विद्यालय में वृक्षारोपण का आयोजन एवं आपकी सक्रिय भागीदारी का अनुभव बताते हुए भाई को पत्र | Application to brother describing plantation program in school
हमें जब अपने घरवालों से कही दूर रहना पड़ता है, तब हम उनसे पत्र के माध्यम से बात करते है एवं जो पत्र अपने घरवालों या अपने परिजनों को लिखा जाता है उस पत्र को अनौपचारिक पत्र कहते है. इस पत्र में एक बड़ा भाई अपने छोटे भाई को पत्र लिखकर विद्यालय के वृक्षारोपण कार्यक्रम में अपनी भागीदारी के बारें में बताता है.
अनौपचारिक पत्र
चन्द्रकांत जायसवाल
22/40 सौ ब्लॉक
नर्मदा नगर,बालाघाट (म.प्र.)
दिनांक – 4 सितम्बर 20…..
प्रिय सिद्धान्त
स्नेह !
आशा है, तुम कुशल मे होगे
कल हमारे विद्यालय में वृक्षारोपण समारोह का आयोजन किया गया था उस आयोजन के एक समिति बनाई गई थी. सौभाग्य से मुझे उस समिति का निदेशक बनाया गया था. अतः वृक्षारोपण समारोह की सारी कार्यवाही मैंने चलाई मेरे साथ सचिव, सहसचिव तथा छः अन्य सदस्य थे हमें प्राचार्य, शारीरिक शिक्षा के अध्यापक तथा अपने क्लास-टीचर का मार्गदर्शन मिला.
वृक्षारोपण समारोह में हमने 100 पौधे लगाने का लक्ष्य रखा था. इसके लिए हमने 100 बच्चों पर दल तैयार किया. इसके लिए हमने हर कक्षा से चार-चार छात्र-छात्राओं की एक बैठक रखी. उसमें सुझाव माँगे तथा पूरी योजना तैयार की. स्कूल के पूरे परिसर तथा खेल के मैदान में 100 स्थान चुने जहाँ नौ लगाए जाने थे. एक-एक छात्र-दल को 10-10 पौधे लगाने का जिम्मा सौंपा गया. पहले प्राचार्य की सहायता से पौधे मँगाए गए. गड्ढे खोदने के लिए औजार मँगाए गए. 12 बजे तक सभी पौधे लगकर तैयार हो गए. 12 कर विद्यालय के मंच पर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया. उसमें छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया. सभी सहयोगी विद्यार्थियों ने प्रशंसा की. एक महीने तक उनकी देखभाल करने का जिम्मा भी साँप गया मेरे लिए यह दिन बहुत खुशनुमा रहा.
शेष शुभ
तुम्हारा भाई
चन्द्रकांत
ध्यान देने योग्य आवश्यक बातें
पत्र प्लेन पेपर पर लिखें : पत्र को हमेशा प्लेन पेपर पर लिखा होना चाहिए, किसी भी प्रकार की अन्य जानकारी पत्र के साथ ना लिखी हुई हो. इसके अलावा पत्र को पूरे पेज पर लिखा होना चाहिए, एक पेज को दो हिस्सों में करके ना लिखे.
गलती ना हो : कई बार छात्र पत्र लिखते समय कई गलतियाँ कर देते हैं. इसीलिए जरुरी हैं कि पत्र में किसी भी प्रकार की शब्दों से जुडी हुई गलतियाँ नहीं होनी चहिए.
विषय की स्पष्टता : पत्र लिखते समय हमारा विषय स्पष्ट होना चाहिए. उसमे समझाने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए. हमारे लिखे हुए शब्द सरल एवं स्पष्ट होने चाहिए ऊपर लिखे पत्र में भी आपने पढ़ा होगा कि बड़े भाई ने सरल एवं स्पष्ट शब्दों को लिखा है, जिसको कोई भी उसे पढ़ सकता है.
लेखन की सुन्दरता : पत्र की लेखन कला का भी आवदेन प्राप्तकर्ता के सामने प्रभाव पड़ता हैं. लेखन जिनता सुन्दर और मात्रा की गलतियों के बिना होगा उनता उन्नत रहेगा एवं एक बात का ध्यान रखे की पत्र के अक्षर एक समान लिखे हो कोई अक्षर बड़ा या छोटा नहीं होना चाहिए.
आशा हैं की आपको यह पत्र अच्छा लगा होगा. इसी तरह की और पत्र लेखन प्राप्त करने के लिए हमारी वेबसाइट के Notification को Allow करके हमारी वेबसाइट से जुड़े. इसी प्रकार के अन्य विषय पर यदि आप पत्र चाहते हैं तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिखे.