विल्मा रुडोल्फ की अविश्वसनीय कहानी
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विल्मा रुडोल्फ एक ऐसा नाम है जिसने दुनिया को यह दिखा दिया कि हमें हालातों से समझौता करना नहीं बल्कि बुरे हालातों से लड़ना आना चाहिए । विल्मा का जन्म 23 जून 1940 में अमेरिका के टेनेसी प्रांत में हुआ था । चुकि विल्मा रूडोल्फ का जन्म अश्वेत गरीब परिवार में हुआ था जिसके कारण अमेरिकी उन्हें दोयम दर्जे की नजर से देखते थे। उनके पिता कुलीन का काम करते थे एवं माता दूसरों के घरों में नौकरानी का काम करती थी।
विल्मा रुडोल्फ की अविश्वसनीय कहानी | Wilma Rudolph Biography In Hindi
बिंदु (Points) | जानकारी (Information) |
नाम (Name) | विल्मा रुडोल्फ |
जन्म (Date of Birth) | 23 जून 1940 |
आयु | 54 वर्ष |
जन्म स्थान (Birth Place) | टेनेसी, अमेरिका |
पिता का नाम (Father Name) | Ed Rudolph |
माता का नाम (Mother Name) | ब्लैंच रूडोल्फ |
पति का नाम (Husband Name) | विलियम “विली” वार्ड रॉबर्ट एल्ड्रिज |
पेशा (Occupation ) | धावक |
बच्चे (Children) | 4 |
मृत्यु (Death) | 12 नवम्बर, 1994 |
मृत्यु स्थान (Death Place) | ब्रेंटवुड, नैशविले, टेनेसी |
भाई-बहन (Siblings) | 22 |
अवार्ड (Award) | राष्ट्रीय खेल पुरस्कार |
4 वर्ष की आयु में विल्मा के पैरों में पोलियो हो गया था । डॉक्टरों के इलाज से यह पता चला कि वह कभी अपने पैरों से चल नहीं पाएगी। यह सब कुछ जानने के बाद भी उनकी मां ने विल्मा को कभी हिम्मत हारने नहीं दिया । अश्वेत होने के कारण उन्हें अमरीकी अस्पतालों से किसी तरह का सहयोग ना मिल पाने के कारण विल्मा को 50 मील दूर के अस्पताल में ले जाना पड़ा जहां अश्वेतों का इलाज होता था ।
5 साल के लगातार इलाज के बाद विल्मा की हालत में कुछ सुधार हुआ। इसके बाद वह केलिपर्स के सहारे चलने लगी थी। इलाज के दौरान डॉक्टरों ने विल्मा की माता को यह बताया कि वह कभी बिना सहारे के नहीं चल पाएगी। इसके बावजूद भी उसकी मां ने हार नहीं मानी और विल्मा को हौसला दिया कि यदि किसी काम को पूरे लगन से की जाए तो बड़े-बड़े चट्टान भी उसके रास्ते का बाधा नहीं बन पाएंगे।
इसके बाद उनकी माता ने उनका दाखिला वहाँ के ही एक स्कूल में करा दिया ताकि विल्मा कभी अपने आपको कमजोर ना समझे। इसके बाद जब विल्मा 9 वर्ष की हुई तो उन्होंने बिना सहारे के चलने की कोशिश की ऐसा करते हुए वे बार-बार गिरती और उठती। फिर विल्मा की यही कोशिशों ने उसे 11 वर्ष की उम्र में पूर्ण रूप से चलने में सक्षम बना दिया । इस बात को उसकी माता ने डॉक्टर के. एम्वे. को बताया डॉक्टर को यह बात सुनकर बड़ी खुशी हुई और उन्होंने विल्मा का मनोबल बढ़ाया। तभी विल्मा ने सोच लिया था कि उन्हें एक धावक बनना है । वह एक पाँव में ऊंची एड़ी के जूते पहनने लगी।
Wilma Rudolph Life Story
इसके बाद वर्ष 1953 में विल्मा ने 13 वर्ष की आयु में पहली बार अंतराविद्यालय प्रतियोगिता में भाग लिया और इस प्रतियोगिता में विल्मा असफल रही और बार-बार के प्रयासों के बाद विल्मा 9वी बार पूर्ण रूप से सफल रही।
15 वर्ष की आयु में विल्मा ने टेनेसी राज्य विश्वविद्यालय में दाखिला करवाया। जहां विल्मा की मुलाकात कोच ऐड टेंपल से हुई और उन्होंने विल्मा की प्रतिभा को देखते हुए उन्हें खूब सहयोग किया।
इसी प्रतिभा और लगन ने विल्मा को ओलंपिक तक पहुंचा दिया और महज 21 वर्ष की आयु में विल्मा को वर्ष 1960 में ओलंपिक में दौड़ने का मौका मिला और उन्होंने 100 मीटर की दौड़ प्रतियोगिता में प्रसिद्ध तेज धाविका जूता हेन को हराकर स्वर्ण पदक जीता। इसके बाद 200 मीटर एवं 400 मीटर रिले दौड़ में फिर से उनका मुकाबला जूता हेन से हुआ और तीनों प्रतियोगिता में जूता हेन को हराते हुए विल्मा रुडोल्फ ने तीनों स्वर्ण पदक अपने नाम किए।
विल्मा रुडोल्फ तीनों प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने वाली अमेरिका की पहली अश्वेत महिला बनी । इसके बाद अखबारों ने विल्मा रूडोल्फ को ग़ेज़ल की उपाधि से सम्मानित किया। विल्मा रूडोल्फ की मृत्यु 54 वर्ष की उम्र में 12 नवंबर 1994 में हो गई ।
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