संबंधबोधक अव्यय किसे कहते हैं ? उदाहरण सहित भेद और परिभाषा | Sambandh Bodhak Avyay Meaning, Type, Examples in Hindi
संबंधबोधक की परिभाषा | Sambandh Bodhak Avyay Definition
जो शब्द वाक्य में किसी संज्ञा या सर्वनाम का संबंध अन्य शब्दों के साथ बताते हैं उन्हें संबंधबोधक कहते हैं. हम यह भी कह सकते हैं कि जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम के बाद आकर वाक्य के दूसरे शब्द के साथ सम्बन्ध बताए उसे संबंधबोधक कहते.
उदाहरण : अन्दर, बाहर, दूर, पास, आगे, पीछे, बिना, ऊपर, नीचे आदि.
- पेड़ के ऊपर कौवे बैठे है.
- पैसे के बिना कोई काम नहीं होता है.
- कुरसी के ऊपर किताबें है.
संबंधबोधक शब्द के भेद | Type Of Sambandh Bodhak
संबंधबोधक शब्द के मुख्य बारह भेद होते हैं :
- कालवाचक संबंधबोधक
- स्थानवाचक संबंधबोधक
- दिशाबोधक संबंधबोधक
- साधनवाचक संबंधबोधक
- विरोधसूचक संबंधबोधक
- समतासूचक संबंधबोधक
- हेतुवाचक संबंधबोधक
- सहचरसूचक संबंधबोधक
- विषयवाचक संबंधबोधक
- संग्रवाचक संबंधबोधक
- कारणवाचक संबंधबोधक
- सीमावाचक संबंधबोधक
- कालवाचक संबंधबोधक – जिन शब्दों से हमें समय का पता चलता है उसे कालवाचक संबंधबोधक कहते हैं. जैसे : पहले, बाद, आगे, पीछे, उपरांत आदि.
- स्थानवाचक संबंधबोधक – जो शब्द स्थान का बोध कराते हैं उन्हें स्थानवाचक संबंधबोधक कहते हैं. जैसे : आगे, पीछे, नीचे, सामने, नजदीक, यहाँ, बीच, बाहर, परे, दूर.
- दिशावाचक संबंधबोधक – जो शब्द दिशा का बोध कराते है उन्हें दिशा वाचक संबंधबोधक कहते है. जैसे : ओर, तरफ, पार, प्रति, आरपार, आसपास.
- साधनवाचक संबंधबोधक – जिन शब्दों से किसी साधन का बोध होता है उन्हें साधनवाचक संबंधबोधक कहते हैं. जैसे : द्वारा, जरिए, हाथ, बल, कर, माध्यम, सहारे आदि.
- विरोधसूचक संबंधबोधक – जो शब्द विरोध का बोध कराते हैं उन्हें विरोधसूचक संबंधबोधक कहते हैं. जैसे : विरुद्ध, खिलाफ, उलटे, विपरीत.
- समतासूचक संबंधबोधक – जिन शब्दों से किसी समानता का बोध होता हैं उन्हें समतासूचक संबंधबोधक कहते हैं. जैसे : समान, तरह, भाँति, देखादेखी, ऐसा, जैसा, मुताबिक आदि.
- हेतुवाचक संबंधबोधक – जहाँ पर लिए, हेतु, खातिर, कारण, रहित, अथवा, सिवा, अतिरिक्त आते है वहाँ पर हेतुवाचक संबंधबोधक होता है.
- सहचरसूचक संबंधबोधक – जहाँ पर संग, साथ, समेत, सहित, पूर्वक, अधीन आदि आते हैं वहाँ पर सहचरसूचक संबंधबोधक होता है.
- विषयवाचक संबंधबोधक – जिन शब्दों से हमें किसी विषय, नाम, लेख, जान, भरोसे का पता चलता है वहाँ पर विषयवाचक संबंधबोधक होता .
- संग्रवाचक संबंधबोधक – जहाँ पर समेत, तक, पर्यन्त, भर, मात्र आदि शब्द आते हैं वहाँ पर संग्रवाचक संबंधबोधक होता है.
- कारणवाचक संबंधबोधक – जो शब्द किसी कारण का बोध कराते हैं उन्हें कारणवाचक संबंधबोधक कहते हैं. जैसे: हेतु, वास्ते, निमित्त, खातिर आदि.
- सीमावाचक संबंधबोधक – जिन शब्दों से हमें किसी सीमा का बोध हो उन्हें सीमावाचक संबंधबोधक कहते हैं. जैसे: तक, पर्यन्त, मात्र आदि.
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