प्लास्टिक पर पाबंदी हेतु पर्यावरण मंत्री को पत्र | Application to Environment Minister for Plastic Ban in Hindi

प्लास्टिक पर पाबंदी लगाने के लिए पर्यावरण मंत्री को पत्र | Letter to Environment Minister for Plastic Ban in Hindi

जब कभी हमे सरकार के किसी कानून से आपत्ति होती है या फिर कुछ भी समस्या जो हमें देखती है मगर सरकार को नहीं दिखती है उस समस्या को सरकार से अवगत करने के लिए हम जो पत्र किसी मंत्री को लिखते है, उस पत्र को औपचारिक पत्र कहते है. इस पत्र में समाज का एक जागरुक व्यक्ति पर्यावरण मंत्री को प्लास्टिक थैलियों के प्रयोग पर कानूनी पाबंदी लगाए जाने के बावजूद बढ़ते प्रयोग पर चिंता व्यक्त करते हुए पत्र लिखता है.

औपचारिक पत्र

सेवा में,
पर्यावरण मंत्री
भोपाल (म.प्र.)
विषय- प्लास्टिक बैग पर पाबंदी के विषय में.
 महोदय,
निवेदन है कि मैं इस शहर का एक सजग नागरिक हूँ.पर्यावरण के प्रति सचेत होने के नाते मैं आपको अपनी चिंताओं से अवगत कराना चाहती हूँ. महोदय, आपकी सरकार पिछले कुछ वर्षों से प्लास्टिक की थैलियाँ रोकने का प्रयास कर रही है. सरकार की ओर से सख्त निर्देश भी जारी किये गये हैं. कभी कभार छापे भी डाले गये, इससे छोटे-छोटे दुकानदारों में हड़कंप तो मचा, किन्तु कुछ हल नहीं निकल सका. समस्या ज्यों की त्यों है.
मेरा आपसे विनम्र निवेदन है कि प्लास्टिक बैग की सुविधा बहुत ही सस्ती और सुलभ है.अभी इसका और कोई सस्ता विकल्प हमारे पास उपलब्ध नहीं है. हमारी सारी कोशिश ऐसी सस्ती थैलियों के निर्माण के लिए हो जो आसान और बेहतर तरीके से शीघ्र ही प्लास्टिक थैलियों की जगह ले ले. बिना विकल्प दिये इन पर रोक लगाना मुश्किल है। अतः शीघ्रातिशीघ्र सस्ते थैलियों के निर्माण पर जोर देने की आवश्यकता है. तब तक प्रबंधन और कुप्रभाव से बचने के उपायों पर बल दें.
आशा है आप इस पर विचार अवश्य करेंगे.
धन्यवाद
भवदीय
राशि दुबे
साकेत लॉज घोड़ा नक्काश भोपाल (म.प्र.)
दिनांक-20-11-20…

ध्यान देने योग्य आवश्यक बातें

विषय की स्पष्टता : पत्र लिखते समय हमारा विषय स्पष्ट होना चाहिए. उसमे समझाने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए. हमारे लिखे हुए शब्द सरल एवं स्पष्ट होने चाहिए ऊपर लिखे पत्र में भी आपने पढ़ा होगा कि मोहल्ले का एक जागरुक व्यक्ति मोहल्ले में होने वाली चोरियों की वृद्धि होने पर नगर पुलिस अधीक्षक को एक आसन एवं स्पष्ट भाषा में पत्र लिखता है.
पत्र प्लेन पेपर पर लिखें : पत्र को हमेशा प्लेन पेपर पर लिखा होना चाहिए, किसी भी प्रकार की अन्य जानकारी पत्र के साथ ना लिखी हुई हो. इसके अलावा पत्र को पूरे पेज पर लिखा होना चाहिए, एक पेज को दो हिस्सों में करके ना लिखे.
गलती ना हो : कई बार छात्र पत्र लिखते समय कई गलतियाँ कर देते हैं. इसीलिए जरुरी हैं कि पत्र में किसी भी प्रकार की शब्दों से जुडी हुई गलतियाँ नहीं होनी चहिए.
लेखन की सुन्दरता : पत्र की लेखन कला का भी आवदेन प्राप्तकर्ता के सामने प्रभाव पड़ता हैं. लेखन जिनता सुन्दर और मात्रा की गलतियों के बिना होगा उनता उन्नत रहेगा एवं एक बात का ध्यान रखे की पत्र के अक्षर एक समान लिखे हो कोई अक्षर बड़ा या छोटा नहीं होना चाहिए.

आशा हैं की आपको यह पत्र अच्छा लगा होगा. इसी तरह की और पत्र लेखन प्राप्त करने के लिए हमारी वेबसाइट के Notification को Allow करके हमारी वेबसाइट से जुड़े. इसी प्रकार के अन्य विषय पर यदि आप पत्र चाहते हैं तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिखे.

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