खाने के बाद क्यों खाते है मीठा और खाने से जुडी रोचक जानकारी | Khane Ke Baad Meetha Khane ke Fayade | Interesting Fact About Food in Hindi
खाना खाने के बाद मीठा क्यों खाते है? यह एक सामान्य सा सवाल है परन्तु यह प्रश्न सहज ही किसी के मन में नहीं आता है. हर कोई भोजन कर मीठा मुंह में रख संतुष्ट हो जाता है.
बैठकर खाना खाना
हमारे देश में सदियों से लोग जमीन पर बैठकर पालती मारकर खाना खाते आ रहे है. यह हमारी संस्कृति का भी एक हिस्सा है. यह हमारी परम्परा भी है. इस परम्परा का महत्व एक विशेष बात से है. आपने हमेशा ऐसे ही खाना खाते देखा है तो यह आपको एक सामन्य परिस्थिती लगती होगी पर इस प्रकार पलती मारकर बैठने से एक अवस्था बनती है जिसे योग की भाषा में सुखासन कहा जाता है. और इस अवस्था में बैठकर खाने से मन को शांति मिलती है और जो हमारी पाचन क्रिया के लिए फायदेमंद होती है.
खाना खाते समय पानी पीना
हर व्यक्ति का खाने खाते समय पानी पीने के अलग-अलग नियम है. और अलग-अलग विचारधारा है. जैसे कोई खाने के बीच में थोड़ी थोड़ी देर में पानी पीना पसंद करता है तो कोई पूरा खाना खाने के बाद ही पानी पीता है. किन्तु क्या आप जानते है कि खाना खाने के दौरान पानी क्यों पिया जाता है?
यद्यपि इस प्रश्न का जवाब सभी को पता है की भोजन को पचाने के लिए पानी पिया जाता है. इसके विपरीत कई लोग यह भी मानते है की भोजन के तुरंत बाद पानी कम पीना चाहिए या कुछ देर बाद पीना चाहिए नहीं तो आप मोटापे के शिकार हो सकते है. लेकिन इस बात का टेंशन लेने की जरूरत नही है क्योंकि वैज्ञानिकों ने ये सिद्ध कर दिया हैं कि खाना खाते समय पानी पीने से पाचन शक्ति मजबूत होती है इसलिए खाना खाते समय पानी पीना चाहिए.
इसे भी देखें :
- संजीवनी बूटी जैसी रामबाण है इस पेड़ की पत्तियाँ!
- गठिया रोग के लक्षण और घरेलू उपचार
- गेहूं की फसल को कीट से कैसे बचाएं
खाना खाने के बाद मीठा क्यों खाया जाता है?
अधिकांश लोग खाना खाने के तुरंत बाद मीठा खाते हैं पर ये लोग नही जानते है की मीठा क्यों खाते है. ये प्रश्न शायद आपके दिमाग में कभी आया हॉग? आप मीठा स्वाद के लिए खाते होंगे किन्तु इसके पीछे एक वैज्ञानिक कारण है. दरअसल जब भी आप तीखा खाना खाते हैं तो आपका शरीर पाचक रस और अम्ल का रिसाव करता है जिनके कारण पाचन क्रिया बढ़ती है.
तीखा खाना खाने से यह भी सुनिश्चित होता है कि आपका पाचन सही तरह हो रहा है. मीठी चीजों में कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा अधिक होती है, जिससे पाचन धीमा हो सकता है. इसके अलावा मीठे का सेवन करने से एमिनो एसिड ट्रिप्टोफैन का अवशोषण होता है. शरीर में ट्रिप्टोफैन को सेरोटोनिन लेवल बढ़ाने के लिए लिया जाता है. सेरोटोनिन एक न्यूरोट्रांसमीटर है, जो खुशी के भाव से जुड़ा हुआ है अर्थात मीठा खाने से आपको खुशी मिलती है. यही कारण है कि आप भोजन करने के बाद मीठा खाते हैं. और आपकी इच्छा भी प्रबल हो जाती है.
व्रत रखना
हमारा देश बहुत ही धार्मिक है यहाँ पर लोग धर्म को अधिक महत्व देते है. इसीलिए व्रत को कोई भी वजन घटाने के लिए नही रखता है बल्कि या भगवान के प्रति आस्था का विषय है. चूँकि वैज्ञानिक मानते हैं कि मानव शरीर में होने वाले अधिकांश रोगों का प्रमुख कारण पाचन तंत्र में टॉक्सिक मटेरियल का जमा होना है. व्रत रखने से हमारे डाइजेस्टिव ऑर्गन को आराम मिलता है और टॉक्सिक मटेरियल की मात्रा भी कम हो जाती है जिससे हमारा शरीर स्वस्थ बन रहता है.
घर से निकलने से पहले दही-शक्कर खाना
यह देश संस्कारो का देश है यहाँ पर यदि घर का कोई सदस्य बाहर किसी कार्य के लिए जाता है तो माँ उसे दही-शक्कर खिलाकर भेजती है. इसे भारतीय संस्कृति में शुभ माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि कोई सफेद चीज़ खाकर घर से किसी कार्य को करने के लिए निकलता है तो मन एकाग्रता से उस काम में लगता है. और सफलता मिलती है. दूसरी ओर वैज्ञानिकों का भी यह मानना है कि मीठा खाने से शरीर में रक्त का संचार बढ़ जाता है और एनर्जी मिलती है इसलिए घर से निकलने से पहले दही-शक्कर खाकर ही निकलने की परम्परा है.