जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले की जानकारी, शहीदों के नाम और इस हमले के बाद हुए परिणाम | Pulwama Attack, Name of martyr and India’s Action in Hindi
14 फरवरी 2019 को जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरक्षा कर्मियों को ले जा रहे वाहनों के एक काफ़िले पर भारत के अवंतीपूरा, पुलवामा जिले, जम्मू और कश्मीर के पास लेथपोरा में एक वाहन-चालित आत्मघाती हमलावर ने हमला किया. जिसके परिणामस्वरूप 42 केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीफ) जवान शहीद हो गए. हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित इस्लामिक आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी.
2015 के बाद से कश्मीर में पाकिस्तान से भेजे गए आतंकवादियों ने भारतीय सुरक्षा बलों के खिलाफ तेजी से आत्मघाती हमले किए हैं. जुलाई 2015 में, तीन बंदूकधारियों ने गुरदासपुर में एक बस और पुलिस स्टेशन पर हमला किया था. इससे पहले 2016 में, पठानकोट वायु सेना स्टेशन पर 4 से 6 बंदूकधारियों ने हमला किया था. फरवरी और जून 2016 में, आतंकवादियों से लड़ाई पंपोर में क्रमशः नौ और आठ सुरक्षाकर्मियों शहीद हो गए थे. सितंबर 2016 में, चार हमलावरों ने उरी में एक भारतीय सेना के ब्रिगेड मुख्यालय पर हमला किया जिसमें 19 सैनिक शहीद हो गए थे. 31 दिसंबर 2017 को, लेथपोरा में कमांडो ट्रेनिंग सेंटर पर भी आतंकवादियों द्वारा हमला किया गया था जिसमें पांच सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे. इन हमलों के स्थान जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के आसपास के क्षेत्र में थे.
14 फरवरी 2019 को नेशनल हाईवे 44 पर जम्मू से श्रीनगर के लिए 2547 केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवानों को ले जाने वाली 78 बसों का काफिला जा रहा था. काफिला जम्मू से लगभग 3:30 बजे भारतीय समयानुसार और बड़ी संख्या में कर्मियों को लेकर रवाना हुआ था क्योंकि राजमार्ग खराब मौसम के कारण दो दिनों से बंद था. काफिले को सूर्यास्त से पहले गंतव्य तक पहुंचाना था
अवंतीपोरा के पास लेथपोरा के पास 15:15 बजे के आसपास महिंद्रा स्कॉर्पियो एसयूवी कार से विस्फोटक ले जा रहे एक आतंकवादी ने सुरक्षाकर्मी से भरी बस को टक्कर मार दी. इसके परिणामस्वरूप विस्फोट हुआ जिसमें 76 वीं बटालियन के 42 सीआरपीएफ कर्मी शहीद गए और कई अन्य घायल हो गए. घायलों को श्रीनगर के सेना बेस अस्पताल ले जाया गया.
पुलवामा हमले में शहीद हुए जवान के नाम (Name of Martyrs in Pulwama Attack)
शहीद का नाम | यूनिट | स्थान |
अमित कुमार | 92वीं बटालियन | शामली, यूपी |
जीत राम | 92वीं बटालियन | भरतपुर, राजस्थान |
कुलविंदर सिंह | 92वीं बटालियन | आनंदपुर साहिब, पंजाब |
विजय कुमार मौर्या | 92वीं बटालियन | देवरिया, यूपी |
महेश कुमार | 118 वीं बटालियन | इलाहाबाद, उत्तरप्रदेश |
नारायण लाल गुर्जर | 118वीं बटालियन | राजसामंद,राजस्थान |
संजय राजपूत | 115वीं बटालियन | बुलढाना, महाराष्ट्र |
अजीत कुमार आज़ाद | 115वीं बटालियन | उन्नाव, यूपी |
प्रदीप कुमार | 115वीं बटालियन | तेरवा, कन्नौज |
श्याम बाबू | 115वीं बटालियन | कानपुर देहात, यूपी |
कौशल कुमार रावत | 115वीं बटालियन | प्रतापपुरा, उत्तर प्रदेश |
मोहनलाल | 110वीं बटालियन | उत्तरकाशी, उत्तराखंड |
वीरेंद्र सिंह | 45वीं बटालियन | उधमसिंहनगर, उत्तराखंड |
रतन कुमार ठाकुर | 45वीं बटालियन | भागलपुर, बिहार |
अवधेश कुमार यादव | 45वीं बटालियन | चंदौली, यूपी |
विजय सोरेंग | 82वीं बटालियन | गुमला, झारखंड |
मनिंदर सिंह अतरी | 75वीं बटालियन | गुरदासपुर, पंजाब |
अश्विनी कुमार | 35वीं बटालियन | जबलपुर, मध्यप्रदेश |
रोहिताश लांबा | 76वीं बटालियन | जयपुर, राजस्थान |
सुखजिंदर सिंह | 76वीं बटालियन | तरणतारन, पंजाब |
तिलक राज | 76वीं बटालियन | कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश |
हेमराज मीणा | 61वीं बटालियन | कोटा, राजस्थान |
पी.के साहू | 61वीं बटालियन | जगत सिंह पुर, ओडिशा |
रमेश यादव | 61वीं बटालियन | वाराणसी, यूपी |
सुब्रमनियन जी | 82वीं बटालियन | तुतीकोरिन, तमिलनाडू |
संजय कुमार सिन्हा | 176वीं बटालियन | पटना, बिहार |
मानेसवर बासुमतारी | 98वीं बटालियन | बक्सा, असम |
राठौड़ नितिन शिवाजी | 3 री बटालियन | बुलढाणा, महाराष्ट्र |
पंकज कुमार त्रिपाठी | 53वीं बटालियन | महाराजगंज, यूपी |
गुरू एच. | 82वीं बटालियन | मांड्या, कर्नाटक |
राम वकील | 176वीं बटालियन | मैनपुरी, यूपी |
जयमल सिंह | 76वीं बटालियन | मोगा, पंजाब |
नासिर अहमद | 76वीं बटालियन | राजौरी, जम्मू-कश्मीर |
वसंथा कुमार वी.वी | 82वीं बटालियन | वयानाड़, केरल |
प्रदीप कुमार | 21वीं बटालियन | शामली, उत्तर प्रदेश |
बबलू संतरा | 35वीं बटालियन | हावड़ा, पश्चिम बंगाल |
पुलवामा हमले के बाद भारत की और से उठाये कदम (India’s Action After Pulwama Attack)
पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद ने हमले की जिम्मेदारी ली. उन्होंने हमलावर आदिल अहमद डार उर्फ आदिल अहमद गादी तकरनवाला उर्फ वकास कमांडो का एक वीडियो भी जारी किया, जो काकापोरा के एक 22 वर्षीय निवासी हैं, जो एक साल पहले समूह में शामिल हुआ था. राष्ट्रीय जांच एजेंसी जम्मू और कश्मीर पुलिस के साथ हमले की जांच करेगी. प्रारंभिक जांच में बताया गया है कि कार में 200 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक था. यह एक आत्मघाती फियादीन हमला था. .
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया कि बलिदान व्यर्थ नहीं जाएंगे. “पुलवामा में सीआरपीएफ कर्मियों पर हमला निंदनीय है. हमारे बहादुर सुरक्षाकर्मियों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. पूरा देश बहादुर शहीदों के परिवारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है. उन्होंने कहा। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आश्वासन दिया है कि आतंकी हमले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी जाएगी.
इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन) का दर्जा वापस ले लिया है. डब्ल्यूटीओ बनने के साल भर बाद भारत ने पाकिस्तान को 1996 में एमएफएन का दर्जा दिया था.
मोस्ट फेवर्ड नेशन क्या है?
विश्व व्यापार संगठन और इंटरनेशनल ट्रेड नियमों के आधार पर देश को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दिया जाता हैं. एमएफएन के तहत आश्वासन रहता है कि उस देश को व्यापार में नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा. इस एमएफएन समझौते के तहत व्यापार करने में विशेष प्रकार की छूट दी जाती हैं. अर्थात उनके साथ कम निर्यात शुल्क पर व्यापार किया जाता हैं.
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