आर्ट्स एंड कॉमर्स में पूरा किया और वहीँ से फ़िल्मी करियर शुरू किया.
सुनील लहरी का फ़िल्मी करियर | Sunil Lahri Filmy Career and Tv Serial
फ़िल्मी दुनिया में सुनील लहरी अपनी कुछ खास छाप छोड़ने में ज्यादा सफल नही हुए. उनका का जूनून उन्हें भोपाल से मुंबई तो ले आया और मुंबई में उन्हें काम मिलने में ज्यादा कठनाई भी नही हुई.
1980 में सुनील ने अपने फ़िल्मी करियर का पदार्पण किया ख्वाजा अहमद अब्बास की फिल्म से, फिल्म ‘The Naxatites’ में मिथुन चक्रवर्ती और स्मिता पाटिल के साथ इन्होने काम किया. हलाकि, ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बहुत बुरी साबित हुई.
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उसके बाद सुनील लहरी 5 साल परदे से गायब रहे, फिर 1985 में, जयप्रकाश विनायक की फिल्म ”फिर आएगी बरसात” में बतौर हीरो नज़र आए. ये फिल्म भी दर्शको पर कुछ खास असर नही कर पाई, पर इसके संगीत ने लोगो का दिल मोह लिया और इस फिल्मो के गीतों को खूब प्रशंसा मिली.
छोटे परदे पर सुनिल लहरी का जलवा | Sunil Lahri Tv Serial & Movies
जब सुनील को बड़े परदे पर कुछ ख़ास सफलता नही मिली तब, सुनील ने छोटे परदे पर काम करना सही समझा. और यही से सुनील लहरी को नया फेम मिला, जिसमे 1988 में रामानंद सागर के रामायण सीरियल में ‘लक्ष्मण’ का किरदार सबसे ज्यादा मशहूर हुआ.
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रामायण से पहले इन्होने कई टीवी सीरियल में काम किया, जैसे दूरदर्शन पर दादा-दादी की कहानियां, प्रेमसागर के टीवी सीरियल “विक्रम और बेताल” में कई अलग-अलग भूमिकाएँ निभाई.
रामायण के बाद, इन्हें एक और प्रचलित टीवी सीरियल में काम करने का मौका मिला, वह था 1990 में चेतन आनंद द्वारा निर्देशित टीवी सीरियल “परम वीर चक्र” . इस सीरियल में सुनील ने सेकंड लेफ्टिनेंट रामा राघोबा राणे का किरदार निभाया, जिसमे इनके अभिनय की खूब तारीफ की गई.
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1991 में सुनील फिर नज़र आये एक और फिल्म ”बहारों की मज़िल” में. सुनील रामायण में लक्ष्मण के किरदार के बाद दर्शको में मन में भगवान की तरह बस गए थे, इसलिए दर्शक परदे पर इन्हें अन्य किसी रूप में स्वीकार नही कर पाए. और यही हाल रामायण में काम कर चुके हर कलाकार का हुआ.
Sunil Lahri Production House | सुनील लहरी प्रोडक्शन हाउस
90 के दशक के बाद सुनील को फिल्मो में काम मिलना लगभग बंद हो गया था, इसलिए फिर इन्होने अरुण गोविल जी के साथ अपना एक प्रोडक्शन हाउस खोल लिया.
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वर्तमान समय में सुनील लहरी अपनी पत्नी और परिवार के साथ मुंबई में रहते है और अपना प्रोडक्शन हाउस चला रहे है.
सुनील लहरी के अनकहे किस्से | Interesting Facts About Sunil Lahri
- ऐसा कहते है सुनील लहरी रामायण में लक्ष्मण के किरदार के लिए रामानंद सागर की पहली पसंद नहीं थे, पहले संजय जोग को लक्ष्मण का किरदार दिया गया था, पर संजय जी इस रोल के लिए तैयार नही थे. फिर संजय जोग ने रामायण में भरत का किरदार निभाया.
- ऐसा भी कहा जाता है कि, रामानंद सागर ने लक्ष्मण के रोल के लिए कुछ 150 के करीब कलाकारों के ऑडिशन लिए थे. तब जाकर सुनील लहरी को लक्ष्मण के किरदार के लिए चुना गया.
- एक इंटरव्यू में सुनील लहरी जी ने बताया ” मैं रामायण करने के बाद कुछ ज्यादा खुश नहीं था, क्योंकि रामायण करने से मेने बॉलीवुड में काफी नुकसान झेला था. मुझे फिल्मे मिलना बंद हो गई थी. पर आज में इस महाकाव्य को करके बहुत गर्व महसूस करता हूँ. यह एक इकलोता प्रोग्राम था जो पुरे विश्व में सबसे ज्यादा देखा गया था, इसलिए हमने एक वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ-साथ बड़ा इतिहास भी बनाया. जब भी भारतीय सिनेमा के इतिहास में रामायण का इतिहास लिखा जाएगा तब उसे सुदृण सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा. रामायण में लक्ष्मण के किरदार ने मेरी जिंदगी को भी बहुत प्रेरित किया है, उसने मुझे सिखाया किस तरह में अपनी जिंदगी बना सकता हूँ और इस दुनिया से कैसे रिश्ते निभा सकता हूँ. में भगवान का शुक्रियादा करता हूँ की उन्होंने मुझे ये किरदार मिलने और निभाने में मदद की और में उन दर्शको का भी शुक्रियादा करता हूँ, जिन्होंने मुझे कभी न भूलने वाला सेलेब्रिटी बनाया और इतना पसंद किया. रामायण की सबसे अच्छी बात यह थी कि वह लोगो को मानवता सिखाती थी, इसलिए यह प्रोग्राम जाति, धर्म से ऊपर था और सभी द्वारा इतना प्यार मिलता था”.
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- जब 2012 में सुनील लहरी जी के पिता डॉ. शिखर चन्द्र लहरी की मृत्यु हुई थी तब, सुनील ने अपने पिता के शव को भोपाल के जे के मेडिकल कॉलेज के फोरेंसिक डिपार्टमेंट को दान किया था. इनके पिता ने भी अपनी मृत्यु के दस साल पहले अपनी विल में यही लिखा था. डॉ. शिखर चन्द्र लहरी ने लिखा, मेरी मृत्यु के बाद मेरे शव मेडिकल कॉलेज को दान कर दिया जाए, ताकि एटोनोमी पर छात्रो को रिसर्च करने में मदद मिल सके.