भारत में पिछले कुछ समय में किडनी रोग यानी गुर्दे खराब होने की समस्याएं बहुत तेजी से बढ़ी हैं। भाग-दौड़ भरी जिंदगी में लोगों की खान-पान की आदतों, प्रदूषित पानी और प्रदूषण ने किडनी की बीमारियों को और बढ़ा दिया है। अपनी किडनी को सही सलामत रखने के लिए आप नियमित दिनचर्या और संतुलित खानपान को अपना सकते हैं। लेकिन, ऐसा करना आजकल सभी के लिए संभव नहीं है। इसलिए आज हम आपको 3 ऐसी बाते बताने जा रहे हैं जिन्हें आप अंजाने में करते हैं। जो किडनी खराब होने की सबसे बड़ी वजह है।
कम मात्रा में पानी पीना
अध्यन के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति एक दिन में 4 लीटर से कम मात्रा में पानी पीता है तो उसकी किडनी खराब होने की संभावना बहुत अधिक होती है। कम मात्रा में पानी पीने से न केवल किडनी संबंधित बिमारियां हो सकती है बल्कि हृदय संबंधी रोगों के होने का भी खतरा बढ़ जाता है। इसलिए प्रतिदिन कम से कम 4 लीटर पानी जरूर पीना चाहिए।
पेशाब देर तक रोकना
अमूमन देखा जाता है कि ऑफिस या घर में किसी काम में व्यस्त रहने की वजह से लोग आपना पेशाव काफी देर तक रोके रखते हैं। लोग अपना काम खत्म करने के बाद ही वॉशरुम जाते हैं। तो ऐसे लोगों को ये बात ध्यान में रखनी चाहिए की ज्यादा देर तक यूरिन या पेशाब रोकने से किडनियों पर बहुत बुरा असर पड़ता है। इससे किडनियों के खराब होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए पेशाब को ज्यादा देर तक नहीं रोकना चाहिए।
ज्यादा मीठा खाना
ज्यादातर लोगों को मीठा खाने की आदत होती है। ये एक तरह से अच्छा भी है, लेकिन यही जब ज्यादा हो जाए तो सुगर और किडनी खराब होने जैसी बिमारियों को जन्म देता है। इसलिए अगर आप भी ज्यादा मीठा खाने के आदि हैं तो सभंल जाइये। ज्यादा मीठी चीजों का सेवन करने से आपको संभलने की जरूरत है क्योंकि ज्यादा मीठा खाने से आपकी किडनी के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
ये हैं किडनी खराब होने लक्षण
• पेशाब करने की मात्रा और समय में परिवर्तन।
• अचानक पेशाब की मात्रा बढ़ जाना या कम हो जाना।
• पेशाब का रंग बदल जाना या पिला पेशाब आना।
• बार-बार पेशाब लगना।
• पेशाब करते वक्त दर्द होना।
• यूरिन के वक्त जलन महसूस होना।
• यूरिन के वक्त खून का आना।
• जाँच में किडनी में सूजन आना।
• अधिक थकना और कमजोरी आना।
• अधिक ठंड महसूस होना।