पूर्व कैबिनेट मंत्री शुभेन्दु अधिकारी का जीवन परिचय का जीवन परिचय
Suvendu Adhikari Biography, Family, Education, Age, Wife, Marriage, Career, Wiki, net worth In Hindi
शुभेन्दु अधिकारी आज अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के सह भागीदारी सदस्य के रूप में जाने जाते है चुकि उन्होंने अपनी पहचान अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के सदस्य के रूप में बनाई है। जिससे यह आज कांग्रेस सरकार के जाने-माने चेहरे के रूप से जाने जा रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस सरकार के अंतर्गत बहुत सारे राजनीतिक गतिविधियों में कार्य किया है एवं बदलती सियासत के खेलों में सियासती रुखों का भी सामना किया है। तब जाकर आज इन्होंने अपनी एक पहचान बनाई है।
पूर्व कैबिनेट मंत्री शुभेन्दु अधिकारी का जीवन परिचय | Suvendu Adhikari Biography In Hindi
बिंदु (Points) | जानकारी (Information) |
नाम (Name) | शुभेन्दु अधिकारी |
जन्म (Date of Birth) | 15 दिसंबर 1970 |
आयु (Age) | 50 वर्ष (2020) |
जन्म स्थान (Birth Place) | पूरबा मेदिनीपुर, करकुली, पश्चिम बंगाल |
पिता का नाम (Father Name) | शिशिर कुमार अधिकारी |
माता का नाम (Mother Name) | गायत्री अधिकारी |
पत्नी का नाम (Wife Name) | ज्ञात नहीं |
पेशा (Occupation ) | राजनीती |
शिक्षा (Qualification) | परास्नातक |
बच्चे (Children) | ज्ञात नहीं |
भाई-बहन (Siblings) | दो भाई (Soumen, Dibyendu Adhikari) |
अवार्ड (Award) | ज्ञात नहीं |
शुभेंदु अधिकारी जी का जन्म 15 दिसंबर 1970 में पश्चिम बंगाल राज्य के पूरबा मेदिनीपुर में करकुली नामक स्थान में हुआ था। इनका जन्म एक उच्च मध्यम समृद्ध परिवार में हुआ। इनके पिता का नाम श्री शिशिर कुमार अधिकारी जो मुख्य रूप से एक राजनीतिज्ञ रहे हैं। इनकी माता जी का नाम श्रीमती गायत्री अधिकारी है। एक समृद्ध परिवार में जन्म होने के कारण इन्हें जीवन में अधिक उतार-चढ़ाव से नहीं गुजरना पड़ा। श्री शिशिर कुमार अधिकारी जो यूपी में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री भी रह चुके हैं।
शुभेंदु अधिकारी की शिक्षा | Suvendu Adhikari Education
शुभेंदु जी ने कोंटाई विश्वविद्यालय से अपनी स्नातक शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने अपनी परस्नातक शिक्षा रबींद्र भारती विश्वविद्यालय से प्राप्त की। चुकि इनके पिता भी राजनीति के क्षेत्र में संलग्न रहे थे। जिससे इनका प्रभाव शुभेंदु जी पर भी पड़ा एवं शुभेंदु जी भी राजनीति के क्षेत्र से अनभिज्ञ ना रह सके एवं उन्होंने अपनी किस्मत राजनीति के क्षेत्र में आजमाइ जिनमें उन्हें बड़ी मात्रा में सफलता प्राप्त हुई जिनसे उनका मनोबल भी बढा।
शुभेंदु जी का राजनीतिक जीवन | Suvendu Adhikari Career
- इन्हें कांग्रेस सरकार की सदस्यों का बहुत अधिक मात्रा में सहयोग मिला जिससे इन्हें वर्ष 2000 को कंथी दक्षिणी से पश्चिम बंगाल विधानसभा के सदस्य के रूप में निर्वाचित किया गया। इसके पश्चात 2009 में तमलुक के लोकसभा में इनका चयन किया गया। जिसके बाद इन्हें उद्योग के स्थाई समिति के सदस्य के रूप मे नियुक्त किया गया। जिससे राजनीतिक क्षेत्र के भाग में इनका मनोबल और तीव्र हो गया जिससे उन्होंने अपनी राजनीतिक कार्यक्रम के समय में पूरा सहयोग और योगदान दिया.
- शुभेंदु जी ने राजनीतिक पड़ाव में दिनों दिन काफी महारात हासिल की एवं राजनीतिक क्षेत्र में बढ़ते ही चले गए। इसके बाद 2014 में तमलुक से लोकसभा में कांग्रेस सदस्यों के द्वारा इन्हें लोकसभा में दुबारा एक प्रत्याशी के रूप में एक बार फिर से चुना गया। इसके बाद 2016 में नंदीग्राम से पश्चिम बंगाल विधानसभा के सदस्यों द्वारा विधानसभा के लिए इन्हें आमंत्रित किया गया। जिनमें इन्हें पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा परिवहन मंत्री का कार्य सौपा गया.
- इन्होंने अपने जीवन काल के दौरान राजनीतिक में काफी उतार-चढ़ाव देखे एवं दिनों दिन बढ़ती गई चुनौतियों का सामना बड़े ही आसानी से किया अतः इनकी उपलब्धि दिनों दिन बढ़ती ही गई जिससे फिर से इसी वर्ष 2016 में कार्मिक लोक, शिकायत कानून और न्याय एवं सलाहकार समिति, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय पर स्थाई समिति के सदस्य के रूप में विधान सभा के सदस्यों के भारी समर्थन से इनकी नियुक्ति की गई । दिनों दिन बढ़ती राजनीतिक क्षेत्र में उपलब्धि के कारण उन्होंने 28 मई 2016 को विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए लोकसभा से इस्तीफा दे दिया ।
नंदीग्राम आन्दोलन में खास भूमिका
शुभेंदु जी ने नंदीग्राम आंदोलन में मुख्य रूप से सक्रिय रह कर अपना योगदान दिया। जिस समय उन्होंने भूमि उछेद प्रतिरोध समिति के लिए जनसाधारण स्थानीय लोगो को प्रेरित किया था उस समय कुछ ऐसी अफवाहें फैल रही थी की भूमि को रासायनिक केंद्रीकरण के लिए बलपूर्वक अधिग्रहित किया जा रहा है।
तत्कालीन चर्चित घटना
तत्कालीन चर्चित घटना में जब उन्होंने महत्वपूर्ण नंदीग्राम सीट से असेंबली चुनाव में लोगों के भारी समर्थन से विजय प्राप्त की जिससे बंगाल की राजनीतिक में एक नया रुख लिया एवं तृणमूल ने सीपीएम से सत्ता अपने हाथ में ले लिया। नंदीग्राम में शुभेंदु जी ममता बनर्जी ( बंगाल की मुख्यमंत्री ) के विपरीत खड़े होकर प्रदर्शन कर रहे थे। जिनमें इन्होंने रोड शो भी किया एवं भारी मात्रा में लोगों की भीड़ का समर्थन भी इन्हें मिला। यह तत्कालीन चर्चित घटना रही जिसने बड़ी मात्रा सुर्खियां बटोरी, जिसमें नंदीग्राम का भूमि पुत्र बनाम बंगाल की बेटी काफी चर्चित रहे।
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