प्रदूषण पर अनुच्छेद लेखन | Article Writing on Pollution in Hindi

प्रदूषण पर अनुच्छेद लेखन | Article Writing on Pollution | Pradushan Par Paragraph

अनुच्छेद का अधिकतम उपयोग लेखकों के द्वारा किया जाता है एवं हिंदी विषय की परीक्षा में हम सही प्रकार से अनुच्छेद लिखकर काफी अच्छे अंक प्राप्त कर सकते है. हम जब कोई लेख या निबंध लिखते हैं, तो उनमे कई अनुच्छेद का संग्रह होता है. हम अनुच्छेद तब तक नहीं लिख सकते, जब तक हमें अनुच्छेद लिखने के विषय के बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त ना हो.

प्रदूषण

संकेत बिन्दु – (1) अर्थ (2) प्रकार (3) कारण (4)प्रभाव (5) बचाव (निवारण) 

प्रदूषण, पर्यावरण में दूषक पदार्थों के आने से प्राकृतिक संतुलन में होने वाले दोष को प्रदूषण कहते हैं. अर्थात् भूमि (मिट्टी), जल, वायु में अवांछित पदार्थों का मिलना ही प्रदूषण है. सामान्यतः प्रदूषण तीन प्रकार के होते हैं जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण कल-कारखानों से निकलने वाले दूषित जल से भूमि, नदियों, तालाबों, नाले प्रदूषित हो जाते हैं. कल-कारखानों का धुंआ, मोटर वाहनों के धुएँ से वायु प्रदूषण होता है. मशीनों के शोर, वाहनों के भौंपू, लाउडस्पीकरों, पटाखों से ध्वनि प्रदूषण होता है. वहाँ दूसरी ओर अशुद्ध वायु को शुद्ध करने का काम करने वाले वृक्षों व जंगलों को विकास के नाम पर काट दिए जाने से प्रदूषण की मात्रा निरंतर बढ़ रही है. इसके कारण हर घर में श्वाँस के मरीज देखे जा सकते हैं. लोगों में पीलिया, टायफाइड, बहरापन, दिल की बीमारी, मानसिक तनाव जैसे रोग बहुतायत में हैं. जलवायु परिवर्तन की समस्या भी उत्पन्न हो गई है. वर्षा की कमी, प्रचंड गर्मी, ग्लोबल वार्मिंग, बाढ़, भूकंप आदि से पूरा विश्व चपेट में आ गया है.

प्रदूषण से बचाव के लिए भूतकाल में काटे गए जंगलों की पूर्ति के लिए प्रत्येक नागरिक को अधिक-से अधिक वृक्षारोपण कर अपने परिवेश को शुद्ध व सुरक्षित बनाना वर्तमान वक्त की माँग है. जहरीली गैस व धुआँ होने वाले वाहनों का कम-से-कम उपयोग करना चाहिए. समय-समय पर वाहनों को प्रदूषण नियंत्रण जाँच करानी चाहिए. कानून प्रक्रिया के तहत कारखानों के अपशिष्ट को जल व वायु में मिलने से रोकने की प्रक्रिया निश्चित करनी चाहिए.

“वृक्षारोपण बढ़ाओ, प्रदूषण दूर भगाओ।

 प्रदूषण दूर भगाओ, पर्यावरण बचाओ।”

अनुच्छेद लिखने की रीति

हम अगर इन बातों का ध्यान रखे तो हम अनुच्छेद को बिल्कुल सटीकता से लिख सकते है.

  • चुने हुए विषय पर लिखने से पहले चिन्तन-मनन करे ताकि मूल भाव भली-भाँति स्पष्ट हो सके.
  • अनुच्छेद लिखते समय मात्राओं की गलती एवं कटा-पिटी ना हो इस बात को हमेशा याद रखे.
  • विषय को प्रस्तुत करने की शैली अथवा पद्धति तय होनी चाहिए.
  • लिखते समय सरल भाषा का प्रयोग करे एवं ध्यान रखे की विषय के अनुकूल होनी चाहिए.
  • मुहावरे और लोकोक्तियों आदि का प्रयोग करके भाषा को सुंदर एवं व्यावहारिक बनाने का प्रयास करे.
  • किसी भी विषय पर अगर हमें अनुच्छेद लिखना है, तो हमें उस विषय की जानकारी होना अति आवश्क है.

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