भ्रष्टाचार एक समस्या पर अनुच्छेद लेखन | Article on Corruption a Problem in Hindi | Bhrashtachar Ek Samasya Paragraph
हम जब किसी भी समस्या पर लेख लिखते है, उस लेख या अनुच्छेद को समस्यात्मक अनुच्छेद कहते है. हमने जो आपके लिए ‘भ्रष्टाचार एक समस्या” पर अनुच्छेद लिखा है. यह अनुच्छेद के विषय से ही समझ मे आता है, कि यह लेख समाज की एक गंभीर समस्या पर लिखा गाय है.
भ्रष्टाचार एक समस्या
संकेत बिन्दु – (1) अर्थ (2) भ्रष्टाचार के क्षेत्र (3) कारण (4) दुष्प्रभाव (5 ) समाधान
‘भ्रष्टाचार’ शब्द भ्रष्ट आचार से बना है जहाँ भ्रष्ट अर्थात् बुरा और आचार अर्थात् आचरण व्यवहार. बुरा या अनैतिक आचरण ही भ्रष्टाचार है जो देश, समाज, सरकारी संस्थाओं आदि जगहों में अपनी जड़ें जमा ली है. रिश्वतखोरी, टैक्स चोरी, झूठी गवाही, परीक्षा में नकल, गलत मूल्यांकन, पक्षपातपूर्ण न्याय प्रणाली, पैसों से वोट की खरीदो हफ्ता वसूली, चुनाव में धांधली आदि ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ भ्रष्टाचार पुग्मित पल्लवित हो रहा है. भ्रष्ट राजनेता, भाई भतीजावाद, झूठी सामाजिक प्रतिष्ठा का प्रदर्शन, राष्ट्रभक्ति का अभाव, मानवीय संवेदनाओं की कमी, नैतिक मूल्यों का गिरता स्तर, गरीबी, भुखमरी, बेरोजगारी, लचीली कानून व्यवस्था ऐसे कारण हैं जो व्यक्ति को भ्रष्टाचार करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं.
भ्रष्टाचार के कारण देश की आर्थिक स्थिति चरमरा गई. विकास अवरुद्ध हो गया. सड़क, बिजली, पानी, सरकारी योजनाएँ ग्रामीण जनता की पहुँच से कोसों दूर रह गईं. अयोग्य व्यक्ति उच्च पदों पर आसीन हो गये और बंदर के हाथ तलवार जैसी कहावत को चरितार्थ करने लगे करोड़ों के घोटाले (कोयला, यूरिया, चारा, शेयर बाजार, बोफोर्स जैसे घोटाले) कालाबाजारी का बोलबाला, अवैध कारोबार की संख्या दिन दुगनी रात चौगुनी बढ़ती गई.
भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए, कानून व्यवस्था कड़ी होनी चाहिए. आम आदमी को स्वयं इस अनैतिक कार्य को अंजाम न देने के लिए दृढ़ संकल्पित होना चाहिए. सरकारी काम काज में पारदर्शिता होनी चाहिए. हर कार्यालयों में सी.सी.टी.वी. कैमरे लगे लगे होने चाहिए|
“जन-जन को आगे आना है,
भ्रष्टाचार मिटाना है|”
रिश्वतखोर बंद करो |
देश को भ्रष्टाचार मुक्त करो|
अनुच्छेद लिखने की रीति
हम अगर इन बातों का ध्यान रखे तो हम अनुच्छेद को बिल्कुल सटीकता से लिख सकते है.
- किसी भी विषय पर अगर हमें अनुच्छेद लिखना है, तो हमें उस विषय की जानकारी होना अति आवश्क है.
- चुने हुए विषय पर लिखने से पहले चिन्तन-मनन करे ताकि मूल भाव भली-भाँति स्पष्ट हो सके.
- विषय को प्रस्तुत करने की शैली अथवा पद्धति तय होनी चाहिए.
- लिखते समय सरल भाषा का प्रयोग करे एवं ध्यान रखे की विषय के अनुकूल होनी चाहिए.
- मुहावरे और लोकोक्तियों आदि का प्रयोग करके भाषा को सुंदर एवं व्यावहारिक बनाने का प्रयास करे.
- अनुच्छेद लिखते समय मात्राओं की गलती एवं कटा-पिटी ना हो इस बात को हमेशा याद रखे.