आतंकवाद और आम नागरिक पर अनुच्छेद लेखन | Article Writing on Terrorism and Common Citizen |Aatankwad Aur Aam Nagrik Paragraph
हम जब हमारे देश की चिंतन करने वाली समस्या पर सोचते हुए अगर अनुच्छेद लिखते है, तो उस अनुच्छेद को समस्यात्मक अनुच्छेद कहते है. हमने जो आपके लिए अनुच्छेद का “आतंकवाद और आम नागरिक” विषय लिया है यह विषय हमारे देश की समस्या से जुडा हुआ है. यह विषय के नाम अलग-अलग हो सकते है जैसे कि “भारत में आतंक का कहर” “आतंक वाद की बढती समस्या“अदि .
समस्यात्मक अनुच्छे
आतंकवाद
संकेत बिन्दु – (1)आतंकवाद की परिभाषा (2)कारण (3)प्रभाव (4)विरुद्ध कठोर कदम
आतंकवाद हिंसा का एक गैर-कानूनी तरीका है जो सरकार और आम जनता को डराने, धमकाने के लिए किया जाता है. इस कार्य में शामिल लोग आतंकवादी कहलाते हैं. आतंकवादियों का कोई धर्म, जाति या देश नहीं होता है. इनका उद्देश्य कानूनी व्यवस्था को ताक में रखकर देश में अराजकता फैलाना है.
आतंकवाद के उत्पन्न होने का मुख्य कारण गरीबी, बेरोजगारी, भुखमरी और धार्मिक उन्माद है. धार्मिक कट्टरता आतंकवाद को अधिक प्रोत्साहित करती है.भारत बहुधार्मिक राष्ट्र होने के कारण यहाँ धर्मों के नाम पर दंगे-फसाद भड़काए जाते हैं. कुछ विदेशी ताकतें इन धर्म के नाम पर आतंक फैलाने वाले को, आतंकियों को बढ़ावा देती है. भारत में बहुदलीय राजनेताओं की अवसरवादी नीतियों का दुष्परिणाम ही आतंकवाद है.
भारत के ही अंदर अलग-अलग राज्यों द्वारा पृथक राष्ट्र को माँग करने वाले आतंकी संगठनों ने देश के अंदर अनेक हिंसात्मक गतिविधियों को अंजाम दिया है. कभी संसद पर हमला, कभी रेलगाड़ियों पर बम धमाका, कभी रेलवे स्टेशनों पर गोलीबारी जैसी घटनाएँ आम हो गई है. बेरोजगार पढ़े-लिखे युवाओं को धर्म के नाम पर बरगलाकर उन्हें आतंकी प्रशिक्षण प्रदान किए जाते रहे हैं. खून-खराबा को अंजाम देने वाले आतंकियों ने समाज में दहशत का वातावरण निर्मित किया है. अमानवीय कृत्य करने वाले इन आतंकी संगठनों को रोकने के लिए शासन-प्रशासन द्वारा कठोर कदम उठाए जा रहे हैं. पाँव पसारते आतंकवाद को रोकने के लिए विश्व स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं. सार्वजनिक कार्यक्रमों में संदिग्ध लोगों को ऑटोमैटिक बॉडी स्कैनर मशीन से गुजरना पड़ता है.
अनुच्छेद लिखने की रीति
हम अगर इन बातों का ध्यान रखे तो हम अनुच्छेद को बिल्कुल सटीकता से लिख सकते है.
- किसी भी विषय पर अगर हमें अनुच्छेद लिखना है, तो हमें उस विषय की जानकारी होना अति आवश्क है.
- विषय को प्रस्तुत करने की शैली अथवा पद्धति तय होनी चाहिए.
- चुने हुए विषय पर लिखने से पहले चिन्तन-मनन करे ताकि मूल भाव भली-भाँति स्पष्ट हो सके.
- अनुच्छेद लिखते समय मात्राओं की गलती एवं कटा-पिटी ना हो इस बात को हमेशा याद रखे.
- लिखते समय सरल भाषा का प्रयोग करे एवं ध्यान रखे की विषय के अनुकूल होनी चाहिए.
- मुहावरे और लोकोक्तियों आदि का प्रयोग करके भाषा को सुंदर एवं व्यावहारिक बनाने का प्रयास करे.