भारत में बढती जनसंख्या (जनसंख्या विस्फोट) पर निबंध, दुष्परिणाम और रोकने के उपाय | Essay on Population Explosion (Jansankhya Vridhi) in Hindi
भारत में अनेक समस्याओं में जनसंख्या की समस्या सबसे अधिक विकराल है. आजादी के बाद केवल इसी समस्या के कारण भारत में गरीबी बेरोजगारी तथा अन्य समस्याएं आज तक समझ नहीं पाई है. भारत की जनसंख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. भारत की आबादी लगभग सवा सौ करोड़ है. इतनी अधिक आबादी के बोझ से भारत स्वयं अपने ही बोझ से दबा जा रहा है. जिस तेजी से आबादी बढ़ रही है उतनी तेजी से विकास कार्य नहीं हो पा रहे हैं.
भारत की जनसंख्या (Population Problem in India)
आज विश्व का हर छटा नागरिक भारतीय है. चीन के बाद भारत की आबादी सर्वाधिक है. सवा अरब भारतीयों के धरती, खनिज और अन्य साधन वही है, जो आज से पांच दशक पूर्व थे. लोगों के पास भूमि कम और समस्याएं अधिक बढ़ती जा रही है. बेरोजगारों और अशिक्षितों की संख्या बढ़ती जा रही है. बेरोजगारों की संख्या 6 करोड़ से अधिक हो गई है यद्यपि भारत में अन्न तथा खाद्य वस्त्र आदि के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है किंतु जनसंख्या के भयंकर विस्फोट के कारण भुखमरी और बेकारी की समस्या भी बढ़ती जा रही है. राष्ट्रीय आय का एक बड़ा भाग जनसंख्या पर खर्च हो जाता है.
देश | जनसंख्या | विश्व जनसंख्या का परसेंटेज | तारीख |
---|---|---|---|
चीन | 1,387,370,000 | 18.3% | (नवंबर, 2017) |
भारत | 1,323,580,000 | 17.5% | (नवंबर, 2017) |
संयुक्त राज्य अमेरिका | 326,066,000 | 4.3% | (नवंबर, 2017) |
इंडोनेशिया | 261,600,000 | 3.45% | (अक्टूबर 2016) |
पाकिस्तान | 209,497,000 | 2.76% | (नवंबर,2017) |
ब्राज़ील | 208,22 9,000 | 2.75% | (नवंबर, 2017) |
नाइजीरिया | 188,500,000 | 2.4 9% | (अक्टूबर 2016) |
बांग्लादेश | 163,438,000 | 2.16% | (नवंबर, 2017) |
रूस | 143,773,226 | 1.94% | (जून, 2017) |
मेक्सिको | 130,750,000 | 1.67% | (जुलाई, 2017) |
जनसंख्या वृद्धि के कारण (Reason of Population Explosion)
जनसंख्या वृद्धि के अनेक कारण है भारत में अधिकांश जनता गावों में निवास करती है, वहां लड़कियों को कम पढ़ाया-लिखाया जाता है. भारत के धार्मिक और सामाजिक परिवेश में विवाह और संतान उत्पत्ति को एक पत्र कर्तव्य समझा जाता है. विवाह के बाद शीघ्र ही संतान का जन्म हो तथा पुत्र पैदा हो क्योंकि ऐसा माना जाता है कि पुत्र से ही वंश वृद्धि होती है. अनेक लोग परिवार नियोजन के आधुनिक साधनों का प्रयोग करना पाप मानते हैं. वह गर्भनिरोधक उपायों को ईश्वर के काम में बाधा मानते हैं. गरीब लोग बच्चों को आय का स्त्रोत मानकर अधिक बच्चे पैदा करते हैं.
जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणाम (Bad Effects of Population Problem)
जनसंख्या बढ़ने से अनेक बुराइयों का जन्म होता है. आजादी के इतने वर्षों बाद भी ग्रामीण जनता में अंधविश्वासों का चलन है. भारत में अशिक्षा, गरीबी, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, अनाचार आदि की समस्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है. देश की जनसंख्या का अधिकांश भाग गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करता है. चारों ओर आलस्य, दरिद्रता का रोग, अनाचार, सांप्रदायिकता, महंगाई, चोरी, डकैती, लूटपाट तथा अन्य सामाजिक एवं आर्थिक बुराइयां समाज में विद्यमान है. इन सभी से देश का विकास और राष्ट्र के अस्तित्व को खतरा होने लगता है.
जनसंख्या वृद्धि के कारण हर स्थान पर भीड दिखाई देती है और भीड़ होने के कारण हर स्थान पर गंदगी तथा अव्यवस्था होती है. देश का उचित विकास नहीं हो पाता हैं. देश प्रत्येक क्षेत्र में पिछड़ता जाता है. खुशहाली की जगह लाचारी बढ़ती जा रही है. बेकारी से परेशान लोग हिंसा, उपद्रव और चोरी डकैती करने लगते हैं. देश में अपराध बढ़ने लगते हैं तथा नैतिकता का पतन होता है. इससे देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो जाती है. राष्ट्रीय चरित्र की क्षति होती है. अधिक संतान पैदा करने से माँ तथा बच्चे का स्वास्थ्य बिगड़ता है देश की कार्य क्षमता और राष्ट्रीय आय में कमी आती है.
जनसंख्या वृद्धि रोकने के उपाय (Population Problem Solutions in Hindi)
जनसंख्या वृद्धि रोकना सबसे आवश्यक कदम है. प्रत्येक नागरिक अपने परिवार को नियोजित करें केवल एक या दो बच्चे ही पैदा करें. लड़का-लड़की को समान दृष्टि से देखा जाए तो भी जनसंख्या पर नियंत्रण पाया जा सकता है. तथा समाजसेवी संस्थाओं के माध्यम से परिवार नियोजन का व्यापक प्रचार किया जा सकता है. वैवाहिक आयु संबंधी कानून होने के बाद भी अनेक स्थानों पर बाल विवाह होते हैं. परिवार नियोजन के साधनों के उचित उपयोग से परिवार को मनचाहे समय तक रोका जा सकता है परंतु भारतीय लोग अभी इन साधनों को खुलकर अपनाने में शर्म का अनुभव करता है.
भारत में परिवार कल्याण का प्रचार प्रसार किया जा रहा है. भारतीय अब इसका महत्व समझने लगे हैं इसलिए वे परिवार नियोजन के साधनों का अपना रहे हैं. सरकारी प्रयासों से ही जनसंख्या पर रोक नहीं लग सकती हैं, इनके लिए जनसाधारण में भी चेतना लाना आवश्यक है. इसके लिए लड़के-लड़कियों के विवाह निश्चित आयु में ही किया जाना चाहिए.
उपसंहार (Conclusion)
परिवार नियोजन के महत्व को अच्छी प्रकार समझ लेने पर ही देश की प्रगति संभव है परिवार कल्याण के साथ ही देश कल्याण भी जुड़ा हुआ है. प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह जनसंख्या वृद्धि की समस्या के प्रति सावधान हो तथा राष्ट्रहित में परिवार नियोजन को अपनाएं. सरकार को चाहिए कि वह शिक्षा प्रणाली से ऐसा परिवर्तन करें ताकि व्यवसायिक शिक्षा पर बल दिया जाए तथा कुटीर उद्योग धंधों को बढ़ाया जाए. जनसंख्या की समस्या कानून द्वारा ही नहीं अपितु जन जागरण तथा शिक्षा द्वारा हल करना संभव है. जनसंख्या को रोकना राष्ट्रीय धर्म बन चुका है, इसके लिए जो भी करना पड़े वह करना चाहिए. प्रत्येक देशवासियों का कर्तव्य है कि वह परिवार कल्याण की ओर ध्यान दें. तभी राष्ट्र की उचित प्रगति हो सकती है.
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भाई आपने बहुत ही अच्छी तरह से निबंध लिखा है इस निबंध को पढ़कर कोई भी आसानी से समझ सकता है आपका बहुत बहुत धन्यवाद