महाराणा प्रताप की कुल कितनी पत्नियाँ थी, उनके नाम, पुत्रों के नाम, जागीरदारी | Maharana Pratap Wife and Son details in Hindi | महाराणा प्रताप की पत्नियाँ
महाराणा प्रताप के परिवार को लेकर आज भी बहुत से मतभेद है. इतिहासकारों और कुछ उस समय के कलाकारों के वशंजों द्वारा अलग-अलग जानकारी बताई गई हैं. निम्नलिखित जानकारी महाराणा प्रताप पर पहली बार रिसर्च करने वाले डॉक्टर चन्द्रशेखर द्वारा अपने प्रकाशित लेखो में लिखी गई हैं. जिसमे उनके परिवार की जानकारी दी गई हैं.
पत्नियां- रानी अजबदेह पंवार, रानी सोलंकीनी पुबाई, फूल कंवर राठौड़ प्रथम, चंपा कंवर झाला, रानी जसोबाई चौहान, रानी फूल बाई राठौड़ (द्वितीय), रानी शहमाती बाई हाड़ा, रानी खीचर अशबाई, रानी आलमदेबाई चौहान, रानी अमरबाई राठौड़, लखाबाई राठौड़, रतनावती परमार, रत्नावत्ति पूरबियां, ईडानी रानी, भगवत कंवर राठौड़, प्यार कंवर सोलंकी.
बेटे- अमरसिंह, भगवानदास, गोपाल, कुंवर साहसमल, चंदा, शिखा, कचरों सिंह, सनवालदास, दुर्जन सिंह, कुंवर कल्याण दास, पुरा सिंह, हत्थी, राम सिंह, जसवंत सिंह, रायभाना, माल, गज, क्लिंगु.
बेटियां- रखमावती, रामकंवर, कुसुमावती, दुर्गावती, सुक कंवर.
महाराणा प्रताप की पत्नियाँ और पुत्र (Wife and Sons of Maharana Pratap)
रानी अजबदेह पंवार
महाराणा प्रताप की पहली पत्नी महारानी अजादेह थीं. उन्होंने 1557 में 17 साल की उम्र में उनसे शादी की. इस शादी से महाराणा प्रताप के पहले बेटे और उत्तराधिकारी अमर सिंह प्रथम का जन्म 1559 में हुआ था.
रानी सोलंकीनी पुबाई
वह महाराणा प्रताप की दूसरी पत्नी थीं और उनके दो बेटे कुंवर गोपाल और कुंवर सहज मल (तीसरे बेटे) थे. साहसमल धरियावद स्टेट के रावतों के संस्थापक और पूर्वज थे और इसलिए वे धरियावद के पहले कुंवर साहेब भी हैं. उनके उत्तराधिकारी कुंवर भूपत राम थे
रानी चंपाबाई झाती
महाराणा प्रताप की तीसरी पत्नी रानी चंपाबाई के तीन बेटे थे. कुंवर बच्चा सिंह, कुंवर सांवल दास सिंह और कुंवर दुर्जन सिंह. जबकि कुंवर बच्चा सिंह को उदयपुर जिले की गोगुन्दा तहसील में एक जगह, जोलावास का जागीर दिया गया था. अन्य दो बेटों का विवरण ज्ञात नहीं है.
रानी जसोबाई चौहान
रानी जसोबाई चौहान महाराणा प्रताप की चौथी पत्नी थीं और उनके एकमात्र पुत्र कुंवर कल्याण दास / कुंवर कल्याण सिंह थे. उन्हें उदयपुर के पास परसाद (पार्षद) क्षेत्र की जागीर दी गई.
रानी फूल बाई राठौर
महाराणा प्रताप की पांचवीं पत्नी फूल बाई राठौर हैं. उनके पुत्र कुंवर चंदा सिंह को अक्सर महाराणा प्रताप के दूसरे पुत्र के रूप में उल्लेखित किया जाता है. उन्हें अंजना की जागीर दी गई. फूल बाई राठौर का एक और बेटा भी था जिसका नाम ठाकुर शेखा सिंह था. शेखा सिंह, प्रताप के चौथे पुत्र थे. उनकी दूसरी पत्नी के पुत्र, साहसमल के बगल में उन्हें बेरा और नाना के जागीर दी गई.
रानी शाहमती बाई हाड़ा
प्रताप ने एक हाड़ा राजकुमारी शाहमती बाई हाडा से शादी की और उन्हें अपनी 6 वीं पत्नी बनाया. इनका एक पुरा व पूरन मल नाम का एक पुत्र था. पूरन मल उदयपुर के वर्तमान भीलवाड़ा जिले में मंगरोप के जागीर के पहला ठाकुर थे.
रानी खिचर आशाबाई
7 वीं पत्नी के दो बेटे थे – कुंवर हाथी सिंह और कुंवर राम सिंह. मनकारी और उड़िया का क्षेत्र राम सिंह को दिया गया था और हाथी सिंह को तीन अलग-अलग जागीरों की देखभाल के लिए नियुक्त किया गया था – वैस, दंतरा और गेंडलिया.
रानी आलमदेबाई चौहान
रानी आलमदेबाई चौहान महाराणा प्रताप ने चौहान वंश से एक राजकुमारी से शादी की और अपनी 8 वीं पत्नी बनाई. उन्होंने कुंवर जसवंत सिंह को जन्म दिया जिन्होंने जलोद और करुणा जागीर की देखभाल की.
रत्नावती परमार
महाराणा प्रताप की 9 वीं पत्नी रत्नावती परमार को महारानी अजबदे की बहन माना जाता है. उनके एक पुत्र कुंवर मंगल सिंह था.
रानी अमरबाई राठौर और रानी लखबाई
महाराणा प्रताप की 10 वीं और 11 वीं पत्नी क्रमश: अमरबाई राठौर और लखबाई थीं. अमरबाई का पुत्र कुंवर नाथ सिंह था. लखबाई का पुत्र कुंवर रायभान सिंह था.
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