दुनिया के किन-किन देशों में हिंदी भाषा बोली जाती है | In which countries of the world is Hindi spoken?
भारत में क्षेत्र विविधता पाए जाने के साथ-साथ भाषा में भी विविधता पाई जाती है। इसके बावजूद भी भारत के 43.46 फ़ीसदी लोग हिंदी भाषा बोलते हैं। अतः भारत की राष्ट्रभाषा हिंदी है। हिंदी लगभग 425 मिलियन लोगों की पहली भाषा है एवं 120 मिलियन लोगों की दूसरी भाषा है। भारत के अतिरिक्त फ़िजी की राष्ट्रभाषा भी हिंदी है चूँकि यहाँ भारतीय मूल के नागरिक अधिक है। फ़िजी दक्षिण प्रशांत महासागर के मेलोनेशिया का द्वीप देश है जहां हिंदी बोली जाती है। यदि पूरे विश्व की बात करें तो लगभग 80 करोड़ लोग हिंदी भाषा को बोल और समझ सकते हैं।
जाने भारत के अतिरिक्त और किस देश में हिंदी भाषा बोली जाती है | In How Many Countries Hindi is Official Language
यदि हम हिंदी की बात करें तो हिंदी फारसी शब्द ‘हिंद’ से लिया गया है जिसका अर्थ होता है सिंधु नदी की भूमि। भारत के अतिरिक्त जहां हिंदी भाषा बोली जाती है इनमें पाकिस्तान, भूटान, नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालद्वीप, म्यांमार, इंडोनेशिया, सिंगापुर, थाईलैंड, चीन, जापान, ब्रिटेन, जर्मनी, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, मॉरिशस, यमन, युगांडा और त्रिनाड एंड टोबैगो आदि देश शामिल है।
- भारत में 54 से 55% जनसंख्या के 65 मिलियन लोग हिंदी भाषा का प्रयोग करते हैं ।
- फ़िजी में 42 से 43% जनसंख्या के 0.32 मिलियन लोग हिंदी भाषा का प्रयोग करते हैं।
- मॉरिशस में 32 से 33% जनसंख्या के 0.45 मिलियन लोगों द्वारा हिंदी भाषा बोली जाती है।
- नेपाल में 30 से 35% जनसंख्या के 8 मिलियन लोगों द्वारा हिंदी भाषा बोली जाती है।
- युगांडा में एक मिलियन लोगों द्वारा हिंदी भाषा बोली जाती है।
- सिंगापुर में 30000 लोगों द्वारा हिंदी भाषा बोली जाती है।
- यूके में 0.04 मिलियन लोगों द्वारा हिंदी भाषा बोली जाती है।
- सूरीनाम में 27-28 प्रतिशत जनसंख्या के 0.15 लोगों द्वारा हिंदी भाषा बोली जाती है।
- संयुक्त राज्य अमेरिका में 0.5 से 0.6 जनसंख्या के 0.65 मिलियन लोगों द्वारा हिंदी भाषा बोली जाती है।
- न्यूजीलैंड में 20000 लोगों द्वारा हिंदी भाषा बोली जाती है।
- त्रिनाड एंड टोबैगो में 16000 लोगों द्वारा हिंदी भाषा बोली जाती है ।
दोस्तों भाषा संवाद के लिए अति आवश्यक है. हिंदी भाषा संस्कृत भाषा की पुत्री मानी जाती है. इसलिए हिंदी भाषा में वैज्ञानिक गुण विद्यमान होते है. यदि आपकी मातृभाषा भी हिंदी है तो इस पर शर्म नहीं बल्कि गर्व कीजिये.