भारत जनसँख्या की दृष्टि से दुनिया का सबसे बड़ा देश है, जहाँ अनेक संस्कृति व भाषाएँ आत्मसात है. भिन्न-भिन्न राज्यों में भिन्न-भिन्न प्रकार की भाषाएँ और संस्कृतियाँ सुनने व देखने को मिलती है. भारत में वर्तमान में मेक इन इंडिया का नारा बुलंद है, इसे वर्तमान सरकार की एक अच्छी पहल कहा जा सकता है, लेकिन क्या मेक इन इंडिया भारत जैसे विशाल देश को आतंरिक समृद्धि दिलाने के लिए पर्याप्त है? क्या मेक इन इंडिया का नारा भारत के महान क्रांतिकारियों व शहीदों को मंजूर होता!, जिन्होंने देश में स्वदेशी का नारा बुलंद किया था.
बालगंगाधर तिलक, महात्मा गाँधी, राजीव दीक्षित जैसे कई विद्वानों ने मेड इन इंडिया के पथ पर चलने का भरचक प्रयास किया. पूर्ण स्वदेशी की दिशा में कई आन्दोलन चलाये गए जिसमें वस्तुओं को भारत में ही बनाने व भारत के ही सभी संसाधनों द्वारा बनाने का आग्रह किया गया. वास्तविकता में पूर्ण स्वदेशी भी यही है.
हम सभी सोशल मीडिया का प्रयोग करते है, यह लेख भी आप सोशल मीडिया के माध्यम से ही यहाँ पढ़ रहे है. क्या आप जानते है? आप जितने भी सामाजिक मंचो का इन्टरनेट पर उपयोग करते है वे सभी लगभग विदेशी है! जैसे- फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप्प, इन्स्टाग्राम इत्यादि. फिलहाल इन सभी माध्यमों का उपयोग करना हमारी मज़बूरी है क्योंकि हमारे पास कोई स्वदेशी विकल्प नहीं है.
परन्तु हमारे पास यदि सोशल मीडिया का कोई स्वदेशी विकल्प होता है तो हम भारत का करोड़ो रूपया विदेशों में जाने से रोक सकते है. भारत के लोग यदि भारत में ही बने किसी पूर्ण स्वदेशी माध्यम पर समय देना शुरू करें तो वह दिन दूर नहीं होगा जब हम दुनिया के अन्य देशों की तरह स्वावलंबी बनेंगे.
अभी कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर मूषक के रूप में एक स्वदेशी सामाजिक मंच की जानकारी प्राप्त हुई, पड़ताल करने पर पाया गया कि यह एक पूर्ण स्वदेशी विकल्प है, जिसके निर्माता भारत के पुणे शहर में रहने वाले अनुराग गौड़ है. मूषक एक पूर्ण स्वदेशी और भारतीय भाषाओँ में बना एक स्वदेशी प्लेटफार्म है. जहाँ आप अपनी स्वयं की भाषा में अपनी बात रख सकते है. मूषक पर अंग्रेजी व विदेशी भाषाएँ वर्जित है.
स्वदेशी व भाषायीं रूपी इस आन्दोलन से आप भी जुड़ें व अपने मित्रों को भी जुड़ने के लिए आग्रह करें.
मूषक को डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें
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