उपवाक्य क्या है ? परिभाषा, प्रकार और उदाहरण सहित व्याख्या
Clause Definition, Type With Examples In Hindi
उपवाक्य की परिभाषा | Clause Definition In Hindi
वाक्यों का ऐसा पद समूह जिसका अपना स्वतंत्र अर्थ हो तथा जो एक वाक्य का भाग हो और जिसमें उद्देश्य और विधेय हों वह उपवाक्य कहलाते हैं. जैसे : कि, जिससे, जितना, जहाँ, ताकि, जो, ज्यों-त्यों, चूँकि, क्योंकि, यदि, जब, क्योंकि इत्यादि होते हैं.
वाक्य में जब किसी व्यक्ति, वस्तु या कर्ता के सम्बन्ध में कुछ कहा जाता है उसे ‘उद्देश्य’ कहते हैं. जैसे : निशांत को जासूसी के पुस्तकें अधिक प्रिय है. इस वाक्य में निशांत उद्देश्य है.
अर्थात् वाक्य में उद्देश्य (कर्ता) के सम्बन्ध में जो कहा जाता है उसे ‘विधेय’ कहते हैं. जैसे : मेरा छोटा भाई प्रशांत बहुत अच्छा चित्रकार है. इस वाक्य में बहुत अच्छा चित्रकार है विधेय है.
उपवाक्य के प्रकार | Type Of Clauses
उपवाक्य तीन प्रकार के होते हैं :
- संज्ञा उपवाक्य
- विशेषण उपवाक्य
- क्रिया-विशेषण उपवाक्य
- संज्ञा उपवाक्य – जो उपवाक्य प्रधान या मुख्य उपवाक्य की संज्ञा या कारक के रूप में सहायता करें उसे संज्ञा उपवाक्य कहते हैं. संज्ञा अधीन उपवाक्य की पहचान यह है कि यह योजक शब्द ‘कि’ से जुड़ा होता है. जैसे :
गुड्डू नहीं जानता कि वह कहाँ है. कशिश ने कहा कि मैं पढूँगी.
- विशेषण उपवाक्य – जो उपवाक्य विशेषण की तरह व्यवहृत हो या किसी दूसरे उपवाक्य में आये संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता प्रकट करते हो उसे विशेषण उपवाक्य कहते हैं. जैसे : जो, जैसा, जितना, जिसमें आदि.
वह लड़का, जो कल आया था, आज भी आया है.
मैंने एक पेड़ देखा, जो बहुत विशाल था.
- क्रिया-विशेषण उपवाक्य – जो उपवाक्य किसी क्रिया की विशेषता बताते हैं उन्हें क्रिया-विशेषण उपवाक्य कहते हैं. क्रिया-विशेषण उपवाक्य क्रिया का स्थान, समय, कारक, परिमाण आदि बताते हैं. जैसे : जब, जहाँ, क्योंकि जिससे, अतः, अगर, यद्यपि, चाहे, जो, ज्यों, त्यों आदि.
जब पानी बरसता है, मेंढक बाहर निकलते हैं.
मैं रोटी नहीं खाऊँगा, क्योंकि पेट में अधिक दर्द है.
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