विज्ञान के चमत्कार पर निबंध | Vigyan ke chamatkar (Wonder of Science) essay in hindi | Vigyan ke chamatkar par nibandh
आधुनिक युग में विज्ञान के क्षेत्र में होने वाले नवीन आविष्कार ने सारे संसार में क्रांति ला दी है. विज्ञान के अभाव में मनुष्य जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती. विज्ञान की सहायता से मानव प्रकृति और अंतरिक्ष दोनों पर विजय प्राप्त करता जा रहा है. आज से कुछ वर्ष पूर्व विज्ञान का आविष्कार पर चर्चा मात्र से ही लोग आश्चर्यचकित हो जाते थे. किंतु आज वही आविष्कार मनुष्य के दैनिक जीवन के अंग बन गए हैं. प्राचीन समय में मानव प्रकृति की प्रत्येक वस्तु को कोतुहल भरी नज़रों से देखता था व उन्हें आश्चर्यजनक मानता था और उनसे भयभीत होकर ईश्वर से प्रार्थना करता था, परंतु आज विज्ञान ने प्रकृति को वश में कर उसे मानव की दासी बना दिया है.
विभिन्न क्षेत्रों में विज्ञान के चमत्कार (Vigyan ke chamatkar Ka Prabhav)
आविष्कार मनुष्य की सबसे बड़ी भौतिक शक्ति है. यह विश्व के संचालन का मूल आधार है. विज्ञान के असीमित शक्ति का पता ही उसके चमत्कार पूर्ण आविष्कारों से लगता है. वैज्ञानिक आविष्कारों का सहारा लेकर मानव ने बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान खोज निकाला हैं. विज्ञान की वरदायिनी शक्ति मानव को अपार सुख समृद्धि प्रदान कर रही है. आज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में विज्ञान के आविष्कारों का प्रभुत्व देखा जा सकता है. इनमें से कुछ प्रमुख क्षेत्रों का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है-
संचार के क्षेत्र में
प्राचीन काल में संदेशों के आदान-प्रदान में काफी समय लग जाता था किंतु अब समय की दूरी घट गई है अब मोबाइल फोन, मेल द्वारा और अन्य कई साधनों द्वारा क्षणभर में संदेश तथा विचारों का आदान प्रदान किया जा सकता है. अब एक समाचार, टेलीप्रिंटर, रेडियो द्वारा कुछ ही क्षणों में प्रेषित किया जा सकता है. विश्व के समाचारों को इंटरनेट के माध्यम से मोबाइल पर पढ़ा जा सकता है. आज चंद्रमा और अन्य ग्रहों के संदेश पल भर में प्राप्त किए जा सकते हैं. विज्ञान ने पृथ्वी और आकाश की दूरी समेट ली है.
यातायात एवं परिवहन के क्षेत्र में
पुराने समय में थोड़ी दुरी पर जाने में भी काफी समय लग जाया करता था, लंबी यात्राएं सपने की तरह लगती थी किंतु अब परिवहन के साधनों से लंबी यात्राएं अत्यंत सुगम और सुलभ हो गयी है. अब थोड़े समय में ही वस्तुएं एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाई जा सकती हैं. पृथ्वी के साथ साथ आज इन वैज्ञानिक साधनों ने चंद्रमा पर भी अपने कदम रख दिए हैं.
चिकित्सा के क्षेत्र में
विज्ञान ने मानव जीवन को बहुत समृद्ध बनाया है. अनेक असाध्य बीमारियों का इलाज विज्ञान द्वारा ही संभव हुआ है. ब्रह्मा सृष्टि के संयोजक है किंतु जीवन को संवारा विज्ञान ने ही सिखाया हैं. आधुनिक चिकित्सा पद्धति इतनी विकसित हो गई है कि अंधे को आंख और अपंग को अंग मिलना संभव है. दवाओं, शल्य चिकित्सा, प्रति विश्वास आदि द्वारा मनुष्य को नया जीवन दिया जाता है. कैंसर, टी. बी., हृदय रोग जैसे भयंकर जानलेवा रोगों का इलाज विज्ञान के माध्यम से ही संभव हुआ है. वस्तुतः विज्ञान चिकित्सा की नवीन पद्धतियों से मानव को दीर्घजीवी बनाया है.
शिक्षा के क्षेत्र में
शिक्षा के प्रचार एवं प्रसार में विज्ञान में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. विज्ञान के द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में अद्भुत कार्य किए गए हैं. टेलीविजन, रेडियो, सिनेमा तथा कंप्यूटर ने शिक्षा को सरल बनाया है. प्रेस तथा समाचार पत्र छात्रों के ज्ञान वृद्धि का अद्भुत साधन है. छापखाने के आविष्कार ने पुस्तकों के प्रकाशन द्वारा ज्ञान के नए आयाम स्थापित किए हैं. आज कंप्यूटर शिक्षा का अभिन्न अंग बन गया है.
कृषि के क्षेत्र में
जनसंख्या की दृष्टि से भारत का विश्व में दूसरा स्थान है. इतनी विशाल जनसंख्या की अनुभूति असंभव थी. अनाज के क्षेत्र में हम पूर्णतः आत्मनिर्भर है. जिसका श्रेय आधुनिक विज्ञान को ही दिया जाता है. अनेक प्रकार के उर्वरक, कृत्रिम जल व्यवस्था, बुवाई तथा कटाई आदि के आधुनिक साधनों एवं कीटनाशक दवाओं ने खेती को सुविधा पूर्ण और सरल बना दिया है. इसके कारण सरलता से उदर पूर्ति कर सकते हैं. अन्य को सुरक्षित रखने तथा वितरण की समूची व्यवस्था के लिए नवीन उपकरणों का आविष्कार किया गया है.
मनोरंजन के क्षेत्र में
मनोरंजन के आधुनिक संसाधन विज्ञान की ही देन है. सिनेमा, रेडियो, टेलीविजन, मोबाइल आदि ने मानव को उच्चकोटि के सरल और सुलभ मनोरंजन के साधन दिए हैं.
उद्योग के क्षेत्र में
औद्योगिक क्षेत्र में विज्ञान ने क्रांतिकारी परिवर्तन किए. अलग-अलग मशीनों से उत्पादन में वृद्धि हुई है. कपड़े, खाद तथा दैनिक उपभोग की वस्तुओं को बनाने के लिए विज्ञान में सरलतम साधनों का आविष्कार किया है. भारत में अनेक छोटे बड़े कारखानों का संचालन हो रहा है. वास्तव में विज्ञान ने ही उद्योगों को प्रगति की ओर अग्रसर किया है.
परमाणु के क्षेत्र में
आज के युग को परमाणु युग कहा जाता है. प्राचीन काल में मानव को एक छोटे से कार्य को करने के लिए कठिनाई का अनुभव होता था किंतु आज विज्ञान ने मनुष्य के हर कार्य को आसान बना दिया है. आज अणुशक्ति द्वारा कृत्रिम बादलों के माध्यम से वर्षा की जा सकती है. अणुशक्ति से ही मानव कल्याण संबंधित अनेक कार्य किए जा रहे है. शांतिपूर्ण कार्यों के लिए भी शक्ति का विकास किया जा रहा है. पृथ्वी और समुद्र से मूल्यवान गैस और खनिज प्राप्त किए जा रहे हैं.
विज्ञान के चमत्कार से लाभ और हानि (Vigyan ke chamatkar se Labh Aur Hani)
विज्ञान ने मानव को ऐसी अनेक वरदायिनी शक्ति प्रदान की है जिनके द्वारा कठिन मानव जीवन को सरल बना दिया गया है. ज्ञान ने मनुष्य को प्रत्येक क्षेत्र में सुविधाएं उपलब्ध कराई है. विज्ञान ने मानव को बाढ़, महामारी से बचाया है. मनुष्य को निरोग बनाकर उसे दीर्घायु बनाया है. रहन सहन की सुविधाएं प्रदान करके जीवन को सुखमय बनाया है. विज्ञान ने अपराधों को रोकने में भी मदद की है.
विज्ञान ने जहां मानव जीवन को लाभान्वित किया है वहीं दूसरी ओर समाज को कुछ हानियां भी हुई है. सुविधाजनक उपकरणों ने मानव को कमजोर बना दिया है. यंत्रों का अधिक उपयोग के कारण बेकारी बढ़ गई है. नवीन वैज्ञानिक प्रयोगों ने संपूर्ण प्राकृतिक वातावरण को दूषित कर दिया है.
परमाणु युद्ध के भय ने मानव को भयभीत कर दिया है. विज्ञान के प्रभाव से ही मानव अपनी प्राचीन परंपरा और आस्था को भूल गया है. वह भौतिकवादी और स्वार्थी होता जा रहा है. उसमें विश्व बंधुत्व की भावना लुप्त होती जा रही है. वैज्ञानिक आविष्कारों की निरंतर स्पर्धा आज विश्व को खतरनाक मोड़ पर ले जा रही है. परमाणु तथा हाइड्रोजन बम विश्व शांति के लिए खतरा बन गए हैं. इसके प्रयोग से संपूर्ण विश्व का विनाश संभव है. इससे संसार की संस्कृति पल पर में नष्ट हो सकती है.
विज्ञान और मनुष्य का संबंध (Science and Human Relationship)
मानव तथा विज्ञान का परस्पर अटूट संबंध है. आज का मानव वैज्ञानिक मानव बन गया है. विज्ञान की घुट्टी पीकर वह बर्बर होता जा रहा है. इसलिए आज मानव के विवेक को जागृत करने की आवश्यकता है जिससे वह विज्ञान का वरदान रूप ग्रहण कर सकें, अभिशप्त रूप नहीं.
उपसंहार (Coclusion)
विज्ञान के गुणों और विशेषताओं को देखते हुए कहा जा सकता है कि विज्ञान मानव के लिए वरदान ही सिद्ध हुआ है. हमारा जीवन विज्ञान का ऋणी है. यदि मानव विवेक से काम लें और विज्ञान का दुरूपयोग ना करें तो विज्ञान के आविष्कारों से धरती को स्वर्ग बनाया जा सकता है. जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में मानव विज्ञान का ऋणी हैं. वास्तव में विज्ञान स्वयं एक चमत्कार है.
एमर्सन के अनुसार- “ आज हम विज्ञान के युग में रह रहे हैं और विज्ञान के बिना मानव के अस्तित्व की कल्पना असंभव प्रतीत होती है”.
वस्तुतः विज्ञान की स्थिति उस तलवार की तरह है जिस के प्रयोग से रक्षा भी की जा सकती है और विनाश भी किया जा सकता है. विज्ञान का प्रयोग मनुष्य के हाथ में है. उसे विज्ञान का प्रयोग मानव जाति के हित के लिए करना चाहिए. विज्ञान के इसी खतरे के प्रति मनुष्य को सावधान करते हुए राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर ने लिखा है-
तो उसे दे छोड़, तजकर मोह स्मृति के पार
हो चुका है सिद्ध कि तू है शिशु अभी नादान,
फूल काँटों की तुझे कुछ भी नहीं पहचान,
काट लेगा अंग तीखी है बड़ी यह धार
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धन्यवाद बहुत ही अच्छी पोस्ट है
स्वागत है आपका
Nice hume bahut aaccha laga