राष्ट्रीय डाक दिवस कब व क्यों मनाते हैं | National Post Day 2024 : बहुत समय पहले अपने रिश्तेदारों, सम्बन्धियों से बातचीत करने का एक ही माध्यम हुआ करता था, वह है डाक. जिसके द्वारा हम पत्र भेजा करते थे और मनीऑर्डर, टेलीग्राम आदि की सहायता लिया करते थे. लेकिन आज के समय में इन्टरनेट, कुरिअर के माध्यम से हम वस्तुओं को भेज सकते हैं व मिनटों में संदेश प्राप्त कर सकते हैं. इन्टरनेट और मोबाइल फ़ोन के इस समय में भी हम डाक सेवा को नकार नहीं सकते क्योंकि इसकी सहायता किसी न किसी काम में पड़ती ही रहती है. डाक का महत्त्व आज भी है और इसी महत्त्व को दर्शाने के लिए प्रत्येक वर्ष डाक दिवस मनाया जाता है.
भारतीय डाक के कर्मचारियों को समर्पित करने के लिए यह दिवस प्रत्येक वर्ष 10 अक्तूबर को मनाया जाता है. विश्व में यह डाक दिवस 9 अक्टूबर को मनाया जाता है. राष्ट्रीय डाक दिवस मनाने का उद्देश्य ग्राहकों को इसके प्रति जागरूक बनाना है. इस अवसर पर सर्वश्रेष्ठ काम करने वाले कर्मचारियों को पुरस्कृत भी किया जाता है. आज भी डाक सेवाओं ने अपना कार्य बरकरार रखा हुआ है हालाँकि इसका संचालन मुश्किल है लेकिन शहर व गाँव दोनों में डाक की सुविधाएं आज भी सुचारू रूप से चल रही हैं.
राष्ट्रीय डाक का इतिहास | National Post Day History
भारतीय डाक का इतिहास लगभग डेढ़ सौ वर्ष पुराना है. इसकी शुरुआत ब्रिटिश शासन में हुई थी. यह अंग्रेजो द्वारा शुरू की गयी डाक सेवा केवल उनके व्यापारिक हित हेतु थी. सन 1766 में लार्ड क्लाइव द्वारा पहली बार भारत में डाक व्यवस्था की शुरुआत हुई. इसकी स्थापना एक विभाग के रूप में 1 अक्तूबर 1854 में हुई. भारत में पहला डाकघर कोलकाता में में सन 1774 को वारेन हेस्टग्सिं द्वारा स्थापित किया गया. इसके बाद 1786 में मद्रास में डाकघर बनाया गया. इसके बाद 1793 में बम्बई प्रधान डाकघर की स्थापना हुई. 1863 में रेल डाक सेवा प्रारंभ हुई.
- भारत में पहली बार पत्र पर टिकट लगाने की शुरुआत सन 1852 में हुई. तब महारानी विक्टोरिया के चित्र वाला टिकट 1 अक्टूबर सन 1854 में जारी किया गया.
- सन 1880 में मनी ऑर्डर की सेवा प्रारंभ हुई.
- 1972 को पिन कोड की शुरुआत हुई और 1986 को स्पीड पोस्ट की सेवा प्रारम्भ की गयी. इसी तरह लोगों की सुविधाओं का ध्यान रखते हुए भारतीय डाक अपनी सेवाओं को बढ़ा रहा है.
- 2000 में ग्रीटिंग पोस्ट की शुरुआत हुई, 2001 में इलेक्ट्रॉनिक फण्ड ट्रान्सफर सेवा शुरू की गयी, तत्पश्चात 2002 में इन्टरनेट आधारित ट्रैक एवं टैक्स सेवा की शुरुआत हुई.
- इसी तरह भारतीय डाक ने अपना सफ़र जारी रखा और 2003 में बिल सेवा प्रारम्भ की और 2004 में ई – पोस्ट सेवा की शुरुआत की और इसी वर्ष लोजिस्टिक्स पोस्ट सेवा भी प्रारंभ की गई.
ब्रिटिश शासन द्वारा शुरू की गयी इस सेवा को नया आयाम भारत ने ही दिया है जिसके अंतर्गत उन्होंने लोगों की जरूरतों पर ध्यान केन्द्रित करके नई-नई सेवाएं प्रदान की हैं.
वास्तव में डाक सेवा भारत का एक अभिन्न अंग है. इन्टरनेट, मोबाइल फ़ोन, कुरिअर आदि तो इस युग की देन हैं लेकिन भारतीय डाक का प्रदर्शन 150 वर्षों से सतत चल रहा है.
इसे भी पढ़े :