पैर छुने के पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक कारण दोनों ही मौजूद हैं। पुरानी परंपरा है कि हमें सभी बड़े लोगों के पैर छुना चाहिए। इसे बड़े लोगों का सम्मान करना समझा जाता है। जिन लोगों के पैर छुए जाते हैं, उनके लिए शास्त्रों में कई नियम भी बनाए हैं। यदि कोई व्यक्ति आपके पैर छुता है तो आपको क्या करना चाहिए, यहां जानिए…
पैर छुने के पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक कारण दोनों ही मौजूद हैं। जब भी कोई आपके पैर छुए तो सामान्यत: आशीर्वाद और शुभकामनाएं तो देना ही चाहिए, साथ भगवान का नाम भी लेना चाहिए।
जब भी कोई आपके पैर छुता है तो इससे आपको दोष भी लगता है। इस दोष से मुक्ति के लिए भगवान का नाम लेना चाहिए। भगवान का नाम लेने से पैर छुने वाले व्यक्ति को भी सकारात्मक फल प्राप्त होते हैं और आपके पुण्यों में बढ़ोतरी होती है। आशीर्वाद देने से पैर छुने वाले व्यक्ति की समस्याएं समाप्त हो सकती हैं।
किसी बड़े व्यक्ति के पैर क्यों छुना चाहिए?
पैर छुना या प्रणाम करना, केवल एक परंपरा या बंधन नहीं है। यह एक विज्ञान है जो हमारे शारीरिक, मानसिक और वैचारिक विकास से जुड़ा है। पैर छुने से केवल बड़ों का आशीर्वाद ही नहीं मिलता बल्कि अनजाने ही कई बातें हमारे अंदर उतर जाती है। पैर छुने का सबसे बड़ा फायदा शारीरिक कसरत होती है, तीन तरह से पैर छुए जाते हैं। पहले झुककर पैर छुना, दूसरा घुटने के बल बैठकर तथा तीसरा साष्टांग प्रणाम। झुककर पैर छुने से कमर और रीढ़ की हड्डी को आराम मिलता है। दूसरी विधि में हमारे सारे जोड़ों को मोड़ा जाता है, जिससे उनमें होने वाले स्ट्रेस से राहत मिलती है, तीसरी विधि में सारे जोड़ थोड़ी देर के लिए तन जाते हैं, इससे भी स्ट्रेस दूर होता है। इसके अलावा झुकने से सिर में रक्त प्रवाह बढ़ता है, जो स्वास्थ्य और आंखों के लिए लाभप्रद होता है।
प्रणाम करने का तीसरा सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे हमारा अहंकार कम होता है। किसी के पैर छुना यानी उसके प्रति समर्पण भाव जगाना, जब मन में समर्पण का भाव आता है तो अहंकार स्वत: ही खत्म होता है। इसलिए बड़ों को प्रणाम करने की परंपरा को नियम और संस्कार का रूप दे दिया गया।