कचरे से होने वाले दुष्प्रभाव पर निबंध | Essay on Garbage Free India in Hindi
कचरे की परिभाषा | What is Garbage
ज़मीन पर पड़ी हुई धूल और टूटी-फूटी चीज़ें जो झाड़ू आदि से साफ़ करने पर निकलते हैं या साफ शब्दों में कहें तो कचरा वह है जिसकी उपयोगिता खत्म हो गयी हो. और अक्सर उपयोगिता खत्म होने के बाद हम चीज़ों को फेंक देते हैं. कचरे को जगह जगह पर फेंक दिया जाता है. जिससे कई बीमारियां पनपती हैं.कचरे को जगह-जगह न फेंका जाए इसके लिए कचरा प्रबंधक भी बनाए गए हैं. लेकिन लोगों के कम शिक्षित होने के कारण वे अपने घर में खुद बीमारियां लाते हैं. कचरे का दुष्प्रभाव सिर्फ एक व्यक्ति या परिवार पर नहीं बल्कि पूरे विश्व पर होता है. आपकी छोटी सी लापरवाही का हर्जाना पूरा विश्व भुगतता है. जैसे हाल ही में हुए कोरोना काल की बात करें, तो वह पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने का नतीजा था.
प्रकृति भगवान का दिया एक बहुत ही खूबसूरत तोहफ़ा है. यह हमें बिना मांगे बहुत कुछ प्रदान करती है, पर अगर हम प्रकृति को नुकसान पहुंचाते हैं तो यह भी हमे नुकसान पहुंचाती है. इसलिए अपने आस-पास सफाई बनाएं रखें और कोशिश करें कि कभी अनजाने में या जानबूझकर प्रकृति को हमारे द्वारा कोई नुकसान न पहुँचे. Essay on Garbage
तो आइए अब बात करते हैं कचरे से होने वाले दुष्प्रभाव :- | Demerits Of Garbage
- कचरे में आग लगाने एवं नाले में सड़ रहे कचरे से हानिकारक गैस मिथेन, सल्फर, कार्बन डाय आक्साइड, कार्बन मोनो आक्साइड निकलते हैं, जो हमारे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है और ओजोन परत को क्षति पहुंचाता है. ये गैस मानव शरीर के लिए खतरनाक व जानलेवा है। इससे कैंसर, जेनेटिक डिजीज, चर्म रोग, सांस की बीमारी, एनिमिया, दांत, दमा, टीबी जैसी बीमारी होती है.
- प्लास्टिक जलाने से हमारे पर्यावरण को बहुत क्षति पहुंचती है. इससे निकलने वाले धुएं से कई बीमारियां फैलती हैं. पर अगर हम बात करें रीसाइक्लिंग की तो इस प्रक्रिया में काफी नुकसान है. रीसाइक्लिंग की प्रक्रिया से भी प्रदूषण फैलता है. इसलिए ज्यादातर जगहों पर प्लास्टिक बैग्स की जगह जूट या पेपर बैग्स का इस्तेमाल किया जाने लगा है.
- कचरे की वजह से बैक्टीरिया फैलने का खतरा होता है, जॉन्डिस, डायरिया जैसी बीमारियां हो सकती हैं. अगर कूड़ा सड़ने लगे तो इससे बनने वाले केमिकल और गैस से गंभीर बीमारी होने का खतरा होता है। ऐसे में अगर बारिश हो जाए तो महामारी तक फैलने का खतरा होता है.
- मलेरिया,डेंगु जैसी खतरनाक बीमारियों को फैलाने वाले मच्छर भी गंदगी में ही पनपते हैं इसलिए बहुत आवश्यक है कि अपने आस पास सफाई बनी रहे.
- धुएं के कारण एलर्जी जैसी बीमारियां होने की संभावना बनी रहती है.
इनसब बातों को ध्यान में रखते हुए बहुत जरूरी है कि हम कचरे से निजाद पाएं उसके लिए हम क्या कर सकते हैं नीचे पढ़ें- | Essay on Garbage
- प्लास्टिक का इस्तेमाल बन्द करदें। प्लास्टिक के कम उपयोग से हम जल्द से जल्द कचरे से निजाद पा सकते हैं.
- घर में जमा हो रहे कूड़े को ,घर के बाहर न फेंके. उसे कचरा गाड़ी में ही डालें.
- कभी भी रोड पर कचरे को न फेंके ।इससे रोड पर रहने वाले लोग और जानवर बीमार पड़ सकते हैं.
- कचरे को न जलाएं। कचरा जलाने से हमारे पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुंचता है. कचरे से निकलने वाले हानिकारक धुएं के कारण ही हमारी ओजोन लेयर घट रही है.
- कचरा प्रबंधन अपनी जिम्मेदारी सही तरीके से निभाएं और कचरे को फेकने के लिए कुछ सख्त नियम बनाए और ध्यान रखें कि देश का हर नागरिक उसका पालन करें। क्योंकि अगर देश स्वच्छ है ,तभी देश स्वस्थ्य है. स्वस्थ रहें सुरक्षित रहें.
इसे भी पढ़े :